" चमकती पवन "
मोतिया फूला साथ में,
खिला मेरा मन,
खुशबू से उसकी,
महका मेरा घर - आँगन ।
प्यार की छाँव तले,
पनपती है जिन्दगी,
खुशबुएँ फूलों की,
समेटती है जिन्दगी,
चाँदनी के साथ मिल,
चमक उठी है पवन ।
राहें प्यार की,
गुजरतीं हैं जिस मोङ से,
छोङ देती हैं निशां,
हर एक छोर पे,
मन उङ चला कहाँ,
ठहर गया तन ।
बरखा की बूँदों से,
भीगा मेरा तन - मन,
सपने संजोए जितने,
साकार हुए सब,
खुशबुओं व प्यार से,
भरा है मेरा दामन ।
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