नरमी
जिंदगी की हर राह में , फूल नहीं होते ,
वो राहें तो काँटों से , सजी होती हैं ,
उन्हीं राहों को , पार करो दोस्तों ,
तभी तो वही काँटे , फूलों में बदलेंगे ||
हर काँटा नई हिम्मत देगा , हौसला देगा ,
कदमों को मुसीबत से बचाने में ,
इंसान के कदमों के नीचे , फूल खिलेंगे ,
और इंसान उन राहों पर , दौड़ लगाएगा ||
तो उठो तैयार हो जाओ , शुरु करो ,
उन्हीं राहों पे दौड़ लगाने को ,
मत सोचो पैर छलनी होंगे ,
सोचो फूलों की नरमी , पैर के नीचे है ||
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