साया
जितने भी रिश्ते हैं यारों ,
सा कोई थोड़ा सात देता है ,
कुछ दूर तक तो चलता है ,
पर फिर छोड़ देता है |
एक साया अपना है यारों ,
जो साथ चलता रहता है ,
अँधेरे में साथ छोड़े तो ,
एक किरण में ही वो पनपता है |
सच्चे दोस्त जो भी हैं यारों ,
वो हरदम ही साथ चलते हैं ,
दूर वो नहीं कभी जाते ,
साए की तरह साथ चलते हैं |
किसी से गहरा प्यार हो जब तो ,
हम गीत ये गुनगुना सकते ,
"तू जहाँ -जहाँ चलेगा ,
मेरा साया साथ होगा "|
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