ए -वतन तेरे लिए
दुनिया के आकाश में उभरा ,चमकीला एक सितारा ,
और कोई नहीं है मित्रों ,वो तो अपना भारत प्यारा ,
दासता की बेड़ियों से ,हुए थे जब मजबूर ,
आज़ादी की दौलत हमको ,वीरों ने दिलवाई |
बोस ,भगतसिंह ,लक्ष्मीबाई ,आज़ाद और पटेल ,
कोई फाँसी पर लटका ,किसी ने सीने पर गोली खाई ,
कुछ ने अहिंसा को अपनाया ,कुछ ने बढ़कर ललकारा ,
किस -किस का हम नाम लिखेंगे ,सभी को नमन हमारा |
आज के दिन तिरंगा अपना ,लाल -किले पर फहराया ,
उसी दिन का जश्न मनाने ,शेर अकेला ही आया ,
उसने आगे बढ़कर ही ,नयी राह दी देश को ,
उसी राह पर चलकर ही ,सच करेंगे सपनों को |
साथ शेर का देकर हम ,कर्त्तव्य करें अपना पूरा ,
तभी तो आने वाले कल में ,होगा अपना पूरा ,
वंदे मातरम कहते -कहते ,आगे बढ़ते जाएँगे ,
देश भक्ति की राह में मित्रों ,जीवन सफल बनाएँगे |
आज इस महामारी के संकट में ,फँसी है दुनिया सारी ,
भारत माता के बच्चे भी ,झेल रहे हैं ये बीमारी ,
फिर भी डट कर खड़े हुए ,हैं वीर हर सीमा पर ,
अपनी जान की नहीं है परवाह ,दूजे की जान पे वारी |
है नमन सभी को मित्रों ,देश के वीर सपूतों ,
ईश्वर भी आशीष दे रहा ,भारत के वीर सपूतों |
जय हिंद |
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