'मानव और उसकी सोच'
उतरा मानव धरती पर,
घास ही बिछौना था , ओढ़ना आकाश था ।
पर रचयिता ने दिया उसे मस्तिष्क ,
सोचने की शक्ति , करने की हिम्मत ।
इसी के बलबूते पर , मानव चला,
प्रगति की ओर , चलता गया,
विकास हुआ , आवश्यकताएँ बढ़ीं,
बढ़ती गईं , बढ़ती गईं ।
सूयर् , हवा और जल की ताकत को,
जब से उसने पहचाना,
किया बंद मुट्ठी में उस ताकत को,
जिस से था वो अनजाना ।
जल से बनाई वह शक्ति,
नाम दिया जिसको बिजली,
जिस की ताकत से ही,
आज मानव पैरों से नहीं,
पहियों से चलता है,
बिन पंख भी उङता है ।
दूर होने वाली घटनाएं भी,
सभी देखता सुनता है ।
कम्प्यूटर फिर बना मानव ने,
पूर्ण विश्व को चौंकाया,
जिसके द्वारा सकल जगत को,
असीम ज्ञान से भर पाया ।
अगणित आविष्कार विश्व में,
भरे पङे हैं मानव के,
पहला मानव रोबोट है ये,
उतरा मानव धरती पर,
घास ही बिछौना था , ओढ़ना आकाश था ।
पर रचयिता ने दिया उसे मस्तिष्क ,
सोचने की शक्ति , करने की हिम्मत ।
इसी के बलबूते पर , मानव चला,
प्रगति की ओर , चलता गया,
विकास हुआ , आवश्यकताएँ बढ़ीं,
बढ़ती गईं , बढ़ती गईं ।
सूयर् , हवा और जल की ताकत को,
जब से उसने पहचाना,
किया बंद मुट्ठी में उस ताकत को,
जिस से था वो अनजाना ।
जल से बनाई वह शक्ति,
नाम दिया जिसको बिजली,
जिस की ताकत से ही,
आज मानव पैरों से नहीं,
पहियों से चलता है,
बिन पंख भी उङता है ।
दूर होने वाली घटनाएं भी,
सभी देखता सुनता है ।
कम्प्यूटर फिर बना मानव ने,
पूर्ण विश्व को चौंकाया,
जिसके द्वारा सकल जगत को,
असीम ज्ञान से भर पाया ।
अगणित आविष्कार विश्व में,
भरे पङे हैं मानव के,
humanoid नया तजुर्बा ,
सफल रहा है जीवन में ।पहला मानव रोबोट है ये,
आगे जाने क्या होगा ?
अभी चाँद पर पहुंचा मानव ,
अगला कदम मंगल होगा |
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