Tuesday, September 1, 2020

KAISII AAZADI ? ( DESH )

                         कैसी आज़ादी ?

 

दासता से मिली आज़ादी ,अपने वीरों के कारण ,

दासता की टूटी बेड़ियाँ ,अपने वीरों के कारण ,

बाहर वालों ने लूटा ,अंदर की फूट के कारण ,

देश गरीबी के गर्त में ,डूबा ना समझी के कारण | 


देश में ना थी कहीं एकता ,सब के अलग थे रस्ते ,

मैं हिन्दू हूँ ,मैं मुस्लिम हूँ ,सब थे यही समझते ,

नहीं प्यार था आपस में ,सबके अपने बस्ते ,

भाषाएं सबकी अलग थीं ,अलग थे सब ही चलते | 


ऐसे में ही कुछ वीरों ने ,एक सूत्र बनाया ,

सबको बाँधा उसी सूत्र में ,देश प्रेम उपजाया ,

उपजा देश प्रेम जब उनमें ,एक हुए कुछ लोग ,

उन्हीं ने देश भर में ,"स्वराज्य " का नारा लगाया | 


समझ गए तब भारतीय ,उनका साथ निभाया ,

बढ़ते -बढ़ते वीर बने सब ,अपना अधिकार जमाया ,

कुछ तो लटके फाँसी पर ,कुछ ने गोली खाई ,

कुछ लोगों ने तो अहिंसा ,का रास्ता अपनाया | 


सब मिलकर जब एक हो गए ,दुश्मन डरकर भागा ,

तभी तो मित्रों  देश का ,सोता भाग्य भी जागा ,

आज हैं हम आज़ाद देश के ,जिम्मेदार नागरिक ,

अधिकार हमें बहुत प्राप्त हैं ,संविधान जो ऐसा लागा | 


नहीं बोलने पर पाबंदी ,नहीं धर्म ,जाति पर ,

पढ़ना ,लिखना मिल जाता है ,जो हम चाहें ,अपनाएं ,

जीवन तो बगिया है मित्रों ,इसमें हम जो चाहें ,

उसी रंग ,उसी खुशबु ,उसी प्यार के ,फूल खिलाएं ,

क्योंकि हम हैं ,आज़ाद देश के ,जिम्मेदार नागरिक ,

सभी वीरों को नमन ,जय हिंद |

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