Sunday, September 6, 2020

SAAL 2020 ( SHORT STORY )

                  साल  2020 


रोज रवि आता है ,रोज रवि जाता है ,

ऐसे ही हर दिन के बाद ,रत आती -जाती है ,

माह बिट जाते हैं ,साल बन जाते हैं ,

ऐसे ही साल , 2020 आया | 


शुरु से ही इस ,भारी -भरकम साल में ,

एक नन्हें ,अनदेखे , वायरस ने उधम मचाया ,

धीरे से ना चला वो ,तेजी से बढ़ गया ,

बन के महामारी ,दुनिया को है रुलाया | 


कैसे बचाए खुद को मानव ,कोई जरा बताओ ? 

आगे का रास्ता तो ,कोई जरा सुझाओ ,

कोशिशें तो मानव की ,हैं आज बहुत सारी ,

सफल वो कैसे होगा ,कोई तो समझाओ ? 


कैसे बीतेगा ये साल ,शुरु हुआ जो ऐसे ,

रोक दिया है जिसने एकदम ,क्रिकेट मैच का खेल ,

मानव को तो जैसे पिंजरे ,बंद कर दिया इसने ,

जल्दी बिताओ इसको भगवन ,खुल जाए ये जेल |

No comments:

Post a Comment