छुक - छुक -छुक
कोरोना की रेलगाड़ी चली ,छुक -छुक -छुक ,
बीच के चौराहे बोलें ,रुक -रुक -रुक |
गाड़ी ऐसी जाए ,बीमारी फैलाए ,
तभी तो सभी ,घरों में गए ,छुप -छुप -छुप |
ये गाड़ी तो ऐसी ,दुनिया भर में जाए ,
अपनी ये बीमारी ,सब में फैलाए ,
ये बीमारी बनी महामारी ,
ना कोई बचाव ,ना कोई इलाज़ ,
कैसे इसको कहें हम ,रुक -रुक -रुक |
कोई तो ऐसा बम बनाओ ,
इस रेलगाड़ी को मिटाओ ,
जीवन की गाड़ी को चलाओ ,
तभी तो जिंदगी होगी ,खुश -खुश -खुश |
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