Wednesday, July 8, 2020

DIL KE TUKDE ( KSHANIKA )

 
दिल के टुकड़े

भारत भूमि ---
 जहाँ पूजा जाता पत्थर की मूर्ति को ,
जहाँ पूजा जाता नदियों को ,
वहाँ नहीं है उचित ये कहना ,
मेरी लाडो इस देस ना आना  |

निर्भया जैसे केस देखकर ,लगा क्या सभी वहशी दरिंदे हैं ,
नहीं ऐसा नहीं है मेरे देश में ,अधिक तो प्यार के परिंदे हैं  |

जब तक माँ अपना सारा प्यार ,लाडलों पर लुटाती रहेंगीं ,
तब तक लाडो की चाहें ,तो धुंधली ही होती रहेंगीं  |

बनाओ ऐसा भारत कि ,हर माँ ये कहे ,
तू फिर से आना , इस देस मेरी लाडो  |

हमारी तो चाह थी लाडो की , पूरी हुई वही चाह ,
नन्हीं परी किलके अँगना में ,क्या नहीं हो हर माँ की चाह  ?

लाडले का जो स्थान है ,वो लाडो का नहीं ,
तो फिर लाडो का स्थान , लाडले को क्यों मिले  ?
दोनों ही तो अपने बच्चे हैं , दिल के टुकड़े हैं  | 
 
 

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