एक प्लेन क्रैश में बचा आख़िरी जिन्दा इंसान
एक सुबह ऐसी आई ,साथ में बुरी खबर लाई ,
रात 11:50pm पर उड़ा,प्लेन हो गया क्रैश ,
हम हुए शोक मग्न,था अपना दोस्त उसी में,
अब हम लगे ढूँढने न्यूज,क्या सच में हुआ क्रैश?
न्यूज सच्ची थी दोस्तों,पूरी अभी थी नहीं पता,
बेचैनी से समय बिताया,ढाँढस सब को बँधाया,
घंटों बाद जो मिली बुरी,खबर उसने हमें हिलाया,
उस प्लेन में दोस्तों ,कोई भी नहीं बच पाया |
उसका परिवार,रिश्तेदार, दोस्त,संगी-साथी,
परेशान थे,दुःखी थे,मगर क्या कर सकते थे?
बस ऐसे में सभी,ईश्वर से दुआ माँग सकते थे,
काश ऐसा हो सकता,उसकी साँसें लौट आतीं |
पता नहीं तीन दिन बाद ,क्या चमत्कार हुआ ,
उसके परिवार को,शिनाख्त के लिए बुलाया,
किसी इंसान के जिन्दा,होने की खबर मिली,
एक उम्मीद ,आशा ले साथ , वो लोग गए |
देखने पर पता चला ,वही था जिन्दा ,
प्लेन क्रैश में बचा ,अकेला इंसान ,
मौत को उसने ,करीब से था देखा,
मगर शायद सब की ,दुआओं से बचा ,
वह था मेरा दोस्त,भाग्यवान इंसान ,
शुक्रिया भगवान ,शुक्रिया भगवान |
No comments:
Post a Comment