जय जवान
सेना में वो सिपाही था ,
वर्दी पहनी शान से घर आया ,
माता -पिता को सलामी दी ,घर में खुशियाँ छाईं ,
घर का बच्चा ,सेना में शामिल हो गया |
गलवान घाटी में भेजा गया ,खतरनाक घाटी ,
उसने भी पहली बार देखी ,ठंड से दॉँत ,हड्डियाँ ,सब जमजाते |
सब कुछ सहन कर ,दुश्मन से लड़ने को तैयार ,
सामना करने को तैयार ,
कुछ दिन ही बीते ,ना खाने का ठिकाना ,
ना सोने का ठिकाना ,मगर हौसला था ,
जवान हिम्मतवाला था ,
मुस्कराहट चेहरे पर लिए ,
दूसरों को भी हौसला देता हुआ |
आक्रमण हुआ ,दोनों ही ओर से ,
गोलियाँ चलीं ,दोनों ही ओर से ,
बारूद फटने के कारण ,
धुआं ही धुआं , घुटन ही घुटन ,
मगर उसी में जीता ,वो वीर जवान ,
सभी हैरान थे ,कैसा जवान है ?
एकाएक बारूद उसके पास फटा ,
जवान घिर गया ,घुटन से भर गया ,
साँसें भी थमने लगीं ,पलकें भी झपने लगीं ,
जिंदगी भी मानो ,धुएँ में सिमटने लगी ,
फिर भी ----- मुस्कान के साथ ही ,
होंठ बोल उठे ------ जय हिंद |
और फिर तिरंगे में लिपटा शरीर ,
घर भेज दिया गया ,
माता -पिता ने देखा ,उसकी मुस्कान को ,
घरवालों ने भी देखा ,चेहरे के तेज को ,
शहर भर उमड़ पड़ा ,सभी ने देखा ,
अपने प्यारे "अमर जवान " को ,
और अश्रुपूर्ण नेत्रों से ,
सैल्यूट देकर विदा किया |
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