सपने'
सपनीली आँखों ने सजाए हैं जो सपने ,
उन्हें पूरा करने ,
आए तुम मेरे अपने ।
जीवन में रंग
खुशियाँ दीं मुझे तुमने,
प्यार के हर पल को ,
महकाया है तुमने ,
ख्वाब जो मेरे दिल में ,
उभर कर आए ,
उन्हें पूरा करने ,
आए तुम मेरे अपने ।
बहार के आने पर ,
खुशबुओं से महके ,
मेरे मन की बगिया को ,
फूलों से महकाने ,
आए तुम मेरे अपने ।
हर ओर ज़ाम छलके ,
कुछ खुशियों के कुछ ग़म के ,
कोई कुछ खो के पी रहा है ,
और कोई कुछ पा के ,
मेरे जीवन में ,
खुशियों के सागर छलकाने ,
आए तुम मेरे अपने ।
सपनीली आँखों ने सजाए हैं जो सपने ,
उन्हें पूरा करने ,
आए तुम मेरे अपने ।
जीवन में रंग
खुशियाँ दीं मुझे तुमने,
प्यार के हर पल को ,
महकाया है तुमने ,
ख्वाब जो मेरे दिल में ,
उभर कर आए ,
उन्हें पूरा करने ,
आए तुम मेरे अपने ।
बहार के आने पर ,
चहुँ ओर फूल खिले ,
हर बगिया के सब कोने ,खुशबुओं से महके ,
मेरे मन की बगिया को ,
फूलों से महकाने ,
आए तुम मेरे अपने ।
हर ओर ज़ाम छलके ,
कुछ खुशियों के कुछ ग़म के ,
कोई कुछ खो के पी रहा है ,
और कोई कुछ पा के ,
मेरे जीवन में ,
खुशियों के सागर छलकाने ,
आए तुम मेरे अपने ।
No comments:
Post a Comment