Friday, September 4, 2020

STREE HOON MAIN ( SHORT STORY )

                        स्त्री हूँ मैं 

 

एक स्त्री हूँ मैं ,हाँ जी हाँ स्त्री हूँ मैं ,

परिवार वालों के लिए ,एक मिस्त्री हूँ मैं ,

                            एक स्त्री हूँ मैं | 

बेटी ही बन के आई ,मैं इस संसार में ,

माता -पिता तो जैसे ,मिले उपहार में ,

भाई -बहिनों के लिए ,जीजी हूँ मैं ,

                           एक स्त्री हूँ मैं | 

दोस्त मिले ,सखियाँ मिलीं ,खेलों की कलियाँ खिलीं ,

पढ़ाई और खेलों में डूबके ,आगे ही चली हूँ मैं ,

                                     एक स्त्री हूँ मैं | 

शादी के बाद ससुराल पहुँची ,प्यार की दुनिया सजी ,

सपनों में जैसे चलते -चलते ,जिंदगी आगे बढ़ी ,

जीती -जागती प्यारी सी ,एक गुड़िया मिली ,

वो ही तो बिटिया मेरी ,

                                एक स्त्री हूँ मैं | 

जननी हूँ अपने बच्चों की ,प्यारा सा परिवार है ,

कर्त्तव्य सभी अपने हैं ,कोई ना अधिकार है ,

कर्त्तव्य कब जुड़ गए ,अधिकार क्यों खो गए ? 

क्या इसलिए क्योंकि ---- 

                                  एक स्त्री हूँ मैं |

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