प्यार का गीत 
अपनी सपनीली आँखों से ,
मैंने एक ख्वाब सनम देखा है ।
सिमटी हूँ मैं तुम्हारी बाहों में ,
                                        और तन - मन ये मेरा महका है ।
               रंग सूरज की किरनों ने बिखराए ,   जिन्दगी रंगीन मेरी कर डाली ।
प्यार के गीत गुनगुनाती हवा ,
कानों मेरे रस घोल गई है ।
इस ख्वाब को सच करने ,
आओगे कब ये बोलो सनम ?
प्यार का गीत जो सुनाया हवा ने ,
गुनगुनाओगे कब ये बोलो सनम ?
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