मुस्काते शब्द
दोस्तों कितनी दूरियाँ हुईं , उम्र बढ़ने के बाद ,
कभी तो मिलने की , कोशिश कर लो दोस्तों ||
मेरे दरवाजे की घंटी बजा दोगे ,
तो बहुत अच्छा लगेगा ,
ना हो तो एक फोन ही तुम , मिलाओ तो सही ||
फोन पर ही , कुछ तो बातें होंगी ,
मुलाकातें ना सही ,
जज्बात ही आपस में मिल जाएँ ||
कुछ तो मुस्काते शब्द ही , पहुँचे एक - दूजे तक ,
कुछ तो यादों की तस्वीरें , उकेरी जाएँ शब्दों में ||
No comments:
Post a Comment