Sunday, September 6, 2020

CHAKRA JIVAN KAA ( JIVAN )

                  चक्र  जीवन का

 

 मृत्यु जिसे समझे दुनिया ,वो क्या है ? 

शरीर ही नष्ट होता है ,आत्मा तो अमर है ,

परमात्मा का अंश है ,आत्मा तो अमर है | 

 

हम कपड़े बदलते हैं ,आत्मा भी बदलती है ,

वह शरीर पुराना छोड़कर ,नया धारण करती है ,

नए पुराने में कन्फ्यूजन ना हो हो ,इसलिए परमात्मा ,

पुराने जीवन की यादों को ,भुला देता है | 

 

जन्म नया मिलता है ,फूल नया खिलता है ,

चक्र जन्मों का तो ,इसी तरह चलता है ,

परमात्मा ने ये ,चक्र इसीलिए बनाया है ,

आत्मा भी उसी ,परमात्मा का ही साया है | 

 

घबरा मत इंसान ,इस मृत्यु जैसे शब्द से ,

पुराना जाएगा नहीं ,तो नया कैसे आएगा ? 

जीवन का चक्र ,कैसे चल पाएगा ? 

परमात्मा क्या हर दिन ,नई आत्माएं बनाएगा ?

No comments:

Post a Comment