Wednesday, September 9, 2020

GRAH BRAHMAND KA ( JIVAN )

     ग्रह ब्रह्मांड का 

 

रचेता ने जब ब्रह्मांड बनाया ,

छोटी -बड़ी गेंदों को बनाकर ,

स्वयं रचेता खेल करे | 

 

कुछ में उसने भरा प्रकाश ,

अलग -अलग उछाल दिया उनको ,

बाकि गेंदें ले लें प्रकाश ,

उनके इर्द -गिर्द घूमकर | 

 

कहीं -कहीं जीवन उपजाया ,

एक हमारी पृथ्वी मित्रों ,

अन्य ऐसी हैं कितनी पृथ्वियाँ ? 

उनको नहीं हम जानते ,

उनको नहीं पहचानते | 

 

अपनी पृथ्वी पर सब कुछ है ,

दिया रचेता ने भरपूर ,

मानव लाभ उठाता सबका ,

जीवन खुशियों से भरपूर | 

 

कभी अगर मानव बढ़ पाए ,

दूर ग्रह का पता लगाए ,

वहाँ अगर जीवन पनपा हो ,

वहाँ के रहने वालों को ,

अपना दोस्त बनाए ,

तभी तो रचेता भी मुस्काएगा | 

 

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