Wednesday, July 15, 2020

EK LADKI BHEEGEE - BHAGEE SEE ( SHORT STORY ) MAU FES

     एक लड़की भीगी - भागी सी

क्लास खत्म हुई  तो ,शोर के साथ सभी निकले ,
कॉलेज के छात्र - छात्राओं में ,झुंड से बनने लगे ,
आवाजें तेज होने लगीं ,तभी बादलों की गर्जना हुई ,
रिमझिम फुहारें सभी सभी को भिगोने लगीं |

सभी तेजी से गेट से निकलते चले गए ,
पीछे वाले तो ,भीगते - भागते चलते चले गए ,
किसी को सवारी मिली ,कोई पैदल चला ,
बिना छतरी कोई ,यूँ ही चलता चला |

उन्हीं में एक लड़की , सीधी - सादी , प्यारी सी ,
बादलों की छाँव में ,ठंडी बरसात में ,
उलझी -उलझी सी ,लटें संवारती हाथों से ,
पलकें झपकती धीरे -धीरे से ,चली जा रही थी |
विचार दौड़ रहे थे इधर -उधर ,
कुछ सोचते हुए ,मुस्कुरा रही थी |

लंबा था रास्ता ,हौले से कदम ,
अकेले ही अकेले ,विचार पूर्ण मुद्रा ,
होंठों पर मुस्कान ,तभी कहीं से रेडियो बजा ,
गाना सुनाई दिया -- एक लड़की भीगी -भागी सी --,
अब वह खिलखिलाकर हँस पडी |

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