'मौसम'
                   कब बने चाँद - तारे इस दुनिया में ,जब तेरे धरती पे आने का मौसम आया था ।
                   कब बने सूर्य और   सारे नवग्रह   ,
                                जब तेरे परदा उठाने का मौसम आया था । कब खिले फूल , गुलिस्ताँ में आयी बहार ,
जब तेरे हँसने , खिलखिलाने का मौसम आया था ।
कब बनाए गए इस जहाँ में बीना - औ - सितार ,
जब तेरी चूङियाँ खनकाने का मौसम आया था ।
कब उतरीं नदियाँ पहाङों से नीचे ,
जब तेरा अटखेलियाँ करने का मौसम आया था ।
शांत सी झील ने कब जन्म लिया दुनिया में ,
जब तेरी पलकें उठाने का मौसम आया था ।
चंचला नदियाँ कब जा मिलीं समुन्दर में ,
जब तुझे बाहों में भरने का मौसम आया था ।
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