Monday, September 14, 2020

TERE JAISA YAAR KAHAN ? ( SHORT STORY )

     तेरे जैसा यार कहाँ 


बात जब दोस्ती की है ,तो दोस्तों तक जाएगी ,

तभी तो रिश्तों का रंग ,जीवन में ये बिखराएगी|


एक दोस्त है मेरी ,बरस बहुत बीत गए ,

छोटे -छोटे से थे हम ,जब हम दोस्त बन गए |


साथ -साथ हम पढ़े ,खेले साथ -साथ हम ,

शादी के बाद अलग -अलग ,शहर में बसे थे हम |


मगर प्यार दोनों का ,नहीं हुआ कभी भी कम ,

मौका मिला जब भी ,मिलते -जुलते रहे हम |


आज हम दोनों के ही ,भरे -पूरे परिवार हैं ,

आज भी हम दोनों ही ,एक -दूजे के यार हैं |


उसके हसबैंड कहते हमें ,ये लँगोटिया यार हैं ,

उनके इस कमेंट पर हँसते ,हम दो यार हैं |


आगे भी सिलसिला यूँ ,ही जारी रहेगा दोनों का,

ईश्वर से दुआ है अपनी तो,जीवन यूँ ही बीते दोनों का |



 

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