Wednesday, July 1, 2020

SAMUDRA KINARA (SHORT STORY )

          समुद्र किनारा
         

सागर तेरी लहरों ने ,मुझे बुलाया तेरे BEACH ,
मैं बैठी हूँ आकर , अब तू खोल दे अपना आगर  |

लहरें करती हैं किलोल ,भिगो - भिगो ही जातीं ,
ऐसे ही तो लहरें तेरी ,अपना प्यार जतातीं  |

खड़ी हुई हूँ तेरे किनारे , खोल तू अपना द्वार ,
आगे बढ़ के फिर सागर , देखूँ तेरा संसार  |

तू तो रत्नाकर है सागर , रत्नों का भंडार ,
तेरे अंदर ही तो सागर , छिपें हैं रहस्य अपार |

देख दोस्ती की कसम है तुझको , आने दे मुझे अंदर ,
नहीं तो दुनिया यही कहेगी ,तू तो रही किनारे पर ,
नहीं बुलाया तेरे दोस्त ने ,अपने द्वार के अंदर  |

फिर भी सागर तेरी ,मेरी है एक कहानी ,
तू मेरा है दोस्त और , मैं ही तेरी सखी हूँ ,
मिलते रहेंगे सदा यूँ ही , ले के प्यार हमारा |

सागर तेरी लहरों ने ,मुझे बुलाया तेरे BEACH ,
मैं बैठी हूँ आकर , अब तू खोल दे अपना आगर  |

लहरें करती हैं किलोल ,भिगो - भिगो ही जातीं ,
ऐसे ही तो लहरें तेरी ,अपना प्यार जतातीं  |

खड़ी हुई हूँ तेरे किनारे , खोल तू अपना द्वार ,
आगे बढ़ के फिर सागर , देखूँ तेरा संसार  |

तू तो रत्नाकर है सागर , रत्नों का भंडार ,
तेरे अंदर ही तो सागर , छिपें हैं रहस्य अपार |

देख दोस्ती की कसम है तुझको , आने दे मुझे अंदर ,
नहीं तो दुनिया यही कहेगी ,तू तो रही किनारे पर ,
नहीं बुलाया तेरे दोस्त ने ,अपने द्वार के अंदर  |

फिर भी सागर तेरी ,मेरी है एक कहानी ,
तू मेरा है दोस्त और , मैं ही तेरी सखी हूँ ,
मिलते रहेंगे सदा यूँ ही , ले के प्यार हमारा |

No comments:

Post a Comment