पढ़ा तो बढ़ा
पहला शब्द तो माँ ही सीखा ,माँ से ही सीखा ,
चलना ,बोलना ,खाना ,सभी कुछ तो माँ से सीखा ,
फिर भाषा का चक्कर क्या है ?
मातृभाषा ही सीखेंगे हम ,बोलना ,पढ़ना ,लिखना |
हिंदी हो, मराठी हो ,या फिर हो गुजराती ,
कुछ भी सीखें हम सब ,हैं तो भारतवासी ,
सभी बच्चे सीखें ,पढ़ना और लिखना ,
तभी तो अगली पीढ़ी ,सीखेगी आगे बढ़ना |
बच्चा हो या बच्ची ,है जरूरी पढ़ना ,
विकास की ओर कदम बढ़ेगा ,जब आएगा लिखना ,
क्रमबद्ध रूप से शिक्षा सब पाएं ,पढ़े ,लिखे जन उन्हें पढ़ाएं ,
मेहनत से ही तो हम ,अपना देश आगे ले जाएं |
बच्चे सभी पढ़ना सीखें ,ज्ञान को वो गुनना सीखें ,
तभी तो अगली पीढ़ी ,चढ़ेगी अगली सीढ़ी ,
नहीं कदम फिर रुक पाएगा ,हर बच्चा चढ़ जाएगा ,
नहीं कोई अनपढ़ जन हो ,भारत में हर कोई पढ़ा हो ,
तभी तो भारत विकसित ,देशों की श्रेणी में आएगा ,
तभी तो दूजे देश कहेंगे ,"पढ़ा है भारत ,तभी तो बढ़ा है भारत " |
No comments:
Post a Comment