Monday, July 13, 2020

BARSAAT KEE EK RAAT ( SHORT STORY ) MAU. FES.

                  बरसात की एक रात

निकल पड़े हैं आज हम ,
दोस्तों को साथ लेकर LONG DRIVE पर ,
दो गाड़ियों का कारवां ,चल पड़ा खिलखिलाता |

बदरा का कारवां भी ,साथ चल रहा था ,
रिमझिम बरसात हुई ,धीरे -धीरे जो मूसलाधार हुई |

कारों में बैठे दोस्तों का दिल मचला ,
दोस्तों का कारवां बाहर निकला ,
शहर की भीड़ न थी वहाँ ,हम सब पहुँच गए थे जहाँ |

संगीत बजने लगा ,होंठ गाने लगे ,
धीरे -धीरे सभी के पाँव थिरकने लगे ,
भीगने से कोई डरता नहीं था ,
इसीलिए तो कोई कार में नहीं था |

मस्ती में डूबे सभी गा रहे थे ,
डाल हाथों में हाथ थिरक रहे थे ,
ऐसी बरसात यूँ ही चलती रहे ,
मौसम की मेहरबानी बरसती रहे |

लंबा समय वहाँ सबने बिताया ,
वापस चलने का फिर मन बनाया ,
बैठकर सभी ने गर्मागर्म चाय का कप ,
मुँह से जो लगाया ,
फेस्टिवल मॉनसून का सबने मनाया |

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