अनजानी -!!
प्यार भरी खिलखिलाहट ने ,
याद दिलाए पुराने दिन ,
वो प्यार भरे अरमान ,
वो कागज वो कलम ,
न जाने कहाँ सोए थे |
भूल बैठी थी मैं सब कुछ ,
पर मिलते ही तुमसे ,
याद आए वही सपने ,
कभी थे जो अपने ,
आज फिर साकार होकर ,
सामने आ गए ,
सोए शब्द जगा गए |
नया पन्ना खुला जिंदगी का ,
कलम चलने क्या दौड़ने लगी ,
खिल - खिल के जिंदगी ,
ख़ुश्बुओं से महकने लगी |
कदम जमीं पर नहीं ,
गगन में उड़ने लगे ,
प्यार की महकती राहों में ,
लहरा के चहकने लगे |
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