'जाने कहाँ'
जाने कहाँ ? किस दुनिया में ?
नाता हमसे तोङ गए तुम ।
वो नेह तुम्हारा ,
वो बाँहों के झूले ,
प्यार में तुम्हारे डूब हम ,
फले और फूले ,
गुलशन हमारा देख ,
बहुत खुश हुए तुम ।
आशीवार्दों की चादर ,
जो तुमने हमें दी ,
उसी से हमारी ,
ये बगिया महकी ,
जहाँ तुम हो वहीं से ,
हमें देखना तुम ।
वो मीठी सी यादें ,
नेह बरसातीं ,
तुम्हारे प्यार को मैं ,
सारा ही पाती ,
उस अनजानी दुनिया से ही ,
वही नेह बरसाना तुम ।
ओ पिता ! मेरे जन्म दाता ,
ओ पिता ! मेरे जन्म दाता ,
छोङकर हम को चले गए तुम ,जाने कहाँ ? किस दुनिया में ?
नाता हमसे तोङ गए तुम ।
वो नेह तुम्हारा ,
वो बाँहों के झूले ,
प्यार में तुम्हारे डूब हम ,
फले और फूले ,
गुलशन हमारा देख ,
बहुत खुश हुए तुम ।
आशीवार्दों की चादर ,
जो तुमने हमें दी ,
उसी से हमारी ,
ये बगिया महकी ,
जहाँ तुम हो वहीं से ,
हमें देखना तुम ।
वो मीठी सी यादें ,
नेह बरसातीं ,
तुम्हारे प्यार को मैं ,
सारा ही पाती ,
उस अनजानी दुनिया से ही ,
वही नेह बरसाना तुम ।
ओ पिता ! मेरे जन्म दाता ,
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