Tuesday, November 19, 2024

BHALAA KISKAA ? ( SAMAAJIK )

 

                              भला किसका  ?


चुनावों की सरगर्मियाँ ,जारी हैं दोस्तों ,

राजनैतिक दलों की ,रैलियाँ भी जारी हैं दोस्तों ,

ऐसे में अफवाहें ना फैलें ,यह बात तो ,

असंभव है दोस्तों || 


एक दल के लोग ,दूसरे दल के लोगों पर ,

दोषारोपण करते रहते हैं दोस्तों ,

आम जनता का मत, पाने के लिए ,

विभिन्न हथकंडे ,अपनाते रहते हैं दोस्तों || 


दलों द्वारा जारी ,चुनावी घोषणा -पत्र में ,जीतने पर ,

असंभव सुविधाएँ ,देने का जिक्र करते हैं ,

वो सुविधाएँ ,किस प्रकार देंगे ?

उनके जरिए का ,जिक्र कहीं नहीं होता || 


इसके लिए वो ,करों ( taxes ) की रकम बढ़ाएँगे ,

या व्यापारियों से पैसा लेंगे ,

कर ( tax ) की रकम बढ़ाने पर ,

मध्यम वर्ग ही परेशानी में पड़ता है || 


व्यापारियों से लेने पर ,छोटा व्यापारी तो दे नहीं सकता ,

तो बड़े व्यापारी से पैसा लेने पर ,

उसे सहूलियत भी मिल जाती हैं ,

और वह अपने व्यापार में मंहगाई लाता है ,

हर हालत में मध्यम वर्ग ही पिसता है ,

यही सच है दोस्तों ,

देश का भला करने के नाम पर ,

हर कोई अपना ही ,भला करता है दोस्तों || 


Monday, November 18, 2024

HAQDAAR ( KSHANIKAA )

 

                                 हक़दार 


जिन रिश्तों ,और जिन विचारों का ,

हम आज चुनाव करते हैं ,

वही हमारे भावी जीवन का निर्माण करते हैं || 


सोच - समझ कर तुम ,विचार चुन लो दोस्तों  ,

कुछ स्वयं के अनुभवों से ,

कुछ दूसरों के अनुभवों से ,

तुम सीख ले लो दोस्तों  || 


विचारों के चुनते हुए तुम ,

परिस्थितियों का भी ध्यान रखना दोस्तों ,

हर परिस्थिति में हर विचार ,

काम नहीं कर सकता ,यह बात ,

ध्यान में रखनी बहुत जरूरी है दोस्तों || 


तभी तुम एक ,सुंदर भविष्य पाओगे ,

उसी के साथ ,तुम मुस्कानों के भी ,

हक़दार बन जाओगे ,हक़दार बन जाओगे || 


Sunday, November 17, 2024

SHAKTISHAALII ( KSHANIKAA )

 

                            शक्तिशाली 


बड़ों की नसीहतें हम ,ध्यान से सुनें ,

उनके जीवन के अनुभवों को ,ध्यान से बुनें तो ,

जीवन में हम , सफल हो पाएँगे || 


दूसरों की तारीफों के ,धोखे से बचे रहें तो ,

उनकी झूठी बातों से बचे रहें तो ,

जीवन में हम ,सफल हो पाएँगे || 


जो मूर्ख हो ,उससे दूरी बनाओ ,तो अच्छा ,

ज्ञानी को पास ही बिठाओ ,तो अच्छा ,

अच्छों से ,संबंध बनाए रखो दोस्तों ,

मगर बुरों से ,दूरी बनाए रखो दोस्तों || 


शारीरिक शक्ति वाले इंसान को ,

हम समझते ,शक्तिवान ,शक्तिशाली ,

मगर वह नहीं है ,असली शक्तिशाली ,

जिसमें है असीम सहन शक्ति ,

वही है असली शक्तिशाली ||  


Saturday, November 16, 2024

DASTOOR ( KSHANIKAA )

 

                                दस्तूर 


जरूरत जब तुम्हारी थी ,तो हम खासम - खास थे दोस्तों ,

आज जरूरत हुई ख़त्म ,तो हम खास क्या ? आम भी नहीं रहे ,

यही दस्तूर ज़माने का है ,सच है ना दोस्तों ?? 


हम आज कह रहे हैं ,मगर पहले ,

हम ही भूल गए थे दोस्तों ,समझ जाते जो हम पहले ,

तो आज हम ,आम तो बने ही रहते ,

यही दस्तूर ज़माने का है ,सच है ना दोस्तों ?? 


असंभव वह  नहीं ,जो हम कर नहीं पाते हैं दोस्तों ,

असंभव वह है ,जो हम करना नहीं चाहते हैं दोस्तों ,

यही सब सच है ,बोलो सच है ना दोस्तों ?? 


सभी किए अच्छे  कर्मों को ,कोई याद नहीं रखता है दोस्तों ,

याद किसी को रहती है तो ,हमारे द्वारा  की गई एक ना  ,

यही दस्तूर ज़माने का है ,सच है ना दोस्तों ?? 


Friday, November 15, 2024

VAH SABKAA HAI ( AADHYAATMIK )

 

                              वह सबका है 


नहीं ढूँढो किताबों में ,वह कोई शब्द नहीं है ,

नहीं ढूँढो मंदिरों में ,वह कोई मूर्ति नहीं है ,

नहीं ढूँढो समाजों में ,वह इंसान नहीं है बी,

ढूँढो उसे अपने अंदर ,वह तो जीवन है || 


भर लो अपने अंदर ,वह तो श्वांस है ,

भर लो अपने मन में ,वह एक विश्वास है ,

करो उस पर पूर्ण रूप से ,वह एक भरोसा है ,

थामो उसे कस के ,वह तुम्हारी आशा है || 


एक रिश्ता है उससे तुम्हारा ,तुम अंश हो उसके ,

वह प्रभु है ,ईश्वर है ,रब है ,खुदा है , जीसस है ,

वह सबका है ,और सब में बसा है || 


Wednesday, November 13, 2024

REKHAAEN ( KSHANIKAA )

 

                                   रेखाएँ 


रेखाओं का हर खेल है ,जो मिला हमें ईश्वर से ,

उन्हीं के जाल में फँसे हैं हम,जो मिला हमें ईश्वर से ,

जो मिला हमें है बंधु ,वो है अपनी किस्मत का ,

नहीं छीन सकता है बंधु ,कोई भी ,कभी भी उसको || 


जिंदगी हमारी ये ,देन है ईश्वर की ,सहेजना है हमको ,

इस दुनिया में जिंदगी को ,बिताना है हमको ,

भाग्य की रेखाओं को ,कर्मों की रेखाओं से ,

सोने जैसा चमकाना है हमको || 


वैसे बंधु ये जिंदगी ,एक बख्शीश है ईश्वर की ,

जो मिली है हमें ,सौगात में ,

इस जिंदगी में ,प्रवेश करते समय ,

हम रोते - रोते आते हैं || 


अपने कर्मों की ऐसी रेखाएँ ,खींच दो बंधु ,

कि इस दुनिया को ,अलविदा कहने के समय ,

दूसरे हमें अश्रुपूर्ण ,नयनों से विदा करें ,

हमारे सुंदर कर्मों के लिए ,याद करें हमको || 


Tuesday, November 12, 2024

KIRAAE KA GHAR ( KSHANIKAA )

 

                           किराए का घर 


हमने अपना घर बदला दोस्तों ,किराए का घर ,

जगह अधिक दूर नहीं थी दोस्तों ,आधा किलो मीटर ,

एग्रीमेंट के लिए आधार कार्ड चाहिए ,

टैक्स भरने वाला कार्ड चाहिए ,जानकारी पूरी हो || 


खैर दोस्तों घर मिला ,एग्रीमेंट बना ,

अब जो प्रूफ हमने दिए थे ,उनमें पते का बदलाव हुआ ,

नया गैस कलैक्शन लो ,उसमें भी सब चाहिए || 

 

खैर सारे बदलाव की ,सूचना बैंक में भी देनी थी ,

सभी कुछ पूर्ण करते -करते ,समय बीतता गया ,

धीरे - धीरे सभी कुछ बदल गया ,जिंदगी नए सिरे से चलने लगी || 

 

पड़ोस में जाने पर इतनी फॉर्मेलिटी ,

विदेश जाने पर तो ,फाइलें भर जाती हैं ,

एक ही  जगहऐसी है ,जहाँ जाने पर ,कोई तैयारी नहीं || 


ईश्वर का बुलावा आने पर ,साँस भी रुक जाती है ,

कोई वीसा नहीं ,कोई आधार कार्ड नहीं ,

कोई पासपोर्ट नहीं ,कोई टिकट नहीं || 


कर्मों के अतिरिक्त ,कुछ साथ नहीं जाता ,

शरीर भी यहीं रहता है ,सिर्फ आत्मा ही ,

परमात्मा के पास जाती है दोस्तों ,सिर्फ आत्मा ही || 


FALSAFAA ( KSHANIKAA )

 

                              फलसफा 


भेजा है एक दोस्त ने मुझे ,एक सुंदर विषय ,

मेरी कविता के लिए ,एक तार्किक विषय ,

 मेरी कविता के लिए ,साथ में फोटो एक पिज़्ज़ा का था || 


पिज़्ज़ा में कटे हुए टुकड़ों के ,

विपरीत कोणों को मार्क किया हुआ था ,

जो हर जगह बराबर होते हैं ,

यह रेखागणित की बात है दोस्तों || 


भौतिक विज्ञान  में विपरीत ध्रुव हमेशा ,

एक दूसरे को आकर्षित करते हैं ,

समान ध्रुव एक दूसरे को हमेशा ,

दूर धकेलते हैं ,यानि विकर्षित करते हैं दोस्तों || 


मगर जिंदगी का अलग ही फलसफा है ,

माना जाता है कि ,विचार मिलने वाले व्यक्ति ,

एक दूसरे के अच्छे दोस्त होते हैं ,

अधिकतर यही देखा जाता है || 


मगर इससे अलग भी एक फलसफा है ,

बहुत अलग विचारों वाले  दो व्यक्ति ,

दिल से बहुत अधिक जुड़े होते हैं ,

यह हमारा खुद का अनुभव बोलता है दोस्तों || 


1983 से हमारी सखि ,हमारी प्यारी सखि ,

विचारों में हम उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव जैसे हैं ,

मगर दिलों से भावनाओं से ऐसे जुड़े हैं ,जैसे एक ही हों ,

दुनिया में सबसे अधिक विश्वास ,हम एक -दूजे पर करते हैं ,

 ये है जिंदगी में विपरीत का आकर्षण ,और जिंदगी का फलसफा || 


Monday, November 11, 2024

NEEM ( KSHANIKAA )

 

                                      नीम 


जिंदगी की बगिया में ,नीम का पेड़ होना जरूरी है ,

कड़वाहट होती है ,मगर दवा का काम करती है ,

उसी की पत्तियों और फलों को ,

खाओ और स्वस्थ बन जाओ || 


मत जाओ उसके स्वाद पर ,गुण देखो उसके ,

गुणों की खान है वो ,अलग से पहचान है उसकी ,

स्वच्छता फैलाता हवाओं में ,

तुम भी स्वस्थ बन जाओगे || 


दरियादिली तो देखो उसकी ,सभी उसे अच्छा मानते हैं ,

नीम के सभी गुणों को ,सभी पहचानते हैं ,

मगर फिर भी ,उसके सेवन से ,सभी दूर भागते हैं || 


अगर आप मेरी बातों से ,सहमत हो दोस्तों ,

तो लगाओ ,एक पेड़ नीम का ,

अपनी बगिया में ,एक पेड़ नीम का ,

बचाओ पेड़ को ,सूखने से ,मिट जाने से ,

करो श्रम ,और लगा लो ,एक पेड़ नीम का || 


Saturday, November 9, 2024

PAREEKSHAA ( KSHANIKAA )

 

                                परीक्षा 


जिंदगी जब चाहेगी ,तुम्हारा इम्तिहान लेगी दोस्तों ,

जिंदगी का ना कोई ,सिलेबस बना है दोस्तों ,

जिंदगी की परीक्षा में ,कोई भी प्रश्न पूछा जा सकता है ,

उत्तर तो तुमने ही ,लिखना है दोस्तों || 


जिंदगी की हर परीक्षा ,तुमने ही देनी है दोस्तों ,

हर प्रश्न का उत्तर लिखना ,तुम्हारी ही जिम्मेदारी है ,

तो डूब जाओ दोस्तों ,जिंदगी को समझने  में ,

जिंदगी के रवैये को , पहचानने में दोस्तों || 


हर ओर निगाह रखो ,हर बात को समझो ,

किसी भी बिंदू को , छोड़ ना देना दोस्तों ,

क्या पता ? कहाँ से ? कौन सा ? प्रश्न पूछा जाए ,

इस परीक्षा को तो ,तुमने ही पास करना है दोस्तों || 


Friday, November 8, 2024

JINDGII ( KSHANIKAA )

 

                               जिंदगी 


जिंदगी हम को ,बना दे सीढ़ियाँ ,

जो किसी को ,ऊपर उठा सके ,

खुद वहीं रुकी रहें ,

मगर दूजों को ऊपर उठा सकें || 


खुद वहीं खड़ी रहें ,कोई बात नहीं ,

दूजों के पैरों को चलाती रहें ,जो अच्छा है ,

खुद रुककर ,दूजों को ऊपर चढ़ा सकें || 


हो सके तो जिंदगी ,मंदिर में जड़ दे हमें ,

भक्तों के पैरों को ,चलायमान करके ,

उनको हरिदर्शन ,करने में मदद करें ,

उनके हरिदर्शन ,कराने का जरिया बनें || 


यही हमारी ,इच्छा है जिंदगी ,

कर सको तो ,पूरा कर दो ,

तुम्हें दुआ ,मिलेगी हमारी ,

ता - उम्र स्वस्थ और सुंदर ,बनी रहो तुम || 


Thursday, November 7, 2024

MERAA CHANDRAMAA ( CHANDRAMA )

 

                          मेरा चंद्रमा 


बादलों की ओट से ,निकला जो मेरा चंद्रमा ,

खिड़की से मैंने देखा ,चमका जो मेरा चंद्रमा ,

चाँदनी फैली यहाँ - वहाँ ,मुस्काया जो मेरा चंद्रमा || 


चाँदनी को देखकर ,दामिनी भी गरजी ,

बादलों के बीच से ,बरखा भी बरसी ,

बरखा की बूँदों को देख ,खिलखिलाया मेरा चंद्रमा || 


बादलों ने कहा ,कहाँ पर नजर है तुम्हारी ?

बरखा भी बरसते हुए बोली ,चाँदनी है बहुत प्यारी ,

इन बातों को सुनकर ,शर्माया मेरा चंद्रमा || 


दिन यूँ ही बदलते जाते हैं ,समय नहीं रुकता ,

जिंदगी बीतती जाती है ,वक्त नहीं थमता ,

तभी तो दोस्तों सबसे प्यारा ,दोस्त है मेरा चंद्रमा || 


Tuesday, November 5, 2024

ANGNAA MEIN ( JALAD AA )

 

                                  अँगना में 


नील गगन पर उड़ते जाते ,कारे - कारे बदरा ,

आजा रे ,आजा मेरे ,घर के अंगना में ,

पानी लेकर ,पवन के संग ,

आजा रे ,आजा मेरे ,घर के अँगना में || 


दोस्त मेरे ,तू , मैं और पवन ,

खेलेंगे मेरे अँगना में ,

खूब सारा जल लेकर तू ,

आजा रे ,आजा मेरे ,अँगना में || 


अरे दामिनी को भी लाना ,साथ अपने ,

चारों हम मिल खेलेंगे ,

मनेगी पिकनिक ,हम चारों की ,

सुनो दोस्तों ,मनेगी मेरे घर के अँगना में || 


ऐसी पिकनिक होगी दोस्तों ,

खूब ही नाच ,गाना होगा ,

खाना ,पीना और गप्पों का पिटारा खुलेगा ,

सब खुल जाएगा दोस्तों ,मेरे घर के अँगना में || 


AASHEERVAD ( PREM )

आशीर्वाद 
 
मयंक और सुकृति के अँगना में ,
एक नन्हीं कली खिली, 
सबको है खुशी मिली ,
सबने उसे खुश हो निहारा ,
वाणी ,वाणी कहकर पुकारा ।

सरगम से स्वर उसके ,
घर में हैं गूँजते ,
परिवार वालों के 
दिल में हैं पहुँचते ।

जब कदम बढ़ाएगी,वाणी,
सभी को दौड़ाएगी, वाणी,
पकड़ो-पकड़ो का शोर होगा ,
जो पकड़ेगा ,लिपटेगी उससे वाणी। 

जीवन वाणी का भरे खुशियों से ,
प्यार वाणी को मिले सभी का ,
मुस्कानें बिखरा कर, 
महक फैलाएगी चहुँ ओर वाणी।

प्यार सहित --मिथलेश आज़ाद

 

 

 

 




ANOKHA DEEYAA ( KSHANIKAA )

 

                          अनोखा  दीया 


हमने दिवाली के त्योहार पर ,दीया बनाया दोस्तों ,

ये दीया ना मिट्टी का था , ना  धातु का था ,

ना लकड़ी का दीया था ,ना कागज का था ,

ये दीया तो बंधु ,हमारे दुपट्टों से बना था || 


तीन दुपट्टे लिए हमने ,एक से दीये का बेस बनाया ,

दूजे से दीये का ऊपरी ,हिस्सा बना दिया ,

आकार दीये का हमने ,बना लिया बंधु ,

मगर अभी भी ,कुछ बनाना बाकी था बंधु || 


तीसरे दुपट्टे से हमने बंधु ,बाकी काम किया ,

दीये की बाती बनाकर ,जोड़ी हमने दीये में ,

पूर्ण आकार मिल गया ,हमारे दीये को ,

बन गया ना बंधु ,हमारा सुंदर सा दीया || 


ना रोशनी देने वाला ,ना तेल जलाने वाला ,

ना धुंआ ,ना प्रदूषण फ़ैलाने वाला ,

दीया है वो ,है ना अनोखा दीया ,

जो लगाया हमने खिड़की पर ,अपना अनोखा दीया || 


Sunday, November 3, 2024

LAHAREN SAAGAR KII ( RATNAAKAR )

 

                    लहरें सागर की 


रत्नों का भंडार समेटे ,रत्नाकर आयापास मेरे ,

सखि देखो मेरा भंडार ,आकर यहाँ पास मेरे ,

खुश को जाओगी तुम , देख के विभिन्न रत्न मेरे || 


देखो मेरी लहरों को , जो खेल दिखाती रहती हैं ,

मेरे  दोस्तों  को ये लहरें ,पकड़ हाथ ले आती हैं ,

प्यार से भरी मुस्कानों को ,सब पर ये लुटाती हैं || 


 इनको देख सब खुश होते ,ये भी ख़ुशी दिखाती हैं ,

जीवन की सुंदरता को ये लहरें ,सभी को दिखा जाती हैं ,

 लहरों के  ये सुंदर नृत्य ,सबके मन खुश कर देते हैं  || 

 

आओ सखि खेलो इनसे ,प्यार इनका पा जाओ ,

खुशियों का खजाना ,जो भरा है इन लहरों से ,

यही खजाना तो लहरें ,तुम पर यूँ लुटाती हैं || 

 

ये लहरें हैं हम दोनों की ,दोस्त - दोस्त ,सखि - सखि ,

इस तरह तो हम तीनों ही ,एक दूसरे के दोस्त सखि ,

इसीलिए तो ये लहरें ,हमें देख मुस्काती हैं || 

 

 

 

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                             बालिका वधु 


इसी तरह चार बरस बीत चले ,

उसकी बेटी भी बड़ी हो चली ,

तब वह माँ का कर्त्तव्य निभाते हुए ,

बेटी का हाथ पकड़ ,विद्यालय की ओर बढ़ चली || 


जिनके घरों में खाना बनाती थी वो ,

उनमें से ही कुछ ने  उसे समझाया ,

मदद की उसकी और उसकी बेटी को ,

विद्यालय में दाखिला दिलवाया || 


बेटी भी समझने लगी थी अब ,

माँ को परेशानियों की हालत में देखा था ,

विद्यालय में ध्यान लगा कर पढ़ने लगी ,

क्योंकि मेहनत ही ,उसके भाग्य का लेखा था || 


बालिका वधु को अब ये ,अहसास हो रहा था ,

माता - पिता की ,सोच के कारण ही तो उसका ,

जीवन इतनी कठिनाईयों से भरा था ,

काश उसके माता - पिता ने उसे ,

बालिका वधु ना बनाकर उसे ,

पढ़ाया - लिखाया होता ,पढ़ाया - लिखाया होता || 

 

                     समाप्त ,कृपया अपनी राय जरूर दें || 


Saturday, November 2, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                     बालिका वधु 


दिन -रात की भागम - भाग ,

काम का बढ़ता बोझ उसे ,

थकावट के साथ -साथ ,

कमजोरी भी देता जा रहा था || 


इसी अवस्था में महीना बीतते - बीतते ,

जब उसके हाथ में पगार आई ,

तो बंधुओं  उसकी आँखों में ,

अश्रु के साथ - साथ चमक आई  || 


उसने अपना और अपनी बेटी का ,

खान - पान कुछ दुरुस्त किया ,

शरीर ने भी उसके इस बदलाव को ,

सदयता से स्वीकार किया || 


कार्यों में जुटी वह पस्त नारी ,

बढ़ती रही अपनी कठिन राह पर ,

जीवन भी ले चला उसको ,उन्नति की राह पर || 


Friday, November 1, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                        बालिका वधु 


कैसे लड़ती वो ? शरीर था थका ,

और मन था टूटा और बीमार ,

और सहायता कोई नहीं ,कोई मदद नहीं ,

ना पैसे की ,ना काम की ,क्या करती वो ? 


दिन ,रात ,पिसते - पिसते ,एक दिन ,

जाना  उसने टी. वी. पर ,शिक्षा को ,

अब कैसे पाती वो शिक्षा को ? 

कैसे कदम बढ़ाती वो आगे को ? 


उसकी अपनी जिंदगी ,कठिनाईयों में डूबी थी ,

उसकी बेटी की जिम्मेदारी ,उसके सामने थी ,

कैसे करे वह उसकी परवरिश ? 

कैसे बनाए वो अपनी बेटी की ,जिंदगी सुंदर ? 


मगर वह खाना ,बहुत अच्छा बनाती थी ,

यह गुण उसमें कूट - कूट कर भरा था ,

आस पड़ोस में ,उसने खाना बनाने का ,

काम शुरू किया ,और आगे कदम बढ़ाया  || 


Thursday, October 31, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                         बालिका वधु 


जैसे - तैसे समय आगे बढ़ा ,  

छोटी बच्ची भी बड़ी होने लगी ,

मगर माँ का क्या ? वह तो ,

थकी -हारी और टूटी - टूटी थी || 


बीमार रहने लगी ,उदासी में डूबी -डूबी ,

हँसी खो गई थी ,सेहत उखड़ गई थी ,

मगर फिर भी ,जिम्मेदारियों की गली ,

लंबी हो गई थी ,कठिन हो गई थी || 


पति खुद में ही मस्त था ,

परिवार वाले भी ,खुद में ही मस्त थे ,

परेशानी में डूबी थी बस ,बस वही ,

जो थकावट और बीमारियों से त्रस्त थी || 


क्या करे ? क्या ना करे ? 

कुछ नहीं समझ पा रही थी वो ,

जीवन की परेशानियों से बिल्कुल भी ,

नहीं लड़ पा रही थी वो || 


BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

               बालिका वधु  


पति से हुई थोड़ी दोस्ती ,सासु माँ अच्छी लगने लगीं ,

चलते - चलते सभी कुछ लगने लगा ,अपना -अपना ,जाना -पहचाना || 


मगर जिम्मेदारियाँ बहुत मिलीं ,प्यार मिला थोड़ा -थोड़ा ,

जिसने बालिका वधु को ,नहीं पूरी तरह ससुराल से जोड़ा || 


समय बीतते -बीतते ,बालिका वधु ,बन गई माँ ,

एक छोटी बच्ची ,बनी एक गुड़िया की माँ ,

शरीर भी थका ,और जिम्मेदारियाँ भी बढ़ीं || 


आराम की जरूरत थी ,मगर समय नहीं था ,

जिम्मेदारियों का बोझ ,बहुत बड़ा था ,

कैसे पालन -पोषण करे ,छोटी बच्ची का ,

थका शरीर ,टूटा मन ,सभी सामने खड़ा था || 


Wednesday, October 30, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                           बालिका वधु 


समय बीतने लगा धीरे - धीरे से ,

लड़की दस- बारह बरस की हुई ,

तो माता - पिता की सोच में उपजी ,

एक नई बात , और बेटी बनी बालिका वधु || 


नन्हीं कली ,बालिका वधु बन कर आई ससुराल ,

अपने घर से दूर ,नये घर में ,

उस घर में सभी अनजाने थे ,

और घर भी था बिल्कुल अनजाना || 


रात में नींद का भी ,डेरा उखड़ गया ,

अश्रुओं से उसका तकिया भीग गया ,

रोज ही यह नियम बन गया ,

नींद ना आना ,तकिये  का भीग जाना || 


धीरे - धीरे समय बीता ,

घर में रमने लगी ,बालिका वधु ,

धीरे - धीरे और थोड़ा -थोड़ा ,

घर लगने लगा ,जाना पहचाना || 


Tuesday, October 29, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                     बालिका वधु 


आज से पचास - साठ साल ,पहले का जमाना ,

बंधुओं था बहुत पुराना ,

लड़कियों और औरतों का ,

बहुत कम था ,घर से बाहर जाना || 


घर के अंदर का काम ही ,

करतीं थीं ,ता - उम्र वो ,

बाहर की दुनिया से तो ,

उनका दिल था अनजाना || 


लड़की के जन्म के बाद ,

उसके खेल -खिलौने ,उसकी गुड़िया ,

ये ही उसके साथी थे ,

इन्हीं में उनका दिल था मस्ताना || 


रसोई घर बन गया था ,उनका विद्यालय ,

माँ ही थीं उनकी अध्यापिका ,

काम रह गया था उनका ,

सफाई ,बर्तन और खाना बनाना || 


Monday, October 28, 2024

MAHFIL DOSTII KII ( KSHANIKAA )

 

                    महफ़िल दोस्ती की 


राह चलने की परेशानियाँ ,

नहीं झेलीं ,जो किसी ने ,

मंजिल पाने की ख़ुशी ,क्या मनाएगा वो ? 

दर्द नहीं मिला,जिसे जिंदगी में ,

दर्द से राहत मिलने का ,सुकून क्या पाएगा वो ?? 


किसी की जरूरत में ,मदद नहीं की किसी ने ,

तो क्या जरूरत पर ,कोई हाथ थाम पाएगा वो ?

किसी को कोई ,ख़ुशी गर ना दी किसी ने ,

तो अपने होठों पर ,मुस्कान क्या पाएगा वो ?? 


दोस्त नहीं बन पाया ,जो किसी का ,

दोस्ती नहीं निभाई ,जो किसी ने ,

तो दोस्ती की ,महफ़िल कैसे जमाएगा वो ?

दोस्तों के साथ ,कैसे खिलखिलाएगा वो ?? 


Saturday, October 26, 2024

GALAT YAA SAHII ( KSHANIKAA )

 

                        गलत  या सही 


चलते - चलते टकराए हम किसी से ,

कुछ समय बाद भी ,हम उसे समझ ना पाए ,

जब समझे तो लगा ,वह गलत था ,

गलत से मिलने पर पता लगा ,सही की कीमत का || 


किसी भी गलती के बाद ही तो ,

समझ में आता है ,सही कैसे होगा ? 

तो दोस्तों ,गलतियाँ करके भी अगर ,

सही - गलत समझ में , आ जाएँ तो ,

यह गलती का ,अहसान है हम पर ,

सही रास्ता दिखाने के लिए || 


अब हम गलत और सही को चुन सकेंगे ,

दोनों में फर्क कर सकेंगे ,

अब सही को चुन सकेंगे ,

अब सही को अपना सकेंगे || 


Friday, October 25, 2024

AHANKAAR ( JIVAN )

 

                         अहंकार 


जिंदगी में ईश्वर ,सबको कुछ ना कुछ देते हैं ,

किसी  कम मिलता है ,किसी को अधिक ,

सभी अपनी सोच के ,अनुसार खर्च करते हैं || 


जिस को बिना कुछ ,मेहनत किए ही ,

सब कुछ बड़ी मात्रा में ,मिल जाता है ,

दोस्तों उसमें ,अहंकार आ जाता है || 


इसी अहंकार के कारण ,वह खुद को ,

ऊँचा और ,दूसरों को तुच्छ समझता है ,

वह अहंकार में डूबा ,शिखर पर बैठकर ,

राजा की भाँति ,व्यवहार करने लगता है || 


मगर यही व्यवहार ,उसे अकेलापन भी देता है ,

उसका कोई दोस्त नहीं होता ,

कोई उसे प्यार नहीं करता ,

काश वह यह सब समझ जाता तो ,

उसका जीवन भी सुखमय होता ,सुंदर होता || 


Thursday, October 24, 2024

PUNYA ( AADHYAATMIK )

 

                           पुण्य  


यात्रा कदम - दर - कदम ,चलती है दोस्तों ,

हर राह - हर कदम , दौड़ती है दोस्तों ,

हर कदम ,भी तो ,निशां छोड़ता है दोस्तों || 


उन निशानों की सिर्फ ,कहानी रह जाती है ,

वो निशां कहते रहते हैं ,एक कहानी ,

सभी आने - जाने ,वालों से दोस्तों || 


जिंदा होते हुए ,स्वर्ग के सपने मत देखो ,

पाप क्या है ? पुण्य क्या है ? सोचो जरा दोस्तों ,

किसी का दिल ना दुःखे ,तुम्हारे कारण ,

होठों पर मुस्कान आए ,तुम्हारे कारण ,

यही सबसे बड़ा ,पुण्य है दोस्तों || 


Wednesday, October 23, 2024

KARM KII REKHAA ( KSHANIKAA )

 

                       कर्म की रेखा 


मिलती हुई खुशियों को ,मुट्ठी में जकड़ लो दोस्तों ,

सारी मुस्कानों को होठों में ,पकड़ लो दोस्तों ,

जीवन बहुत लंबा नहीं होता ,जितना भी हो काफी है ,

सिर्फ कर्म की रेखा को ,लंबी कर लो दोस्तों || 


मुट्ठी में जकड़ी खुशियों को ,धीरे -धीरे फिसला कर ,

थोड़ी -थोड़ी सी ख़ुशी ,सबकी मुट्ठी में जकड़ा दो दोस्तों ,

होठों में पकड़ी मुस्कानों को ,दूजों के चेहरों पर ,

फूलों की तरह मुस्कानें ,महका दो दोस्तों || 


जीवन में गर तुम ,काम ये कर जाओगे ,

अपनी मुस्कानों को ,जो सब में बाँट जाओगे ,

तो अपने साथ - साथ सब की ,

झोली खुशियों से भर जाओगे ,

तो कर दो ना जल्दी से ,ये काम ,ये काम दोस्तों || 


Tuesday, October 22, 2024

UMMEED BADII SII ( KSHANIKAA )

 

                          उम्मीद बड़ी सी 


चाह में मंजिल की , उम्मीदों से ,

बँधा एक परिंदा हूँ मैं दोस्तों ,

राह में कितनी भी मुश्किलें आएँ ,

उम्मीदों को दिल में लिए एक परिंदा  || 


मेरी उड़ान की डोर का नाम है उम्मीद ,

मेरी जिद की उड़ान है उम्मीद ,

जिंदगी है उम्मीदों का दूसरा नाम ,

और जिंदगी का दूसरा नाम है उम्मीद || 


उम्मीद के घोड़े पर सवार होकर ,

आशाओं की लगाम पकड़े ,

बढ़ते रहे हम मंजिल की ओर ,

मंजिल का दूसरा नाम ही तो है उम्मीद || 


मंजिल के मिलते ही ,सब रुक गए ,

मगर यह तो गलत है दोस्तों ,

मंजिलों को पार करके आगे बढ़ना ,

ही तो बड़ी सी उम्मीद है ना दोस्तों ||

Monday, October 21, 2024

NEELKANTH ( AADHYAATMIK )

 

                             नीलकंठ 


जय -जय ,जय -जय ,हे शिव शंकर ,

ये प्याला तेरे नाम का पिया ,

उतर आओ कैलाश से तुम ,

ये माँगे सभी का जिया || 

 

सभी जन हैं माँगते ,तुम्हारा ही आशीष ,

तुम्हारे ही संग -संग सबने ,

गौरा का भी नाम लिया || 


सब ही तुम्हारा नाम पुकारें ,

भक्ति -रस में डूब ही जाएँ ,

हर ओर शंकर तुम्हारे ही तो ,

नाम का घंटा बजा || 


दुनिया में जितना विष फैला ,

तुमने ही  विषपान किया ,

तभी तो जग वालों ने तुमको ,

नीलकंठ है नाम दिया ||




Sunday, October 20, 2024

SAHEE SAMAY ( KSHANIKAA )

 

                                  सही समय 


जीवन को हँस के जी लें ,वह संवर जाएगा ,

किसी को मुस्कान दे दें ,वह निखर जाएगा ,

अपनों को प्यार कर लें ,वह मुखर जाएगा || 


जिंदगी को सरल नहीं ,मजबूत बना लो ,

सही समय कभी नहीं ,आता है दोस्तों ,

समय को ही सही ,बनाना पड़ता है दोस्तों || 


समय रुकता ,कभी नहीं है दोस्तों ,

चलता ही नहीं ,दौड़ता चला जाता है दोस्तों ,

अच्छा हो या बुरा समय ,कभी रुकता नहीं है दोस्तों ,

क्या कहा कैसे ?अच्छे कर्म से ,अच्छे व्यवहार से || 


Saturday, October 19, 2024

WAJAH ( KSHANIKAA )

       

                           वजह 


कुछ भी बेवजह नहीं होता ,

हर सुबह आते ही बताती है ,

कि तुम्हारे जीवन का लक्ष्य ,

अभी पूरा नहीं हुआ है ,

उस लक्ष्य प्राप्ति केलिए ,

अभी  तुम्हें बहुत प्रयास करना है ,

प्रयासों से ही तो सफलता ,प्राप्त होती है दोस्तों || 


हर प्राप्ति ,हर प्रयास से हमें ,

कुछ ना कुछ जरूर मिलता है ,

कभी हमें सफलता मिलती है ,

कभी कुछ सीख ,हमारे ज्ञान को बढ़ाती है || 


मतलब यह कि हमारी झोली में ,

कुछ ना कुछ आता ही है ,

तो दोस्तों असफल होने पर भी ,

कभी दुःख ना मनाना ,

हमेशा अपनी मुस्कानों को ,बरकरार रखना ||


Sunday, October 13, 2024

DAL DAL ( KSHANIKAA )

 

                             दलदल 


बरखा बरसी ,जल - थल हुआ संसार ,

चमक दामिनी ले कर आई ,साथ में गर्जनार ,

उस जल से भरे ,ताल - तलैया ,

नदिया की मोटी हो गई धार ||  


 कल - कल करती दौड़ी नदिया ,

साथ की माटी बनी उपजाऊ ,

हरे -भरे हैं खेत हरियाए ,

अन्नदाता के भर गए भंडार || 


नदिया रही दौड़ती -दौड़ती ,

साथ लिए माटी का भंडार ,

पर मानव ने दिया नदी को ,

सारी गंदगी का भंडार || 


जब हो गया पानी गंदा ,

नदिया हो गई जल - विहीन ,

धीरे - धीरे सूखी नदिया ,

माटी की दलदल के साथ || 





Thursday, October 10, 2024

KYAA ? ( SAMAJIK )

 

                          क्या  ?


जिंदगी हमारी डूब जाती है ,जब झूठके समंदर में ,

हम परेशान हो उठते हैं दोस्तों ,

जिंदगी जब सच की नाव पर ,सवार होती है ,

सब परेशान हो उठते हैं क्यों ? 

अब बताओ तुम्हीं ,हम क्या करें दोस्तों ? 


अहंकार तो दोस्तों ,अहंकारी पर ही भारी होता है ,

इसलिए अहंकार को छोड़ ,नम्रता को अपनाओ ,

मगर किसी को अहंकार हो ,तो वह क्या करे दोस्तों ? 


नम्रता अपनाने के बाद भी ,ग़लतफ़हमी अगर सताए ,

तो वह तो सच को पास में ,फटकने भी नहीं देती ,

गलतफहमी होने पर ,हम क्या अपनाएँ दोस्तों ? 


दूसरों के बारे में ,कभी कोई अनुमान ना लगाओ तुम ,

क्या उसकी उलझनों की ,जानकारी है तुम्हारे पास ? 

तो क्यों अपने दिमाग को ,उलझनोंमें लपेटो दोस्तों ? 


Monday, October 7, 2024

REET GAYAA ( JIVAN )

 

                         रीत गया 


जो बीत गया ,वो रीत गया ,जो है शेष ,वही विशेष ,

भूत काल में किए कर्मों को ,हम बदल नहीं सकते ,

दोस्तों ,मगर आने वाले कल ,यानि भविष्य  में ,

हम वही कर सकते हैं ,जो हम करना चाहते थे ,

दोस्तों ,इसलिए जो है शेष ,वही विशेष || 


मुस्कानें बाँटना ,खुद को भी मुस्काता है ,

खुशियाँ बाँटना ,खुद को भी खुश करता है ,

इसलिए लाओ ,अपने होठों पर मुस्कान ,

और भर दो ,दूसरों की भी खान || 


रंगों से भर दो ,अपने बनाए चित्रों को ,

चित्र बोल उठेंगे ,और आप भी मुस्कुरा उठोगे ,

तो दोस्तों यही  है ,मुस्कानें बाँटने का तरीका ,

दूसरों को खुश करने का तरीका ,

खुद भी खुश होने का तरीका || 


Sunday, October 6, 2024

SUNDARTAA ( CHANDRAMAA )

 

                                 सुंदरता 


तुम पुकार लो ,जीवन संवार लो ,

अपना प्यार हमें दो ,हमारा प्यार लो ,

जीवन की बगिया को ,फूलों से महका लो ,

सुंदरता दुनिया की ,दिल में बसा लो || 


इंद्रधनुष के रंगों को ,आँखों में बसा लो ,

दामिनी की चमक से ,आँखों को चमका  लो ,

दामिनी की गर्जन से ,धड़कनें बढ़ा लो ,

सुंदरता दुनिया की ,दिल  बसा लो  || 


चंदा की चाँदनी से ,जीवन चमका लो ,

चाँदी जैसे रंग में ,आँचल रंग डालो ,

चंदा की मुस्कान को ,होठों में उतार लो ,

सुंदरतादुनिया की ,दिल में बसा लो ||  


Friday, October 4, 2024

SAATH BADARAA KAA ( JALAD AA )

 

                          साथ बदरा का 


मेरे प्यारे बदरा दोस्त ,पवन संग उड़ता चल ,

हर जगह ,हर राह पर ,पानी प्यार का बरसाता चल || 


तेरे शीतल जल से ,तपन दूर हो धरती की ,

धरती प्यार भरी वाणी में ,स्वागत उसका करती सी || 


हरी - भरी धरती चहकी ,बदरा ने खूब बरसाया जल ,

धरती ने ही इस मौसम में ,खूब - खूब पाया जल || 


जन -जीवन फूलेगा - फलेगा ,पाएगा शीतल जल ,

बदरा को देगा धन्यवाद ,देने पर शीतल जल || 


बदरा भी पवन संग झूमेगा ,पाकर उसका साथ ,

पवन भी बह चलेगी ,पाकर बदरा का साथ || 


Thursday, October 3, 2024

KARO BHALAAI ( KSHANIKAA )

 

                           करो  भलाई


मीठा - मीठा बोल के ,मन सबका ललचाय ,

मगर नियत खराब हो ,तो बुरा वो कर -कर जाय ,

बुरा वो कर जाय ,तो उससे दूर रहो ,

उसी के कारण तुम किसी ,मुश्किल में ही फँस जायँ  ||


कड़वा बोले जो कोई ,बुरा वो लगता जाय ,

मगर नियत का साफ हो ,अच्छा वो कर जाय ,

अच्छा वो कर जाय ,उसे संग ही राखो ,

उसी के कारण तुम सभी ,मुश्किल से वापस आय || 


करते रहो भलाई तुम ,जो तुमसे हो पाय ,

उस भलाई से ही , मदद काहू की हो जाय ,

मदद काहू की हो जाय ,तुम्हारा भी अच्छा हो ,

उस जरूरत मंद की ,दुआ तो तुम ही पायँ  || 


दो मुस्कान किसी को ,मन उसका खिल जाय ,

दोगे जो मुस्कान जो ,तेरा मन भी खिल जाय ,

तेरा मन खिल जाय ,तो खुशियाँ मिलेंगी सबको ,

ऐसे में तो जग में ,सबकी खुशियाँ खिल जायँ ||

Wednesday, October 2, 2024

LIKHVAAOON ( RATNAAKAR )

 

                        लिखवाऊँ 


आ सागर मेरी बाँहों में आ ,

तुझको गले लगाऊँ मैं ,

साथ तेरे मुस्काऊँ मैं || 


रहेंगे हम साथ - साथ हमेशा ,

एक ही छत के नीचे ,

तू है मेरा ,मैं हूँ तेरी ,

दुनिया को समझाऊँ मैं || 


कोरा कागज मेरा मन था ,

कोरा कागज तेरा मन था ,

उन दोनों पे एक दूजे का ,

नाम जरूर लिखवाऊँ मैं || 


चंचल लहरें हँसते - हँसते ,

हम को हैं बुलातीं ,

उनके पास भी फिर से ,

अपना पता लिखवाऊँ मैं || 


Tuesday, October 1, 2024

MAHAKTII MAATII ( DESH )

 

                         महकती माटी 


फूलों की महक से ,दुनिया महक जाती है ,

उन्हीं फूलों के इत्र से , दुनिया महक जाती है ,

मगर दोस्तों क्या आपने ? 

वर्षा की पहली बूँदों से आती ,

मिट्टी की सौंधी महक ,महसूस की है कभी ??

 

इससे सुंदर और प्यारी महक ,महसूस की क्या आपने ?

इतनी महकीली महक ,इतनी रंगीली महक ,

किसी और की नहीं है दोस्तों || 

 

हमारी माटी की महक ,हमारी वर्षा की महक ,

यही महक तो हमारा जीवन है ,कोई भी इत्र ,

कोई भी फूल ,उसकी बराबरी नहीं कर सकता ,

तभी तो माटी की महक के लिए ,किसी ने ,

बहुत सुंदर लिखा है ,-- " चंदन है माटी मेरे देश की "|| 

 


Monday, September 30, 2024

MAIN TUMHARII HOON ( PREM )

 

                                 मैं तुम्हारी हूँ 


मैं तुम्हारी हूँ ,हाँ ,मैं तुम्हारी  हूँ ,

मगर क्या यह पूर्ण सत्य है ? 

कि मैं सिर्फ तुम्हारी ही हूँ ? 


सोचो तो जरा ,ईश्वर मेरा है ,मैं उसकी हूँ ,

यह प्रकृति मेरी है ,और मैं उसकी हूँ ,

सूरज ,चाँद ,तारे ,बदरा ,पवन दामिनी ,

गीत ,संगीत ,मेरी लेखनी ,मैं इनकी हूँ || 


मेरा परिवार ,मेरे दोस्त ,पड़ोसी ,

और यह समाज ,मैं सभी की हूँ ,

मेरा देश ,ये दुनिया ,मेरे कर्म ,मेरे कर्तव्य पथ ,

मैं इन सब की हूँ ,

तो तुम ही बताओ ,मैं कैसे कह दूँ ?

कि मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी  हूँ ,

मगर भरोसा करो मेरा ,कि मैं तुम्हारी हूँ || 


Sunday, September 29, 2024

UJAALON SE ( KSHANIKAA )

 

                                उजालों से 


हर किसी के घर में ,तुम जो ,

बिजली ना दे सको , तो क्या ? 

मिट्टी का दीया ही जला दो यारों ,

घर के अंधेरों को ,दूर कर दो यारों || 


दीया जलाने ,जब जाओगे तुम यारों ,

हाथ में दीये का उजाला ,

तुम्हें भी  उजाला देगा ,उसी उजाले से ,

तुम्हारा भी तो ,चेहरा चमकेगा यारों  || 


दूसरे के घर में ,दीया जलाना शुभ है ,

उनके घर उजाला फैला ,तो तुम्हारा भी तो ,

चेहरा चमक उठा है ,आँखें चमक उठीं हैं यारों || 


रुकना नहीं ,ऐसे ही चलते जाना यारों ,

जीवन सुंदर और सुन्दरतम  बना लो यारों ,

सभी के जीवन को ,उजालों से भर दो यारों || 


NIRNAY KARTTA ( KSHANIKAA )

 

                               निर्णय कर्त्ता 


जीवन में कोई भी ,फैसला करने पर ,

हम सोचते हैं कि ,हमने फैसला किया ,

हम इसी गलतफहमी में ,डूबे रहते हैं ,

कि यह फैसला ,यह निर्णय हमने लिया || 

 

मगर सच्चाई ,कुछ अलग होती है दोस्तों ,

वह निर्णय हमारा नहीं ,वक्त का होता है ,

वक्त ही  निर्णय  लेता है ,हमारे लिए ,

शायद वही हमारा ,निर्णय कर्त्ता है दोस्तों || 


वक्त ही तो हमारा ,दोस्त है ,

हमारा परिवार ,हमारा प्यार  है ,

तभी तो वह ,हमारे लिए एक ,

शुभचिंतक बन कर ,हर निर्णय ,

ले लेता है ,निर्णय कर लेता है ,

निर्णय कर्त्ता बन कर दोस्तों || 

 

Thursday, September 26, 2024

ADHYAAPAN ( KSHANIKAA )

 

                             अध्यापन 


दुनिया में कार्य बहुत हैं ,अलग - अलग क्षेत्र में ,

उन्हीं में से एक है अध्यापन ,एक सम्माननीय क्षेत्र में ,

इस कार्य से समाज और देश में ,

विकास तेजी से होता है || 


पुराने समय में अध्यापन ,गुरुकुलों में होता था ,

शिष्य गुरुकुल में जाकर ही ,ज्ञान अर्जित करते थे ,

वहीं रहकर ,शिष्य गुरु की आज्ञा का पालन ,

श्रद्धा पूर्वक करते थे || 


आज शिक्षा ग्रहण का ,रूप बदल गया है ,

शिष्य - गुरु परंपरा समाप्त हो गई है ,

विद्यार्थी विद्यालय में जाकर ,शिक्षा प्राप्त करते हैं ,

अध्यापक उन्हें हर विषय का ज्ञान देते हैं ,

विद्यार्थी और उसके माता - पिता ,विद्यालय को ,

धन द्वारा ,फीस देते हैं ,आज शिक्षण द्वारा ,

हर क्षेत्र के लिए ,योग्यताएँ तैयार करते हैं ,

जिससे हर क्षेत्र में कार्य हो सके ,

जिससे समाज और देश विकसित हों || 


Wednesday, September 25, 2024

INSAANIYAT ( KSHANIKAA )

 

                       इंसानियत  


जग में फैली फूलों की खुश्बु ,

मेरी साँसें महकीं ,तेरी साँसें महकीं ,

सारी दुनिया भरी महक से ,

मैं भी महकी ,तू भी महका ,

साथ - साथ ये जीवन महका || 


रंगों से दुनिया रंगीन हुई ,

मैं भी रंग गई ,तू भी रंग गया ,

सपने में इंद्रधनुष जो छाया ,

गगन भी पूरा रंग गया || 


ये रंग ,ये महक ,खुशियाँ देने वाले हैं ,

मगर इन सबसे बड़े हैं ,

इंसानियत के रंग ,इंसानियत की महक ,

इंसानियत और मानवता निभाते हुए ,

किसी की मदद करोगे ,या किसी के ,

होठों पर मुस्कानों के फूल खिलाओगे ,

तो उसके रंग और महक में ,

तुम भी रंग जाओगे ,तुम भी महक जाओगे ,

तो शुरु कर दो दोस्तों || 


Tuesday, September 24, 2024

MAHAK ( KSHANIKAA )

 

                                    महक 


पेड़ों की सुंदरता का विवरण उसकी ,

पत्तियों ,फूलों ,फलों आदि से किया जाता है ,

मनुष्य के बारे में ,उसके ,

आचार -विचार ,उसके कर्मों से किया जाता है ,

पेड़ों के गुण ,उसके सभी ,

भागों के गुणों पर निर्भर हैं  ,

मनुष्य के गुण ,उसके व्यवहार ,

उसके कर्मों के गुणों पर निर्भर हैं || 


जैसे पेड़ों के गुण ,और उनकी महक ,

दूर तक फैलती है ,

वैसे ही मनुष्य के गुण ,और उनकी महक ,

दूर तक फैलती है || 


तो अपने गुणों को ,विकसित कर लो दोस्तों ,

ताकि उनकी महक ,दूर -दूर तक ,फ़ैल जाए दोस्तों || 



Monday, September 23, 2024

AANAND ( JIVAN )

 

                             आनंद 


हमारी धरा ,हमारी प्रकृति ,देती है हमें सब कुछ ,

कितने ही मौसम ,कितनी ही ऋतुएँ ,हैं आती -जाती ? 

हम आनंद लेते हैं ,हर मौसम का ,हर ऋतु का || 


हर मौसम शुरु होता है , तो बदल जाता है ,

हमारा खानपान ,हमारी वेशभूषा ,हमारा समय ,

और हम आनंद लेते हैं ,हर मौसम का ,हर ऋतु का || 


जो संसार में आता है ,वह वापिस जाता है दुनिया से ,

इसी तरह ,जो मौसम शुरु होता है ,

वह ख़त्म भी होता है ,यानि मौसम  का ,

अंत भी होता है ,और अपने पीछे आनंद छोड़ जाता है || 


अंत का भी अंत होता है ,

अनंत कुछ भी नहीं है ,यहाँ इस दुनिया में ,

देखो ना पूरे साल में ,पतझड़ भी आता है ,

समझो जरा ,पूरे साल बसंत नहीं होता ,

और हम आनंद लेते हैं ,हर मौसम का ,हर ऋतु का || 


Sunday, September 22, 2024

ACHCHHE DIN ( JIVAN )

 

                          अच्छे दिन 


अच्छे दिन आएँगे ,सुनते - सुनते हमने ,

भी विश्वास किया और ,

इंतजार किया , हमने अच्छे दिनों का ,

करते रहे इंतजार ,करते रहे इंतजार ,

दिन बिताते रहे ,समय उड़ता रहा || 

 

ऐसा करते - करते ,वर्षों पर वर्ष बीतते गए ,

और वह दिन भी आया ,कि उम्र ही गुजर गई ,

जब  यह  समझ आया ,तो पीछे  मुड़कर  देखा ,

बीते दिनों की ओर ,और चौंक गए || 

 

अरे ! वो दिन तो ,बहुत अच्छे थे ,

और हम आगे के ,अच्छे दिनों का ,

इंतजार कर रहे थे ,उन अनजान दिनों का ,

जिनके बारे में हम ,कुछ भी नहीं जानते थे || 

 

काश हम जान पाते ,कि जो आज है ,

वही अच्छा है ,उसी को अच्छे से ,

जी लो ,वर्तमान समय ही ,

सबसे अच्छा होता है ,  

इसी बात को जान लो दोस्तों || 

 

Saturday, September 21, 2024

SANVAARTI ( JIVAN )


                      संवारती 


ख्वाहिशों का पिंजरा ,एक बार जिसे जकड़ता है ,

उसे अपने अंदर ही ,ताकत से पकड़ता है ,

उसकी पकड़ में फँसने पर ,कुछ ख्वाहिशें ,

टूट भी जाती हैं ,मगर फिर भी ,

नई ख्वाहिशें पनपती ही जाती हैं || 


हमारी ख्वाहिशें ,कुछ पूरी हुईं और ,

कुछ टूटीं ,मगर नई ख्वाहिशें जो जन्मीं ,

उन्हें पूरी करने के लिए दोस्तों ,

हमें उपाय तो करना ही होगा ,

कुछ परिश्रम तो करना ही होगा || 


दिल और दिमाग में ,पैदा हुई ख्वाहिशें ,

जैसे - जैसे पूरी होती हैं  ,

खुशियों भरी मुस्कान खिलाती हैं ,

वही मुस्कान जीवन को सुंदर और ,

मनमोहक बना कर संवारती है || 


KHAJAANA ANOKHAA ( PREM )

 

                          खजाना अनोखा 


कभी भी परेशानी में ,किसी भी उलझन में ,

धैर्य बनाए रखो दोस्तों ,धैर्य रखने पर ,

थोड़ा समय बीतने पर ,परेशानी से निकलने का ,

रास्ता निकाल सकते हैं दोस्तों ,

किसी भी समस्या की सुलझन का ,

रास्ता निकाल सकते हैं दोस्तों || 


अपनी उलझनों को ,अपनी परेशानियों को 

दूर कर दोगे जब ,दूसरों की जरूरतों के समय पर ,

कुछ वक्त दूसरों को भी दो दोस्तों ,

तभी तो तुम्हारे ,व्यक्तित्व की चमक बढ़ेगी दोस्तों ,

सभी  के दिल में ,तुम स्थान पाओगे ,

जब उनकी मुस्कानें बढ़ाओगे दोस्तों || 

 

तो चलो शुरु करते हैं यह काम ,

यही रास्ता अपना लेते हैं ,

दौड़ पड़ते हैं,साथ में ले लेते हैं ,

मुस्कानों का अनोखा खजाना ,

और बाँटते चले जाते हैं ,मुस्कानें सभी को || 

 


Thursday, September 19, 2024

HIMMAT ( JIVAN )

 

                                     हिम्मत 


डरते - डरते ना करो ,कभी भी कोई काम ,

या तो जीत मिलेगी ,नहीं तो सीख तुम्हारे नाम ,

सीख तुम्हारे नाम ,जरा तो तुम मुस्काओ ,

मुस्का - मुस्का कर ही ,तुम सीख का जश्न मनाओ || 


डर -डर के जो काम किया ,सदा बिगड़ वो जाय ,

डरने से तो दोस्तों ,सेहत भी बिगड़ी जाय ,

सेहत भी बिगड़ी जाय ,तो तुम हिम्मत मत हारो ,

हिम्मत की पतवार चला ,तुम सीख का जश्न मनाओ || 


हिम्मत में गुण बहुत हैं ,सदा राखिए संग ,

जहाँ जरूरत पड़ेगी ,हिम्मत ही तो संग ,

हिम्मत ही तो संग ,कमजोरी ना अपनाओ ,

हिम्मत करके ही ,तुम सीख का जश्न मनाओ || 


Wednesday, September 18, 2024

AA VE AA ( GEET )

 

                     आ वे आ 

 

 मेरे बचपन तू आ आ ,इस उम्र को ले जा ,

आ वे आ ,तैनूँ रब दा वास्ता,

छाईं काली घटा ,आईं ठंडी हवा ,

आ वे आ ,तैनूँ रब दा वास्ता || 


कितने मौसम बीत गए ? समय को पंख लग गए ,

जाने मेरे पैरों को कब ? पंख लगाएँ परियाँ ,

ऐसा जल्दी हो जाए ,कुछ देर ना लगा ,

आ वे आ ,तैनूँ रब दा वास्ता || 


बेरियाँ नुँ बेर लग गए ,वे तौबा ,

फूलों से झुक गईं डालियाँ ,

जाने मेरे बालों से कब ,बन पाएँगी दो चोटियाँ ,

लंबी - लंबी चोटी में ,तू परांदी तो  लगा ,

आ वे आ ,तैनूँ रब दा वास्ता || 



Tuesday, September 17, 2024

DHAAM BAPPAA KAA ( AADHYAATMIK )

 

                           धाम बप्पा का 


गए हैं बप्पा अपने धाम ,खाली कर गए हैं मकान ,

वो तो पहुँच गायब अपने ,माता - पिता के धाम || 


पाएँगे प्यार अपने माता - पिता से ,

करेंगे बातें अपने माता - पिता से ,

खुश होंगे ,खुशियों को पाएँगे ,अपने माता -पिता से || 


ये खुशियाँ वो इकट्ठी कर ,बाधेंगे आँचल में ,

अगले बरस तभी तो ,बाँटेंगे अपने भक्तों में ,

खुशियों का खजाना लेके ,वो लौटेंगे भक्तों के धाम || 


भक्तों को अभी से ,इंतजार है अगले बरस का ,

हम भी उन्हीं में शामिल हैं ,हम भी उन्हीं में शामिल हैं ,

हम भी बुलाएँगे बप्पा को अपने धाम || 


Monday, September 16, 2024

MADHURAM ( JIVAN )

 

                         मधुरं 


सत्यं ,शिवम् ,सुंदरं ,जीवन हुआ मधुरं ,

प्रकृति की गोद में छिपकर ,बंधु जीवन हुआ मधुरं ,

तभी तो जीवन में ,कठिनाई हुई मध्यम || 


रंगों का इंद्रधनुष खिला ,हमारे अँगना ,

तभी तो दुःख दूर भागे ,चले हमारे संग ना ,

मुस्कानें खिल गईं होठों पे ,उदासी हुई कम ,कम || 


सोच में सुंदरता का कमल खिल गया ,

फूलों का मानो ,बगीचा महक गया ,

ऐसे में ही तो ,महक में डूब गए हम ,हम || 


Sunday, September 15, 2024

DUSHMAN BHI JAROORI HAIN | ( KSHANIKAA )

 

                    दुश्मन  भी जरूरी हैं | 

 

जिंदगी में खुश रहने के लिए ,दोस्तों का साथ चाहिए ,

मुस्कानों और ठहाकों के लिए ,दोस्तों का साथ चाहिए ,

सैर - सपाटों के लिए भी ,दोस्तों का साथ चाहिए ,

पिकनिक और पार्टी के लिए ,दोस्तों का साथ चाहिए || 

 

मगर क्या आपको पता है दोस्तों ?

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए ,

दुश्मन जरूर चाहिए ,

ऊँचाइयों को छूने के लिए ,दुश्मन जरूर चाहिए ,

मेहनत का  दरिया पार करने के लिए ,

दुश्मन जरूर चाहिए  ||

 

क्योंकि प्रेरणा हमें वही देते हैं ,

उन्हीं के रोकने से ,हम पाते हैं ,

आगे बढ़ने की प्रेरणा ,इसलिए ,

दोस्तों के साथ - साथ ,दुश्मन भी जरूरी है ,

दुश्मन भी बहुत जरूरी है || 



Saturday, September 14, 2024

HAR PAL JIVAN , HAR PAL MAUT ( JIVAN )

 

                       हर पल जीवन ,हर पल  मौत 


सुना बहुत है दोस्तों ,जिंदगी एक बार मिलती है ,

नहीं ,नहीं  दोस्तों ,जिंदगी तो रोज ही मिलती है || 


नींद से जागे हम ,वही नवजीवन है ,

गमले में बीज जो बोये ,नवांकुर निकले ,

जब पहला फूल खिला ,वही नवजीवन है || 


पहला गीत गुनगुनाया ,वही नवजीवन है ,

थिरकने को कदम बढ़ाया ,वही नवजीवन है ,

मत सोचो कि जिंदगी ,एक बार मिलती है ,

हर सुंदर पल में ,मिलता नवजीवन है || 

 

इसी तरह मौत भी दोस्तों ,बहुत बार मिलती है ,

अपनों ने जब   दुत्कारा ,वही तो मौत है ,

अपनों ने जब धिक्कारा ,वही तो मौत है ,

रात को नींद आती है ,वह भी तो मौत है ,

जिस नींद में सपने ना हों ,वही तो मौत है ,

तो दोस्तों हर पल ही जीवन है ,हर पल ही मौत है || 


Friday, September 13, 2024

MAAN KII BINDI - HINDI ( DESH )

 

                         माँ की बिंदी - हिंदी 


हिंदी दिवस की आप सब को बहुत -बहुत बधाई ,

मेरी भावनाओं को पढ़कर राय दीजिएगा ---


भारत माता के माथे की बिंदी ,

ये है चमकती हिंदी , हिंदी ,

शुद्ध ,सरल सी है यह भाषा ,

प्रीत ,प्रेम और प्यार की भाषा ,

ये है सुर ,लय ,ताल की हिंदी || 


सरगम बनी है इस हिंदी से ,

गीत सजे हैं इस हिंदी से ,

कविता का यह रूप सजाती ,

होठों पर मुस्कानये लाती ,

ये है सुर ,लय ,ताल की हिंदी || 


माता की लोरी सजती इसी से ,

पिता का प्यार बरसता इसी से ,

राखी के धागे बुनते इसी से ,

आराधनाएँ रचतीं इसी से ,

ये है सुर ,लय ,ताल की हिंदी || 


THAHAAKE ( DOHA )

 

                           ठहाके 


मुस्कुराहटों के फूल ,होठों पे सजा लो यारों ,

जिंदगी में सुंदर सी ,कलियों को चटखा लो यारों || 


दिन - ब -दिन ,जिंदगी बीतती जाती है ,

उसकी यादों को ,मुस्कानों से सजा लो यारों || 


कदम बढ़ा कर ,थाम लो हाथ दोस्तों का ,

उन्हीं के साथ ,ठहाके भी लगा लो यारों || 


अगर दूर हो जाओ ,तुम दोस्तों से कभी भी ,

जल्दी ,जरा जल्दी ही ,मोबाईल तो मिला लो यारों || 


उम्र का नंबर तो ,बढ़ता ही रहेगा दोस्तों ,

दोस्तों की संख्या भी तो ,तुम बढ़ा लो यारों ||


Wednesday, September 11, 2024

BHAAVNAAEN ( KSHANIKAA )

 

                               भावनाएँ 


प्यार किया इंसान से ,प्यार दिया इंसान को ,

कमजोर किया उसने हमें ,

प्यार किया भगवान से ,प्यार दिया भगवान को ,

मजबूत किया उसने हमें || 


वही देता है वह शक्ति ,वही देता है वह ताकत ,

दुनिया में जीना ,सिखाया उसने हमें ,

वह ही असली ताकत है ,वह ही असली हिम्मत है ,

विश्वास दिया उसने हमें || 


हिम्मत और विश्वास से ही ,जो प्यार पैदा होगा ,

वह कमजोरी नहीं लाएगा ,

वही प्यार इंसान के दिल में पनपेगा ,

और इंसान के दिल तक पहुँचाएगा हमें ,

पूरे जग के दिलों तक पहुँच कर ,

उनका विश्वास दिलाएगा हमें || 

 

Tuesday, September 10, 2024

NEEND ( KSHANIKAA )

                    

                         नींद 


दिन और रात का समय ,बनाया धरा ने ,

ये समय बनाया गया ,रवि के साथ मिलकर ,

धरा जब घूम जाती  है ,अपनी धुरी पर ,

आधी धरा में ,दिन है निकलता ,

आधी पर रात होती है || 


दिन में मानव करता है ,अपनी दिनचर्या का काम ,

मगर रात को मानव ,करता है पूर्ण आराम ,

रात में नींद है आती ,जो मानव को है सुलाती ,

तभी तो मानव कर लेता ,विश्राम और विश्राम || 


नींद तो सुंदर ,सुंदर ,बहुत सुंदर सी है क्रिया ,

मानव को वह सुला देती ,पूर्ण विश्राम है कराती ,

सभी भावनाओं को ,दिन की थकावटों को ,

यह नींद ही भुला देती ,भुला देती || 


नहीं अहसास रहता है ,उस समय कोई ,

जब मानव है सोया ,गहरी नींद में वो खोया ,

अक्सर सपने तो आते हैं ,पूरी दुनिया घुमाते हैं ,

मानव के भावों को भुलाकर ,वह खिलखिलाते हैं || 

 

Monday, September 9, 2024

CHHOTAA SAMAY ( KSHANIKAA )

 

                            छोटा समय 


जीवन की राहें ,लंबी हैं दोस्तों ,

चलते - चलते ,समय बीत रहा दोस्तों ,

लंबी सी राहें ,तो पार हो गईं हैं ,

छोटा सा हिस्सा ही ,तो बाकि पड़ा है || 


बहुत मेहनतों से ,पार हुईं हैं ये ,

बहुत सी अड़चनें ,आईं इस राह में ,

मगर मेहनतों से ,आए हम यहाँ तक ,

अब तो छोटा रास्ता ,बाकि पड़ा है || 


आगे का समय तुम तो ,हँस कर बिता लो ,

उम्मीदों में डूबे ,आशाएँ खिला लो ,

यह समय मुस्का कर बीता ,

तो पिछली मेहनत सफल होगी ,

खुशियों में डूबी दोस्तों ,कल की सुबह होगी ,

दोस्तों कल की सुबह होगी || 


Saturday, September 7, 2024

SHAANT CHAAL ( JIVAN )

 

                            शांत चाल 


मिला है जीवन हमें ,मिला है समय हमें ,

साँसें मिलीं ,धड़कन मिली दिल में ,

मगर सब कुछ सीमित है ,यही हमारा धन है ,

बढ़ेगा बिल्कुल नहीं ,ध्यान रखिएगा || 


कमाए हुए धन को ,खर्च करते हैं हम ,

मगर सोच समझ कर ,बचत करते हैं हम ,

इसी तरह ,साँसें ,समय को ,

धीरे - धीरे ,खर्च करते रहें हम ,

थोड़ी -थोड़ी बचत करते हुए || 


धड़कनों को तेज ना होने दें ,

धड़कनों को बहुत धीमा ना होने दें ,

जीवन को शांति से गुजरने दें ,

तेज दौड़ना नहीं ,शांत चाल से चलते रहिए || 


शांत चाल ,शांत जीवन ,यही सब ,

तो स्वस्थ मन ,स्वस्थ दिमाग की पहचान है ,

 इन सब को अपनाओगे तो ,

अच्छा स्वास्थ्य भी आपको अपनाए रखेगा || 

 


JOOTE KII AATMKATHA ( BAAL SAAHITYA )

 

                            जूते की आत्मकथा 

यह आत्मकथा मेरे नाती अंश अरोरा 

( कक्षा - 6 ) की लिखी हुई है | कृपया 

पढ़कर अपनी राय दें और अंश को 

आशीष दें || 


सभी लोग मुझे अपने पैरों में पहनते हैं | मैं 

कारखानों में बनाया जाता हूँ | मैं लोगों के 

पैरों की रक्षा करता हूँ | बताओ तो जरा --

-- मैं कौन हूँ ? 

आपने क्या जवाब दिया ? मैं एक जूता हूँ | 

" हाँ जी ! मैं एक जूता हूँ "| सही जवाब || 


मेरा जन्म एक कारखाने में हुआ था | मैं 

काले रंग के चमड़े से बना जूता हूँ | मेरे 

बहन - भाई अलग - अलग रंग और सामान 

से बने हैं | लाल ,पीला ,सफ़ेद आदि रंग और 

कपड़े ,प्लास्टिक ,धातु आदि से मेरे भाई -

बहन बने हैं | 

एक दिन एक आदमी ने मुझे दुकान दार 

से खरीदा | वह मुझे प्रतिदिन पहन कर

 ऑफिस जाता था | रोज मुझे पॉलिश करके 

चमकाता था | जिससे मैं अच्छा दिखाई दूँ | 

             एक दिन उस आदमी को ठोकर 

लग गई ,जिससे मुझे चोट लग गई ,और मैं 

फट गया | उस आदमी ने मुझे अलमारी में 

रख दिया | उसके बाद वह आदमी मुझे भूल 

गया | कुछ दिन बाद उसने मुझे देखा  और  

उसने मुझे   कूड़े दान में   डाल दिया || 

                मुझे बहुत दुःख हुआ | पर फिर 

भी मैंने अपना हौसला बटोरा | अब मैंने 

सोचा कि जल्दी ही मैं एक नया जूता बनकर 

किसी और की मदद करूँगा और उसके 

पैरों की रक्षा करूँगा || 

आप सबने मेरी आत्मकथा सुनी | आप सब 

का बहुत - बहुत धन्यवाद || 

 





Thursday, September 5, 2024

JANM DIN CHANDRAMAA KAA ( CHANDRAMA )

 

                       जन्म दिन चंद्रमा का 


कल चाँदनी उतर कर ,आई मेरे पास ,

चलो सखि चंद्रमा के घर ,जन्म दिन है उसका ,

मैं ख़ुशी -ख़ुशी ,चल दी उपहार लेकर || 


पहुँचे जब चंद्रमा के अँगना ,तारों की बारात थी वहाँ ,

नन्हें तारे खिलखिलाते ,खेलते थे पार्टी में ,

हम भी शामिल हो गए ,तारों के साथ में || 


चंद्रमा जी आए ,तैयार हो कर ,

मुस्कुराहटों से सजे ,खुशियों के साथ में ,

चाँदनी से मिले तो ,और झिलमिल हो गए ,

तारों से मिलकर तो मानो ,खो गए ,जी खो गए || 


जन्म दिन का गीत गाया ,मिलकर सभी ने ,

हैप्पी बर्थडे टू यू से ,गूँजा गगना ,

केक काटा ,मुस्कान के साथ चंद्रमा जी ने ,

उपहार दिए ,चंद्रमा जी को सभी ने || 


सबसे पहले केक खाया सभी ने ,

फिर तो टूट पड़े सभी ,विभिन्न ,स्वादिष्ट व्यंजनों पर ,

व्यंजनों के बाद ,मिष्टान्न उड़ाए गए ,

बाद में सभी ने नृत्य किया ,

और फिर दोस्तों हम लौट आए || 


Tuesday, September 3, 2024

JANM DIN JALAD KAA ( JALAD AA )

 

                       जन्म दिन जलद का 


आए  जलद काले - काले ,बरखा का साया लेकर ,

आया याद मुझे ,आज है ,जन्म दिन जलद का ,

सोचा चलो पार्टी करते हैं ,पवन ,दामिनी के संग  || 


किया फोन दोनों को बुलाया ,योजना बनी पार्टी की ,

की खरीदारी उपहारों की ,और जरूरतें पार्टी की ,

चल दिए तीनों हम ,गगना के अँगना करने पार्टी || 


जलद चकित था ,साथ ही खुश था ,हमें देखकर ,

और हम भी खुश थे दोस्तों ,जलद की ख़ुशी देखकर ,

फोन किया सूरज को ,उसे बुलाया जलद के घर ,

आए चंदा - तारे भी ,सभी खुश थे मिलकर || 

 

चंदा जी ले आए केक ,तारों ने उसे सजाया ,

सभी ने मिलकर ,ख़ुशी - ख़ुशी ,जन्म दिन का गीत गाया ,

हैप्पी बर्थ डे  टू यू के स्वर से ,गगना को गुँजाया || 


खाते -पीते ,डांसकरते ,पार्टी बढ़ चली ,

हम सब को बहुत - बहुत ख़ुशी मिली ,

समय बिताकर ,मस्ती करके , यादें लिए ,

खुश -खुश , हम सब अपने -अपने घर लौटे ||

 

Monday, September 2, 2024

MAUJ MANAO ( JIVAN )

 

                         मौज मनाओ 


दुनिया वाले ,कुछ तो कहते ही रहते हैं ,

दुनिया वालों को ,कहने दो ,बोलने दो ,

बोलने तो दो मगर ,दिल में में जमा मत कर लेना ,

दिल में सब बातें जमा कीं ,तो दोस्तों ,

वह बातें जहर में बदल जाएँगी ,

और जिंदगी मर जाएगी दोस्तों  || 


दुनिया वालों की कही बातें ,

एक कान से सुनो और ,दूसरे कान से निकालो ,

अंदर उतर आए शब्दों को ,बाहर निकालकर ,

जहर बनने से पहले ,दिल को साफ़ करलो दोस्तों || 


दिल साफ़ होगा तोदोस्तों ,

जिंदगी मौज बन जाएगी ,

खुशियों का राज होगा दिल में ,

तो मौज मनाओ दोस्तों ,मौज मनाओ दोस्तों || 


Sunday, September 1, 2024

RATNAAKAR KAA JANM DIN ( RATNAAKAR )

 

                           रत्नाकर का जन्म दिन 


जन्म दिन आया ,रत्नाकर का ,मैं पहुँची सागर बीच ( किनारा ),

लहरों का मेला देख कर ,मैं पहुँची उनके बीच ( बीच में ) ,

लहरों ने जब देखा मुझको ,हाथ पकड़ ले चलीं ,

आओ सखि ! चलते हैं हम -तुम , रत्नाकर के घर || 


हम सब जब अंदर पहुँचे ,शोर मचा था अंदर ,

चंचल लहरें नाच रहीं थीं ,डूबी मस्ती में अंदर ,

हम सब मिल गए उन्हीं में , डूब मस्ती में अंदर || 


रत्नाकर सज -धज कर आया ,लगता था बहुत ही सुंदर ,

हैप्पी बर्थडे टू यू की गूँज में ,उठ खड़ा हुआ बवंडर ,

फिर आया केक दोस्तों ,कटा गया मुस्कानों में ,

बाँटा गया मुस्कानों में ,खाया गया मुस्कानों में || 


उपहार सभी ने दिए ,रत्नाकर था खुश - खुश ,

सभी से करते हुए बतियाँ ,नहीं किसी को रहने देता चुप ,

पार्टी में सभी  हो गए मस्त ,सभी हो गए मस्त || 


खाना -पीना ,डांस करना ,यही तो पार्टी थी ,

हम सब दोस्त खो गए ,लहरों की मस्ती में ,

चंचल लहरों को देख -देख ,हमारा मन भी चंचल था ,

और डांस के फर्श पर ,हम थिरकते गए ,हम थिरकते गए || 


Saturday, August 31, 2024

BANSII BAJAAII RE ( GEET )

 

                                 बंसी बजाई  रे 


कान्हा ने बंसी बजाई रे ,मेरे कान्हा ने बंसी बजाई रे ,

सारी गोपियाँ दौड़ी आई रे  ,मेरे कान्हा ने बंसी बजाई रे || 


सारा गोकुल गूँज उठा रे ,सभी हो गए मतवाले ,

गोपियाँ सारी नाच उठीं हैं ,झूम उठे सारे ग्वाले ,

मेरे कान्हा ने बंसी बजाई रे || 


बरसाने तक धुन पहुँची तो ,राधा हुई मतवाली ,

सब कुछ छोड़ -छाड़ वो दौड़ी ,वो बरसाने वाली ,

मेरे कान्हा ने बंसी बजाई रे || 


माता यशोदा वारि जाएँ ,देख के अपना लल्ला ,

प्यार करें वो कान्हा को ,कह के लल्ला - लल्ला ,

मेरे कान्हा ने बंसी बजाई रे || 


Thursday, August 29, 2024

OUR PLANET EARTH ( BAAL SAHITYA )

 

                     OUR   PLANET   EARTH 

This  article is written  by  my  grand son 

ANSH   ARORA  ( CLASS - 6 ) .Please 

give your comments and blessings .


There are lot of Galaxies in our  Universe .

 A lot of Solar systems in our Galaxy 

( milky way galaxy ) .Our solar system made 

up of mainly sun and planets .

It is blue in colour . Life exists on it .Guess 

who it is ? That's right ! It is our planet earth .

It is the third planet from the sun .

 

It is the only planet in the solar system to have 

life existing on it . Many people also called it the 

' Blue planet '.It was formed due to the Big - Bang '.

The big -bang was a big planet exploding and many 

small pieces being formed called planets .

 

Earth has different land forms like hills ,mountains ,

plateaus and plains etc..When we see earth from 

outer space .We see clouds ,green patches ( forests)

and the remaining portion of it covered with water .

 

At first earth was fully covered with jungles ,but now,

as the population and need of mankind is increasing,

so a lot of forest are getting cut . The earth is covered 

with 79% of water and 21% of  land .


There are many seasons on it like Summer,Monsoon,

Winter,Spring,Autumn etc..


The division of earth can happen like two Poles --

North and South ,both of them are very cold .Then

Tropic of Cancer and Tropic of Capricorn ,in which 

the temperature is moderate , and then comes the 

Equator line where it is very hot .


The water bodies are oceans ,rivers,lakes and ponds

etc..The largest ocean is the Pacific ocean and the 

smallest ocean is the Arctic ocean .The oceans are 

the largest water bodies . One ocean is on the name

 of the country,that is Indian ocean on the name 

of our country ,India .


There are many living things on it -- like plants ,

animals and human being . Many of its forests are 

being cut down to build buildings , if we cut trees

we wouldn't have Oxygen to breath and soon die .


      So please do not cut trees ,

                 SAVE TREES, SAVE  EARTH ,




Tuesday, August 27, 2024

SANTOSH DHAN ( KSHANIKAA )

 

                         संतोष धन   


बहुत बरस पहले ,संत कबीर दास जी ने कहा था ,

" जब आवे संतोष धन ,सब धन धूरि समान,"

ये शब्द कोई संत ही ,कह सकता है दोस्तों ,

बाकि दुनिया तो धन के पीछे ,दीवानी है दोस्तों || 

 

दोस्तों संतोष बहुत ही ,मूल्य वान भाव है ,

जो हर किसी के ,मन में नहीं होता ,

जो व्यक्ति मन को ,अपने वश में कर लेता है ,

वही संतोष का ,रसास्वादन कर सकता है || 

 

संतोष एक मानसिक स्थिति है दोस्तों ,

बिना डोर के उड़ने वाला मन ,

दुनिया के हर कोने में उड़ता फिरता है ,

हर वस्तु की चाह रखता है ,

सुख - सुविधाएँ  ढूँढता है || 


इस मानसिक स्थिति को ,जो भी वश में कर लेता है ,

वही इस संतोष का हकदार होता है ,

यह संतोष ही एक शांति और ,

मुस्कानें प्रदान करता है दोस्तों ,क्योंकि ,

संतोष प्राप्ति के बाद ,

दुनिया का वैभव गौण हो जाता है || 



KORE HII ( KSHANIKAA )

 

                         कोरे ही 


जीवन की हजारों उलझनें हैं दोस्तों ,

व्यस्त हैं हम तो ,दूसरों के दिलों को रखने में ,

उनकी इच्छाएँ पूरी करने में || 


पहले नंबर पर ,अपने बड़े - बुजुर्गों की ,

इच्छाएँ पूरी करके ,उनका दिल रखा ,

दादा -दादी ,नाना -नानी ,माता -पिता ,

सबके दिल रखे हमने || 


अब थे संगी -साथी अपने ,

भाई -बहिन ,पति उनका परिवार ,प्यार में डूबकर ,

दिल रखते रहे ,हम तो सबका ही || 


अब हैं अपने बच्चे , फिर आगे बच्चों के बच्चे ,

मोह ,ममता में डूबे ,हम रखते रहे ,

उन सबका दिल ,रखते -रखते हम भूल गए ,

कि एक दिल हमारा भी है ,जिसमें ,

अनगिनत इच्छाएँ हैं ,चाहतें  हैं ,

उन में से क्या ,एक भी इच्छा या चाहत ,

पूरी कर पाए हम दोस्तों ? 

नहीं दोस्तों हम तो ,कोरे ही रह गए दोस्तों ,

कोरे ही रह गए दोस्तों || 


Sunday, August 25, 2024

GUNJAA DO ( KSHANIKAA )

 

                                     गुँजा दो 


सात सुरों की सरगम से ,जन्म हुआ संगीत का ,

उन्हीं सात सुरों ने गाया ,मीठा गीत प्रीत का ,

सा रे गा मा पा धा नी ,ये सरगम है सात सुरों की ,

इन्हीं से निकला मीठा गीत ,दिल से दिल की जीत का || 


सात सुरों को अपनाया सबने ,अपने पास बुलाया ,

दिल से मीठे स्वर जो निकले ,जग को उसने गुँजाया ,

सा रे गा मा पा धा नी ,ये सुर निकले दिल से ,

तभी तो इन से जन्मे मीठे गीतों को ,सबने गुनगुनाया || 

 

अपनाओ इन सुरों को ,गुनगुनाओ इन सुरों को ,

दिल में बसा लो इस सरगम को ,संसार को गुँजा दो ,

इस सरगम में प्यार बसा है ,प्यार से है संसार ,

संसार की हर गूँज ही ,प्यार के साथ हर ओर फैला दो ||

PARIVARTAN ( KSHANIKAA )

 

                                परिवर्तन 


जीवन परिवर्तन शील है ,परिवर्तन जब आए ,

तो उसका स्वागत करो ,दिल खोल के दोस्तों ,

परिवर्तन ही तो ,जीवन का आधार है ,

इसलिए कहो ,परिवर्तन स्वीकार है || 


हर परिवर्तन ,जीवन की राहों को बदल जाता है ,

परिवर्तन ही तो ,जीवन का हर रूप दिखा जाता है ,

परिवर्तन ही तो ,जीवन का सुधार है ,

इसलिए कहो ,परिवर्तन स्वीकार है || 


परिवर्तन ही ,सफलता दिला जाता है ,

यदि सफलता नहीं मिली ,तो दोस्तों ,

सफलता प्राप्त करने के ,गुण सिखा जाता है ,

परिवर्तन ही तो ,गुणों का आगार है ,

इसलिए कहो ,परिवर्तन स्वीकार है || 


Thursday, August 22, 2024

SWASTH MAN ( JIVAN )

 

                               स्वस्थ मन 


जिंदगी एक खूबसूरत बगिया है ,इसे महका लो ,

सभी को खुशियाँ दे पाओ ,यह शक्ति ना हो ,

कोई बात नहीं दोस्तों ,किसी को तुम्हारे कारण ,

दुःख ना पहुँचे ,यह शक्ति अपना लो || 


जिंदगी संगीत के स्वरों से गूँजती दुनिया है ,

इसके स्वरों को गुनगुना लो ,

मुस्कानें बाँटो और खुद भी मुस्कुरा लो || 

 

जिंदगी में कोई अंत नहीं है ,दिन के बाद ,

आराम के लिए रात आती है ,रात के बाद ,

नया दिन ,नया सवेरा आता है ,

इसी में तुम अपना चक्र चला लो || 

 

दूसरों को खुशियाँ देने वाला ,

मन ही स्वस्थ होता है ,

इस बात को ,खुद भी समझो ,

और दूसरों को भी समझा लो || 

 

Wednesday, August 21, 2024

THAATII ( KSHANIKAA )

 

                                 थाती 


हर कोई रखता है ताकत ,अलग - अलग तरह की ,

किसी में है ताकत ,दूसरे के दिलों को जीतने की ,

दोस्तों यह ताकत तो है कमाल की || 


जो  कोई जीतेगा दिलों को ,छा जाएगा जहां पर ,

सभी उसके साथ होंगे ,सभी उसके दोस्त होंगे ,

दौड़ती रहेगी पटरी पर ,रेलगाड़ी उसकी || 


किसी में है ताकत ,अपने दिल की स्वच्छता की ,

छल ,दंभ ,द्वेष से रहता परे वह ,दूर कर देता उन्हें ,

तुम भी उस जैसा बनो ,कर लो सफाई तुम दिल की ||  

 

किसी में है ताकत ,उच्च विचार दिल में रखने की ,

तुम भी रखो प्रेम ,प्यार ,सहन शीलता और मीठे बोल ,

बाँट  दूजों से दोस्तों ,यही सब थाती जीवन की || 

 

कैसी लगीं ये शक्तियाँ दोस्तों ? मैं तो इनकी मुरीद हूँ ,

तुम्हें गर अच्छी लगी हों ,तो अपना लो इन्हें ,

और फिर जी लो अपनी जिंदगी ,पा के ये थाती || 

                  

Tuesday, August 20, 2024

SWEEKAAR KARO ( JIVAN )

 

                           स्वीकार करो 


बदलाव है ,जीवन का नियम ,

पल - पल ,कुछ ना कुछ बदलता है ,

प्रकृति में बदलाव तो आपने भी ,देखा ही होगा दोस्तों || 


बीज से पेड़ का बनना ,सभी जानते हैं ,

पानी का ऊपर से नीचे को बहना ,सभी जानते हैं ,

परिंदों का कलरव ,उनकी उड़ानें ,सभी जानते हैं ,

पशुओं के मीठे - मीठे स्वर ,सभी जानते हैं || 


कलियाँ चटख कर फूल बनतीं ,सभी जानते हैं ,

चमन में खुश्बुएँ महकतीं ,सभी जानते हैं ,

मानव स्वभाव भी बदलता ,सभी जानते हैं ,

उसी के बदलते भावों को ,स्वीकार करो दोस्तों || 


मत सोचो ,दूसरे क्यों बदलते ?

उनका स्वभाव ही ऐसा है दोस्तों ,

ये याद रखो ,वह क्या सिखा गया तुम्हें ?

कुछ तो तुम भी ,सीख ही गए दोस्तों ,

सच कहा ना मैंने ? स्वीकार करो ना दोस्तों ,

स्वीकार करो ,स्वीकार करो || 


Monday, August 19, 2024

AKELAA HOON MAIN ? ( JIVAN )

 

                        अकेला हूँ मैं ? 


" अकेला हूँ मैं , इस दुनिया में ",

सुंदर सा गीत लिखा गीतकार ने ,

हम अकेले ही ,दुनिया में हैंआते दोस्तों ,

मगर यहाँ जुड़ जाते हैं ,परिवार से ,

समाज से ,देश से ,दुनिया से || 


जैसे अकेला मोती कुछ नहीं कर पाता ,

सिर्फ चमकता है ,

मगर दूसरे  के साथ मिलकर ,

माला बना लेता है || 


अकेला धागा ,सिलाई के काम आता है ,

मगर अन्य धागों से मिलकर ,

कपड़ा बुन लेता है ,चादर बना लेता है ,

और शरीर को ढकने के काम आता है || 


अकेली बूँद बारिश की ,ओस की ठंडक देती है ,

मगर अन्य बूँदों के साथ मिलकर ,

एक धारा बनाती है ,और सागर भी बन जाती है || 


अकेला कागज ,काम में कम आता है ,

मगर दूसरे कागजों को समेट कर ,

किताब बन जाता है ,कॉपी बन जाता है ,

पढ़ने और लिखने के काम आता है || 


MUSKAAN KI KALI ( PREM )

 

                          मुस्कान की कली 


मुफ्त में मिलती है दोस्तों ,

सबके दिलों को हर्षाती है ,

प्रेम ,प्यार को बढ़ाती है दोस्तों ,मुस्कराहट कहलाती है || 


बाँटो तुम ,जितनी बाँट सकते हो ,तुम्हें कमी नहीं पड़ेगी ,

तुम जितना बाँटोगे ,उतना ही बढ़ेगी ,

क्योंकि मुस्कुराहट बढ़ती जाती है || 


कुछ खर्च नहीं होगा तुम्हारा ,ना दूसरे का खर्च होगा ,

आदान -प्रदान तो दोस्तों ,सिर्फ देखकर ही होगा ,

क्योंकि देखकर ही तो ,होठों पे खिलती जाती है  || 


दिल में उमंग होगी ,आँखों में चमक होगी ,

होठों पे जब भी दोस्तों ,मुस्कान की कली खिलेगी ,

मुस्कान की कली के चटखने से ही तो ,प्यार की महक आती है || 


Saturday, August 17, 2024

DATEI RAHO ( JIVAN )

 

                                     डटे रहो 


चल रहे थे हम ,एक राह  में ,

राह पूरी समतल नहीं थी ,

कुछ - कुछ ऊबड़ - खाबड़ थी ,

लगी एक ठोकर ,लड़खड़ा गए हम ,

मगर संभल गए ,डटकर खड़े रहे || 


हम समझ गए ,कि ये ठोकर ,

हमें गिराने के लिए ,नहीं लगी थी ,

राहें चाहतीं थीं ,हम संभलना सीख जाएँ ,

राहों पर ध्यान से चलें ,

लड़खड़ाने पर ,धीरे से संभल जाएँ || 


तो दोस्तों ,ठोकर हमें गिराए ,जरूरी नहीं ,

वह तो कुछ सिखाती है ,कुछ पढ़ाती  है ,

वह सिखाती है ,ठोकर के बाद संभलना ,

अपनी हिम्मत और ताकत के साथ ,

डटे रहना ,खड़े रहना || 


Friday, August 16, 2024

MUSKURAAEGAA ( JIVAN )

 

                              मुस्कुराएगा 


जिंदगी में दोस्त आते हैं ,मिलते हैं ,

 हर राह में साथ निभाते हैं ,

हम जिंदगी में दोस्ती पाते हैं ,

मगर दोस्तों ,दोस्ती में ही जिंदगी है || 


दोस्त का हाथ गर ,हाथ में हो ,

दोस्तों की मुस्कुराहट ,गर साथ हो ,

तो राहें आसान हो जाएँगी ,

जीवन भी खुशियों से भर जाएगा || 


तो दोस्त बना लो बहुत से ,

दोस्ती संभाल कर रखो दिल में ,

और मुस्कुराओ ,दोस्तों से मिलकर ,

देखो सारा जहां मुस्कुराएगा ,मुस्कुराएगा || 


Thursday, August 15, 2024

SWAAGAT KARENGE ( KSHANIKAA )

 

                      स्वागत करेंगे 


अपने जीवन की राहों में ,मोड़ जो आएँ तो ,

मोड़ पर मुड़ते हुए ,मत कुछ सोचो ,दूसरों के बारे में ,

कि लोग क्या कहेंगे ??

 

जो मोड़ तुम्हारे दिल को ,ठीक लगे वह ठीक   है ,

लोग जो सोचना चाहें ,वह सोचें ,तुम चिंता मत करो ,

कि लोग क्या कहेंगे ?? 

 

हर किसी की सोच ,अलग होती है ,

क्या दूसरे लोग आपकी चिंता करते हैं ?

तो आप क्यों ,उनकी सोच की चिंता करो ? 

कि लोग क्या कहेंगे ?? 


तुम्हारे निर्णय पर लोग ,पहले दिन हँसेंगे ,

दूसरे दिन भी ,वही लोग मजाक उड़ाएँगे ,

हो सकता है तीसरे ,चौथे दिन भी मजाक उड़ाएँ ,

मगर वही लोग ,पाँच ,छ: दिन में आपके निर्णय का ,

स्वागत करेंगे ,स्वागत करेंगे || 


तो दोस्तों ,तुम्हें जो उचित लगे ,निर्णय लो ,

जिसमें तुम खुश रहो ,निर्णय लो ,

क्योंकि जिंदगी तुम्हारी है दोस्तों ,सिर्फ तुम्हारी ,

दूसरे लोगों की नहीं ,दूसरे लोगों की नहीं || 


MERAA TIRANGAA ( DESH )

 

                               मेरा तिरंगा 


लहर -लहर लहराए रे ,मेरा तिरंगा ,

नील -गगन पे उड़ता जाए रे ,मेरा तिरंगा || 


वीरों की ये जान है ,मेरा तिरंगा ,

वीरों की ये शान है ,मेरा तिरंगा ,

जग में नाम दिलाए रे ,मेरा तिरंगा ,

देश की शान बढ़ाए रे ,मेरा तिरंगा ,

लहर -लहर लहराए रे ,मेरा तिरंगा -- || 


भारत का दूजा नाम है ,मेरा तिरंगा ,

आकाश की ये तो शान है ,मेरा तिरंगा ,

 सब के मन को हर्षाए रे ,मेरा तिरंगा ,

मुस्कानों में  ये छाए रे ,मेरा तिरंगा ,

लहर - लहर लहराए रे ,मेरा तिरंगा -- || 


साँसों का दूजा नाम है ,मेरा तिरंगा ,

भारत की पहचान है ,मेरा तिरंगा ,

मेरा तिरंगा ,मेरा तिरंगा ,मेरा तिरंगा रे -- || 


Wednesday, August 14, 2024

KHWAAHISHEN ( KSHANIKAA )

 

                             ख्वाहिशें 


दिन और रात ,बारी - बारी आते जाते हैं ,

दिन में काम और ,रात में नींद ,

यही दस्तूर है जीवन का || 


रात की नींद में ,ख्वाब आते हैं ,

मानो दबी ख्वाहिशों के ,ख्यालात ही हैं ,

जो ख़्वाबों के ,चित्रपट को सजाते हैं || 


कुछ पूरे हो जाते हैं ,आसानी से ,

कुछ के लिए ,मेहनत के दरीचे ,

खोले और सजाए जाते हैं || 


तो दोस्तों !खोलो और सजा लो ,

अपने मेहनत के दरीचों को ,

और पूरे कर लो अपनी ,

दबी हुई ख्वाहिशों के ख्यालातों को || 


Monday, August 12, 2024

HEY SHAARDE MAAN ( AADHYAATMIK )

 

                       हे  शारदे  माँ 


हे शारदे माँ ,हे शारदे माँ ,ज्ञान का हमको भंडार दे माँ ,

सागर को तू स्याही बना दे ,मेरी लेखनी में उसे तू बसा दे ,

कोई तो ऐसा चमत्कार दे माँ  || 


मेरी लेखनी तो सदा चलती जाए ,

शब्दों से मेरे सभी ख़ुशी पाएँ ,

शब्दों का ऐसा संसार दे माँ || 


तेरी तो वीणा बजती है हरदम ,

सभी सुनते होंगे ,उसकी ये रुमझुम ,

मुझे भी तो वीणा की झंकार दे माँ || 


शब्दों में मेरे खुशियाँ भरी हों ,

मन में मेरे गुनगुनाहटें भरी हों ,

खनकते विचारों की झंकार दे माँ || 


Sunday, August 11, 2024

YAADON MEIN DUBAAKAR ( KSHANIKAA )

 

                          यादों में डुबाकर 


यादों के खजाने में ,छिपी हैं बहुत सी यादें ,

कुछ तो हैं खट्टी ,और कुछ हैं मीठी यादें ,

पुराने दिनों की हैं ,कुछ चटपटी यादें || 


रंग यादों के हैं ,कुछ तो चटकीले से ,

रंग यादों   के हैं ,कुछ तो भड़कीले से ,

पुराने रंग हैं मगर ,जिनमें रंगी यादें || 


कुछ हैं हँसी में डूबीं ,खिलखिलाती सी यादें ,

कुछ हैं प्रेम में डूबीं ,सबमें प्रेम बाँटती यादें ,

और कुछ तो संगीत के ,स्वरों को खनकाती यादें || 


खोलो खजाना तुम अपना ,निकालो यादों को बाहर ,

मिला लो आज स्वर अपना ,यादों के स्वर से मिलाकर ,

बना लो गीत फिर अपना ,यादों में डुबाकर || 


Saturday, August 10, 2024

MOHLAT ( AADHYATMIK )

 

                                       मोहलत 


जीवन को ,संभाल लो दोस्तों ,

एक बार ही ,मिलती है ये दौलत ,

गर फिसल जाएगी ,ये हाथों से  ,

कस के पकड़ लो ,अपने हाथों में || 


ईश्वर ने दिया है ,हमें ये अनमोल तोहफा ,

ये आशीर्वाद है ,ईश्वर का दोस्तों ,

ये दुनिया ,ये प्रकृति ,ये सुंदरता ,

इन सब को प्यार से ,सजाए रखो दोस्तों || 


अगर कुछ भी बिगड़ा ,तो ईश्वर ,

माँगेगा हिसाब ,अपने दिए तोहफों का ,

तब हम क्या देंगे ,हिसाब उसको ?

कहाँ से पूरा करेंगे ,उसके दिए तोहफों को ??


चलो दोस्तों ,सजा लेते हैं सब कुछ ,

समेट लेते हैं ,उसकी दी हुई दौलत को ,

प्यार और मुस्कान से ,सजाते हैं इस जग को ,

ये सब करना है पूरा ,उसकी दी मोहलत में || 


JAADOOGARII ( KSHANIKAA )

 

                              जादूगरी 


आया वक्त खुशियों का ,दोस्त सभी अपने हैं ,

रिश्ते सभी अपने हैं ,मुस्कुराहटें सभी अपनी हैं || 


वक्त तो बदलता रहता है ,कभी अच्छा ,कभी बुरा ,

बुरा वक्त ही अपनी ,जादूगरी दिखा जाता है ,

सभी साथ खड़े रिश्तों  के चेहरों से ,

नक़ाब उतार कर फेंक जाता  है ,

सभी की असलियत दिखा जाता है || 


दोस्तों ! वक्त ही एक जादूगर है जो ,

दिखा जाता है सभी के असली चेहरे ,

सच्चे चेहरे ,सच्चे भाव ,सच्ची  सहानुभूति || 


Thursday, August 8, 2024

SUNDARTAA KISMEN ? ( JIVAN )


                                सुंदरता किसमें  ?


जीवन पाते ही लगा ,चमन है हमारा जीवन ,

फूलों से भरा है ,खुश्बुओं से है महका जीवन || 


मगर किसी के मीठे बोलों को ,

किसी की प्यार भरी छुअन को ,

दो घड़ी अपनों के साथ को ,तरस गए हम दोस्तों || 


किसी के प्यार भरे तोहफे को ,

राहों में किसी के ,दो कदम साथ चलने को ,

किसी अपने के अपनेपन को ,तरस गए हम दोस्तों || 


और आज हमारे पार्थिव शरीर को ,

देखकर हमारी आत्मा सोच रही है ,

अपना कहने वालों द्वारा ,बोले गए बोल ,

उनकी अश्रु भरी आँखें ,दिखाई दे रहीं हैं दोस्तों || 


आज हमें कंधा देने को बढ़े लोग ,

राहों में साथ चलने वाले लोग ,

फूल ही फूल हम पर उड़ाने वाले लोग ,

हमारी प्रशंसा में छंद पढ़ते लोग ,

ऐ - मौत तू पहले क्यों  नहीं आ गई ?

उस जीवन में कहाँ सुंदरता थी ? 

जो इस मौत में है दोस्तों ,समझे दोस्तों ?? 


Wednesday, August 7, 2024

PARMESHWAR ( AADHYAATMIK )


                        परमेश्वर 


कभी आती है जो बड़ी परेशानी,कौन सहारा देता है तब ?

दोस्त वही होता है सच्चा,जो तब साथ निभाता है || 


कभी -कभी होता है ऐसा ,सब कुछ सुलझ जाता है ऐसे ,

जैसे कि कुछ हुआ नहीं है ,नहीं ,किसी ने साथ दिया तब || 


कौन सी वह शक्ति है दोस्तों ? जो सब कुछ कर जाती है ,

सारी उलझनों को सुलझाकर ,सब परेशानी हर जाती है || 


नाम जान लो उस शक्ति का ,जो परेशानी हर जाती है ,

वह शक्ति है दुनिया चलाती ,परमेश्वर कहलाती है || 


उसी में इतनी शक्ति दोस्तों ,जो सब दुःख हर लेती है ,

जीवन की बगिया में दोस्तों ,वही तो फूल खिलाती है || 


Tuesday, August 6, 2024

CHHAA JAO ( KSHANIKAA )


                      छा जाओ 


वक्त मुफ्त में मिलता है ,मगर वक्त अनमोल है ,

अगर कद्र नहीं की दोस्तों ,

तो वक्त हाथों से फिसल जाएगा || 


वक्त खरीदा नहीं जा सकता ,

मगर आप इसे ,खर्च कर सकते हैं दोस्तों ,

तो खर्च करो ना ,किसी को ख़ुशी देने में ,

खुद को भी ,खुश करने में लग जाओ || 


वक्त बहता जाता है ,रुकता नहीं है ,

इसलिए हर पल का ,आनंद लो दोस्तों ,

कोई भी पल ,उदासी में बिताया तो ,

मुस्कान देने के लिए ,वह पल वापस नहीं आएगा || 


समेट दो वक्त को ,किसी की यादों में ,

प्यार बरसाओ ,जो दूसरों के दिल को छू जाए ,

बाँटों मुस्कानें ,नेह जगाओ ,और दोस्तों ,

जग  में छा जाओ ,जग में छा जाओ || 



POONAM KAA CHAAND ( CHANDRAMAA )


                        पूनम का चाँद 


पूनम का चाँद ,चमक रहा है दोस्तों ,

आ जाओ बाहर ,चाँदनी में भीगने दोस्तों ,

चाँदी सा चमका देगी ,तुम्हें चाँदनी दोस्तों || 


रंग खिल जाएगा ,तुम्हारा  दोस्तों ,

शीतलता मिल जाएगी ,तुम्हें दोस्तों ,

ये शीतलता और रंग ,ग्रहण करो तुम दोस्तों || 


गगन से उतरती चाँदनी ,को देखो तो तुम दोस्तों ,

पूरी धरा को चमका देती ,ये चाँदनी दोस्तों ,

धरा को इठलाकर ,खूब मुस्काती दोस्तों || 


रात का अँधियारा भी ,छँटा जा रहा है दोस्तों ,

चाँदनी ने नई छटा दी ,है रात को दोस्तों ,

रात भी तो मुस्कुरा उठी है ,देखो तो दोस्तों || 


Sunday, August 4, 2024

JEET JAAO ( JIVAN )


                           जीत जाओ 


जिंदगी में मिले दोस्त ही ,सच की राह दिखाते हैं ,

वही जो सच्चे दोस्त हैं ,वही हमें गलती करने से बचाते हैं ,

तो जानो उन्हें ,पहचानो उन्हें || 


किताबें जो मिली हमें ,पढ़ी हमने ,

वही ले जाएँगी हमें ,सही राह पर ,

वही हमें उन राहों पर ,चलना सिखाएँगी हमें ,

तो जानो उन्हें ,पहचानो उन्हें || 


थाम लो उन हाथों को ,जो तुम्हें सहारा देते हैं ,

उन्हीं  सहारे तो तुम ,चलते आए हो आज तक ,

तो जानो उन्हें ,पहचानो उन्हें || 


और पा लो अपने सपनों को ,साकार रूप में ,

पहुँच जाओ अपनी मंजिल तक ,पूरी कोशिश करके ,

जीत जाओ जिंदगी में ,जीत जाओ जिंदगी में || 


JAL - PAVAN ( JALAD AA )


                             जल - पवन 


रंग नहीं बरखा के जल में ,रंग नहीं है पवन में ,

मगर दोनों ही भावनाओं को ,रंगों से भर देते हैं ,

होठों की मुस्कानों को ,मीठे बोलों से भर देते हैं || 


दोनों ही शीतल पेय जैसे ,दोनों ही दिल को बहलाएँ ,

बिना रंग ही दोनों बंधु ,दुनिया को रंग जाएँ ,

सब की जिंदगी , इस दुनिया में ,प्यार से भर देते देते हैं || 


जल भर जाए नदिया में ,पवन बदरा उड़ाय ,

नदिया की राहें हैं धरा पर ,पवन गगन में उड़े ,

नदिया और पवन मिलकर ,जग को जीवन देते हैं || 


Saturday, August 3, 2024

LAAJAVAAB ( JIVAN )

 

                     लाजवाब

 

उजाले राहों को चमका देते हैं ,तो उन राहों पर ,

कोई ना कोई तो साथ देता है ,

हर व्यक्ति , उजालों में ही रहना चाहता है ,

इसीलिए उजली राहों में ,कोई अकेला नहीं मिलेगा || 

 

अँधेरी राहों में ,सभी अकेले चलते हुए मिलते हैं ,

उन राहों में कोई किसी का साथ नहीं देना चाहता ,

मगर कुछ मत सोचो दोस्तों ,उन राहों में जो चलेगा ,

वही उन अँधेरों  को दूर करेगा ,वह कभी साथ नहीं छोड़ेगा || 


वही जीवन के ,हर प्रश्न का जवाब देगा ,

और अगर जवाब देर से मिलेगा ,

तो कोई बात नहीं दोस्तों ,

वह जवाब लाजवाब होगा ,लाजवाब होगा || 


Wednesday, July 31, 2024

DHAMAKII SAAGAR KII ( RATNAAKAR )



                    धमकी सागर की 


सागर से पानी चला ,छल - छल करता जाय  ,

लहरें सागर की मानो ,भागी -भागी जायँ || 


मत उछलो कूदो तुम ,रुक जाओ अंदर आय ,

सागर ने लहरों को ,मानो दिया धमकाय  || 


लहरें तो थीं चंचला ,किस की बात में आयँ ?

वो ना धमकी से डरें ,ना ही वो रुक पायँ || 


पकड़ हाथ रोका सागर ने ,मगर वो उछल के भागीं ,

सागर के ना हाथ में आईं ,हँस -हँस कर वो भागीं || 


चलो खेल लो तुम ,जैसा मन में आय ,

बहुत दूर नहीं जाना तुम ,रस्ता भूल ना जाय || 


SWAAD ( KSHANIKAA )

 

                                       स्वाद 


अपनेपन के बीज जो छिड़के ,हमने अपने दिल में ,

पौधे उगे जो दिल में ,बढ़ते गए ,

फलते - फूलते चले गए || 


पौधे पले ,जाकर दिमाग में ,

बढ़कर पेड़ बने ,फूल लगे उनमें ,

जो फल बने ,समय बीतता गया || 


ये फल निकले ,हमारी जुबान से ,

सबको स्वाद दिया ,

फल मीठा है या कड़वा ,सबने स्वाद लिया || 


Monday, July 29, 2024

JIVAN OR SAMAY ( KSHANIKAA )

 

                            जीवन और समय 


जब धरा पर हम आए ,तब हालात कैसे थे ?

जीवन आगे बढ़ा ,तो समय बदलता चला गया ,

हालात बदलते चले गए || 


जीवन बीतते -बीतते ,समय बहुत बदला दोस्तों ,

समय की प्रवृत्ति ही ऐसी है ,बदलता रहता है || 


जीवन के लंबे समय में हम ,समय के बदलने की ,

प्रतीक्षा कर सकते हैं ,कोशिश कर सकते हैं ,

और उन कोशिशों को पूर्ण कर ,

समय को बदल सकते हैं || 


मगर समय हमें जीवन को ,दोबारा नहीं दिलवा सकता ,

जीवन सिर्फ एक बार ही मिलता है ,

कोशिश करने के बावजूद भीदोस्तों ,

जीवन दोबारा नहीं मिल सकता ,नहीं मिल सकता || 

 

Sunday, July 28, 2024

HAMAARAA MAN ( KSHANIKAA )

 

                      हमारा मन 


कितने सारे कॉलेज हैं ? अलग -अलग पढ़ाई के लिए ,

 कितने सारे विभाग हैं ? अलग -अलग पढ़ाई के लिए ,

क्या कोई ऐसा कॉलेज है ? जिसमें दर्द बेचना सिखाया जाए ,

क्या कोई ऐसा विभाग है ? जिसमें सुकून खरीदना सिखाया जाए || 


तनाव दूर करके ,कोई दिखाए तो दोस्तों ,

सुकून की नींद को ,कोई बुलाए तो दोस्तों ,

दिल में आशाओं की फसल ,कोई उगाए तो दोस्तों ,

मन  की कली को फूल जैसा ,कोई खिलाए तो दोस्तों || 


क्या कोई ऐसा अध्यापक है दोस्तों ? 

क्या कोई ऐसा सलाहकार है दोस्तों ? 

क्या कोई ऐसा डॉक्टर है दोस्तों ? 

मैं बताऊँ ? चलो ठीक है ,वह हमारा मन है ,

वही यह सब कर सकता है ,वही सब कुछ कर सकता है || 


TALAB ( KSHANIKAA )

 

                              तलब 


तलब हर किसी को लगती है ,किसी ना किसी की ,

किसी को चाय की ,तो किसी को कॉफी की ,

हर किसी के स्वाद अलग -अलग हैं ,

किसी को चाय खूब मीठी चाहिए ,किसी को कॉफी कड़वी || 


किसी को लेखन की तलब है ,

कोई लिखता कहानी ,तो किसी की लेखनी गीत लिखती ,

कहानी और गीत का दायरा भी ,सबका अलग -अलग है ,

कोई लिखता प्रेम की चाशनी में डूबी रचना ,

और कोई दुःख भरी दास्तां || 


सभी का अलग दायरा है दोस्तों ,सभी की अपनी सोच ,

मत सोचो दोस्तों ,सब के बारे में ,नहीं तो ,

दिल - दिमाग में  आ जाएगी मोच ,हाँ जी मोच || 


Saturday, July 27, 2024

VISHVAAS HII ( JIVAN )

 

                         विश्वास  ही 


विश्वास गरतुम्हें है किसी पर ,उसका मौन भी समझोगे ,

गर विश्वास नहीं है तुमको ,तो शब्दों के क्या मायने ? 


विश्वास गर तुम्हें है खुद पर ,सब परेशानियाँ सुलझाओगे ,

गर विश्वास नहीं है तुमको ,तो हर परेशानी पर्वत है || 


विश्वास ही सब कुछ है दोस्तों ,उसे बनाए रखो हमेशा ,

यह शक्ति देता है हर समय , हर हालात से लड़ने में || 


विश ( wish ) यानि इच्छा ,वास -- बसता है ,

इच्छा जहाँ बसती है ,और दृढ़ता आती है || 


उसे ही जगाए रखो दोस्तों ,पालते रहो उसे ,

विश्वास के सहारे ही तो ,जीवन सुंदर बन जाएगा || 


Thursday, July 25, 2024

SAMAJH LO ( JIVAN )

 

                       समझ लो 


दिल की बात बताओ उसको ,जो हो सच्चा दोस्त ,

वो ही तो समझेगा केवल ,दिल के अंदर की बात ,

जो नहीं है सच्चा दोस्त ,वो नहीं समझेगा || 


दूजे किसी को बतलाओगे तो ,हँसी उड़ाएगा वो ,

इधर -उधर करके वह तो ,तमाशा बनाएगा वो ,

जो नहीं है सच्चा दोस्त ,वो नहीं समझेगा || 


तो तुम भी समझ जाओ ,बात की गहराई को ,

ऊपर ही ऊपर तैरने दो ,अपने दिल के अंदर की बात ,

जो नहीं है सच्चा दोस्त ,उसकी असलियत तुम समझ लो || 


Wednesday, July 24, 2024

RAFOO ( KSHANIKAA )

 

                                रफू 


जिंदगी में आई ,कोई भी परेशानी ,

जैसे कपड़े में हुआ छेद ,

छेद रफू करने से हो जाता है ठीक ,

ऐसे ही जिंदगी की परेशानी से ,

हुए छेद को मुस्कुराहटों से ,

आप भी रफू कर लो दोस्तों  || 


सफाई से की हुई रफू ,

कपड़े  को नवजीवन दे देती है ,

वैसे ही मुस्कुराहटें ,जीवन को नवजीवन देंगी ,

जिंदगी मुस्कुरा उठेगी ,और नई हो जाएगी || 


जिंदगी को सुंदर बना लो दोस्तों ,

जिंदगी को रंगीन बना लो दोस्तों ,

जिंदगी को मुस्कुराहटों से भर लो दोस्तों || 


Tuesday, July 23, 2024

PAANII KII SARALTAA ( JIVAN )


                    पानी की सरलता 


सरलता ,जीवन के लिए जरूरी है दोस्तों ,

सरलता ,मुस्कानों के लिए जरूरी है दोस्तों ,

बन जाओ सरल तुम दोस्तों || 


सरलता ,किस में  होती है दोस्तों ?

सरलता पानी में होती है दोस्तों ,

सरलता  होने से ही ,

पानी आसानी से बह जाता है दोस्तों || 


पानी देखने पर ,कमजोर लगता है ,

तभी तो पानी ,आसानी से बहने लगता है दोस्तों ,

जीवन पानी में ही ,उत्पन्न हुआ था दोस्तों ,

और पानी में ही ,चलता है दोस्तों || 


मगर ये जरूरी नहीं ,

जो सरल हो ,वह कमजोर भी हो ,

हालात बदलने पर यही पानी ,सारे बंध तोड़ देता है ,

चट्टानों को चकनाचूर कर देता है || 


जीवन उत्पन्न करने वाला पानी ही ,

हालात बदलने पर यही पानी ,

जीवन को लील जाता है ,

सभी कुछ समाप्त कर जाता है दोस्तों || 


Monday, July 22, 2024

THE NILE KINGDOM ( BAAL SAAHITYA )

 

                        THE  NILE  KINGDOM  

This is creation  of my  grand son  

ANSH ARORA ( CLASS - 6 ). 

Please  read ,give your comments,and blessings .


At the break of dawn ,as the first rays of the sun 

touched the golden sands of EGYPT .I ,

Pharoh Anlchesenamun,awoke in my grand 

palace .Today, the fate of the Nile Kingdom

rested upon my young but powerful 

shoulders .

I  was just 20 years old when my father 

JULIUS CAESAR died .I was very lonely

and sad ,but when I became the Pharaoh.

I nervously sat on the throne and sloely 

wore the crown .I remembered my father 

and gathered up courage . One day as the 

sun rose ,I faced a very powerful

 Kingdom .

We had a very large army . So we could 

easily destroy them . The war took place on 

the golden sands in EGYPT . The fight was 

dread ful and many people died . The golden

sands turned into the red sands for a few days .

I killed many people . The soldiers,I loved ,

had passed  away in the war . We won it and  

also got the Kingdom .

When I got old , we started storing granaries

for our future generations . Our villages we 

built next to the NILE river .So that we could 

easily get water and do fishing . Soon after this,

I died and went with my ancesters . I will never 

forget my Kingdom and my people .






Sunday, July 21, 2024

PUSTKAALAY ( JIVAN )


                     पुस्तकालय 


ज्ञान के कमरे का ,दरवाजा खोल लो ,

समझो उस कमरे की ,असलियत को ,

उस कमरे का नाम ,पता क्या है ? 


उस कमरे का नाम ,पुस्तकालय है दोस्तों ,

यानि पुस्तकों का घर ,यानि ज्ञान का भंडार ,

हर पुस्तक है ,ज्ञान का भंडार दोस्तों || 


कोई भी विषय हो ,कोई भी सोच हो ,

सभी के बारे में  ,पुस्तकों में वर्णन होता है ,

तभी तो  पुस्तकें ,ज्ञान का भंडार होती हैं दोस्तों || 


बस आपको  पुस्तकों को ,खोलना है ,

उन पुस्तकों में बसे ज्ञान को ,अर्जित करना है ,

और  अर्जित ज्ञान को ,अपने जीवन में ,

अपने दिल में ,उतारना है ,उतारना है दोस्तों || 


MAN KI JEET ( KSHANIKAA )


                     मन की जीत 


मोरा मन जानत है ,तोहरे मन की बात ,

तोहरा मन भी तो जाने ,मोरे मन की बात ,

मन ही मन का दोस्त है ,मन की ही है प्रीत ,

दोस्त करे अपनी मनमानी ,यही है वाकी रीत || 


मन झूमत है मस्ती में ,मानो हुई गवा बावरा ,

यही तो मन की रीत है ,जैसे मिला साँवरा ,

साँवरे के प्रेम में ,डूब गया होकर मदमस्त ,

नाच - नाच के थका हो ,मगर ना होगा पस्त || 


जग की रीत के साथ ही ,मन की अद्भुत रीत ,

मन हारा तो हम हारे , मन जीता तो हम जीते ,

इसका तो मतलब ,यह हुआ ना ,

मन के हारन से ही हार है ,मन के जीतन से ही जीत || 


Saturday, July 20, 2024

MY BIG BROTHER ( BAAL SAHITYA )

                MY   BIG   BROTHER  

 This creation  is my grand daughter  

ALPANA  ARORA  ( 8 yrs ) ,please 

appreciate  and give your blessings .


My brother 's name is Ansh  Arora .

Today my brother dropped my pencil 

box . My brother's favourite game is 

Foot  ball . My brother's favourite fruit 

is Mango . My brother likes Ghosts .He 

draws different Ghosts .

When I study and brother is free ,he make 

noise .My brother calls all his friends ,a 

lot of times ,to our house .

My brother loves me very much .

I Also love him  .

Thursday, July 18, 2024

BENCH SCHOOL \ COLLEGE KI ( KSHANIKAA )


                     बैंच स्कूल \कॉलेज की 


बैंच स्कूल की या कॉलेज की,अपना अलग महत्त्व रखती थीं ,

अगली बैंच थी अपनी दोस्तों ,हर समय ,हर रोज अपनी थी || 


आगे बैठने पर टीचर्स जो पढ़ाते ,सभी कुछ समझ में आता ,

यदि कभी बैठी दूसरी बैंच पर ,नहीं समझ कुछ आता ,खाली  सब रह जाता || 


समय बीतता गया ,कक्षा -दस पास हुई ,ग्यारहवीं में कॉलेज शुरू हुआ ,

प्रार्थना - पंक्ति में अंत में खड़े हुए ,क्योंकि हम लंबे थे दोस्तों ,

कक्षा में भी उसी क्रम में ,बैठना पड़ा -मतलब पिछली पंक्ति में || 


आधे पीरियड में ,जब कुछ समझ नहीं आया ,

तो हमने टीचर से फर्माया ,आगे बैठने के लिए ,

मगर बाकि लड़कियों को ऐतराज था ,

खैर वह पीरियड हमने ,जैसे -  तैसे बिताया || 


अगला पीरियड फ्री था ,हमने अपना दिमाग लड़ाया ,

पीछे से एक कुर्सी और ,एक डेस्क उठाकर ,

आगे साईड में लगाया ,और बैठक जमाई || 


अगले पीरियड में लड़कियों ने शिकायत लगाई ,

हमने अपना पक्ष रखा ,तो टीचर बोली ,

यह किसी भी लड़की के आगे नहीं है ,

किसी  परेशानी नहीं होगी ,आज से यह यहीं बैठकर पढ़ेगी ,

दो सखियों ने भी हमारे साथ डेरा जमाया ,

और हम तीनों दो साल तक वहीं बैठे || 




Wednesday, July 17, 2024

UDAAN PANKHON SE ( JIVAN )


                 उड़ान पंखों से 


ढूँढ लो जिंदगी को ,प्यार में ,मनुहार में ,

ढूँढ लो जिंदगी को ,प्रेम की बरसात में ,

ढूँढ लो जिंदगी को ,दोस्तों के भरोसे में ,

ढूँढ लो जिंदगी को ,परिवार के ,साथ में || 


मिलेगी जिंदगी ,उन हाथों में ,उन साथों में ,

जिन्होंने तुम्हें ,ये संसार दिखाया ,

जिन्होंने तुम्हें ,राहों में दौड़ना सिखाया ,

पंख देकर तुम्हें ,आकाश में उड़ना सिखाया || 


मिली जो जिंदगी तुम्हें ,उसका सम्मान करो ,

मिली जो राहें तुम्हें ,उन्हीं पर दौड़ जाओ ,

मिले जो पंख तुम्हें ,उन्हें फैलाकर उड़ो ,

मंजिलों तक पहुँचे ,जो तुम तो ,

उन्हें अपना बना लो ,उन्हें अपना बना लो || 


Tuesday, July 16, 2024

SARAA KUSOOR ( JIVAN )


                      सारा कुसूर 


जंगलों को तुमने काट दिया ,कितनों का घर उजाड़ दिया ?

क्यों तुमको सोच नहीं आई ? क्यों तुमको तरस नहीं आया ?

वो मूक जानवर क्या बोलें ? क्यों तुम इतने बेदर्दी हो ?


नदिया में कचरा डाल दिया ,उसको तुमने बेहाल किया ,

मछलियाँ कहाँ जाएँगी बता ?उनका ठौर -ठिकाना बता ,

कैसे सीखेगी आने वाली पीढ़ी ?" मछली जल की रानी है ,"

पानी को तूने गंदा किया ,क्या कोई उसे पी पाएगा ??


रास्ता बदला जब नदिया ने ,लाई उफान अपने अंदर ,

तो तब तू जोर से चिल्लाया ,बाढ़ आई ,बाढ़ आई ,

तेरी ही तो थी सारी खता ,तू भी तो दुःख उठाएगा || 


गर्मी फैली है सब जग ,में अब तू ही इसे सहेगा सुन ,

तापमान बढ़ा धरा का ,सारा कुसूर तो तेरा है ,

क्यों पेड़ और पानी बर्बाद किए ?क्यों सोचा नहीं ? 


परिणाम क्या तू नहीं जानता था ?जल से ही तो जीवन है ,

पेड़ों से ही ये पर्यावरण है ,सब कुछ तो मिटा डाला तूने ,

सारा कुसूर तो तेरा है ,सारा कुसूर तो तेरा है || 


Monday, July 15, 2024

SHAKTI PRAYOG ( SAMAJIK )


                       शक्ति प्रयोग 


काम करते हैं सभी ,मगर उनमें अंतर भी है ,

कोई निर्माण करता है ,कोई विध्वंस करता है ,

निर्माण उत्तम होता है ,विध्वंस अधम होता है ,

तो निर्माण कार्य में ही ,लग जाओ तुम दोस्तों || 


दीमक काम करती रहती है ,मगर विध्वंस का ,

जहाँ काम करती है ,उसे खोखला कर देती है ,

मगर बया पक्षी को देखो ,काम करती है उत्तम ,

घोंसला ऐसा बनाती है कि ,कोई इंजीनियर भी ना बनाए ,

और लागत क्या ? तिनके ,धागे और मेहनत ,बुद्धि || 


परमाणु शक्ति दुनिया को ,शक्ति भी देती है ,

परमाणु शक्ति ही ,दुनिया को नष्ट भी कर देती है ,

ये तो शक्ति को प्रयोग ,करने वाले पर ही निर्भर करता है ,

जैसा शक्ति का प्रयोग होगा ,वैसा ही फल मिलेगा ||