अनजानी -१
एक प्यारी खनखनाती हंसी ,
प्यार बरसाती चहुं ओर ,
हंसती हुई निगाहें , नेह जतातीं ,
स्वागत करतीं , अनजानों को अपना बनातीं |
कभी मिले न जाना कि कौन हो तुम ?
पल में ही अपनी लगीं ,
जीवंत और खिलखिलातीं |
वो पल जो बीते साथ -साथ ,
रहेंगे सदा याद ,
ये कुछ शब्द शायद ,
दिलाएं मेरी याद ,
यादों की थाती समेट कर ,
जाउंगी मैं कहीं और,
पर याद रहेंगी वो नजरें ,
स्वागत करतीं ,
अनजानों को अपना बनातीं |
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