Thursday, September 3, 2020

JAY JAVAAN ( DESH )

                  जय  जवान  

 

सेना में वो सिपाही था ,

वर्दी पहनी शान से घर आया ,

माता -पिता को सलामी दी ,घर में खुशियाँ छाईं ,

घर का बच्चा ,सेना में शामिल हो गया | 

 

गलवान घाटी में भेजा गया ,खतरनाक घाटी ,

उसने भी पहली बार देखी ,ठंड से दॉँत ,हड्डियाँ ,सब जमजाते | 

 

सब कुछ सहन कर ,दुश्मन से लड़ने को तैयार ,

सामना करने को तैयार ,

कुछ दिन ही बीते ,ना खाने का ठिकाना ,

ना सोने का ठिकाना ,मगर हौसला था ,

जवान हिम्मतवाला था ,

मुस्कराहट चेहरे पर लिए ,

दूसरों को भी हौसला देता हुआ | 

 

आक्रमण हुआ ,दोनों ही ओर से ,

गोलियाँ चलीं ,दोनों ही ओर से ,

बारूद फटने के कारण ,

धुआं ही धुआं , घुटन ही घुटन ,

मगर उसी में जीता ,वो वीर जवान ,

सभी हैरान थे ,कैसा जवान है ? 


एकाएक बारूद उसके पास फटा ,

जवान घिर गया ,घुटन से  भर गया ,

साँसें भी थमने लगीं ,पलकें भी झपने लगीं ,

जिंदगी भी मानो ,धुएँ में सिमटने लगी ,

फिर भी -----  मुस्कान के साथ ही ,

होंठ बोल उठे ------ जय हिंद | 


और फिर तिरंगे में लिपटा शरीर ,

घर भेज दिया गया ,

माता -पिता ने देखा ,उसकी मुस्कान को ,

घरवालों ने भी देखा ,चेहरे के तेज को ,

शहर भर उमड़ पड़ा ,सभी ने देखा ,

अपने प्यारे "अमर जवान " को ,

और अश्रुपूर्ण नेत्रों से ,

सैल्यूट देकर विदा किया |

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