कानून और फैसला
कानून बना ऊपर वाले का ,
सृष्टि रची उसने ऐसी ,
उसे रखी जाए वैसी ,
उसे ना कोई बर्बाद करे ,
रिश्तों में आबाद करे ,
नदियां सब ही साफ रहें ,
जल को ना बर्बाद करें ,
हवा शुद्ध रहे हरदम ,
पेड़ों को काटें ना हम ,
नए -नए वृक्ष उगाएं ,
और वायु को शुद्ध बनाएं |
कानून नहीं हमने माना ,
ऊपर वाले को ना पहचाना ,
काटे पेड़ ,हवा अशुद्ध ,
जल को भी बर्बाद किया ,
प्रकृति से छेड़छाड़ करके ,
उसको हमने बर्बाद किया ,
ऊपर वाले ने किया फैसला ,
दिया दंड हम सब को ही ,
आज जो हम सब घर में बंद ,
यही है उसका हमको दंड |
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