बूँद - बूँद
पत्थरों को तराश कर , जो मूर्तियाँ बनती हैं ,
उन्हीं मूर्तियों को ईश्वर के , रूप में पूजा जाता है ,
पत्थर जो पड़े थे राहों में ,
उनका भविष्य इतना सुंदर होगा ,
हम नहीं जानते थे , पत्थर खुद भी नहीं जानते थे ||
दोस्तों मानव भी जन्म के समय , पत्थर होता है ,
उसी को गढ़कर ईश्वर नहीं , इंसान बना लो ,
तभी तो यह संसार , स्वर्ग जैसा सुंदर होगा ||
कण - कण में प्यार बसा होगा ,
बूँद - बूँद में प्यार बरसेगा ,
उसी वर्षा में खुद को , भिगो लो दोस्तों ,
जिंदगी को सुंदरतम , बना लो दोस्तों ||
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