आधा - आधा
पानी भरा गिलास में ,पूरा भरा गिलास ,
आधा मैंने पी लिया ,कितना भरा गिलास ?
किसी ने कहा ,आधा खाली ,
किसी ने कहा ,आधा भरा ,
पर गिलास तो ,पूरा ही भरा था ,
आधे में पानी था ,तो आधे में हवा थी |
मानव भी इसी प्रकार से ,अच्छाई ,बुराई का पुतला है ,
ना कोई पूरा अच्छा है ,और ना ही पूरा बुरा है |
जिसे हम अच्छा मानते हैं ,उसमें भी थोड़ी बुराई है ,
जिसे हम बुरा कह जाते हैं ,उसमें भी थोड़ी अच्छाई है |
अच्छे को हम कहते इंसान ,बुरे को कह देते शैतान ,
मगर दोनों ही तो होते हैं ,थोड़े इंसान , थोड़े शैतान |
शैतान लगने वाले की ,थोड़ी अच्छाई बढ़ जाए ,
यूँ प्यार उसे हम दे दें तो ,अच्छा इंसान बन जाए |
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