Tuesday, July 28, 2020

EK SHAPIT SANTAN , NAHEEN EESHWAR KA VARDAN ( SHO STO )

एक शापित संतान ,
नहीं ईश्वर का वरदान

शाप नहीं होता कोई ,शापित कोई कैसे होगा ?
शापित संतान नहीं होती ,माँ से तुम पूछो मित्रों ,
संतान तो दिमाग की सोच है ,दिल की धड़कन है ,
ओस की बूँद है ,उम्मीद की किरन है |

संतान तो नन्हीं सी मुस्कान है ,जीवन का गान है ,
गीतों के बोल है ,रत्न अनमोल है ,
उगता सा अंकुर है ,जो बढ़ने वाला है ,
नहीं सी कली है ,जो खिलने वाली है |

प्यार में डूबी ऐसी संतान ,जो अपने शरीर का ही अंश है ,
अपनी आत्मा ,अपनी रूह की ,फोटोकापी है ,
उनसे पूछो जिनके संतान नहीं होती ,
कुदरत उनपे मेहरबान नहीं होती ,
अकेले रहते हैं वो दोनों ,जिनके संतान नहीं होती |

अपनी संतान को देखना ,उसकी मुस्कानों को देखना ,
पहले कदमों ,पहले बोलों ,पहली किलकारियों को सुनना ,
उसे बढ़ते ,फलते -फूलते देखना ,सबसे बड़ी नियामत है ,
वो तो ईश्वर का वरदान है ,हरेक माता -पिता को |

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