Tuesday, September 22, 2020

UNKI BACHCHI ( SHORT STORY )

  उनकी  बच्ची 


सुनते हुए किलकारियाँ ,घरों में सभी के ,

मायूस वो हो जाते थे ,सोच में पड़ जाते थे ,

ईश्वर ने हमें इस सुख से ,वंचित क्यों रखा ?


फिर डॉक्टर ने सुझाया ,एक रास्ता दिखाया ,

नहीं मायूस हो जाओ तुम ,

खुशियाँ मिल जाएँगी ,तुम्हें भी और उसे भी ,

गर उसे अपनाओ तुम |


उसे ? किसे ? वो हैरान थे ,

प्रश्न उनके चेहरे पर था ,तभी डॉक्टर बोली ,

एक एक्सीडेंट में ,एक बच्ची क छोड़कर ,

सभी परिवार जन स्वर्गवासी हो गए ,

बच्ची है सिर्फ दो माह की ,

तुम उसे अपनाओ ,खुशियों को बढ़ाओ ,

सुन सारी बात दोनों खिल उठे |


बच्ची घर लाए ,मानो रोशनी लाए ,

कागज़ी कार्यवाही ,दत्तक पुत्री ,

माता -पिता बनकर ,

खुशियों का आर ना पार था ,

दोनों हुए व्यस्त ,पुत्री के साथ व्यस्त ,

अब तो जिंदगी हुई मस्त |


उनकी भी संतान है ,

खुशियों की खदान है ,

उनके आँगन में भी ,

किलकारियों का गान है ,

भाग्य तू बलवान है |

 

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