Friday, December 5, 2025

BHAAV SHABDON KE ( KSHANIKAA )

 

                   भाव शब्दों के 

 

लिख दे लेखनी शब्द मधुर  ,

उपजे   हैं जो मेरे दिल से   ,

तू भी प्यार करे मुझ से   ,

मैं भी प्यार करूँ तुझ से   || 

 

शब्दों का खजाना है तुझ में  ,

भावों का खजाना मुझ में पलता  ,

तेरे शब्द उतरें कागज पर  ,

भावों का खजाना मुझ में  चलता   || 

 

तू तो मीठे शब्द संवार  ,

मैं भावों को लेती हूँ निखार  ,

जीवन तेरा - मेरा मिल कर  ,

सब कुछ ही लेगा , गीतों को संवार   || 

 

गीतों  में जब शब्द जुड़ेंगे  ,

भाव भी तो शामिल होंगे  ,

जब सब सुनेंगे   गीतों को  ,

तभी तो सब ही खुश होंगे   ||  

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