हमें याद करना
समय के चलते - चलते ,सब कुछ है बदलता ,
कभी समय था जब मानव ,चार पैर पर चलता ,
धीरे - धीरे मानव ने ,किया विकास जीवन में ,
और आगे मानव ,चार पहियों पे चलता |
धीरे - धीरे बिजली जगमगाई ,घर - घर में ,
टी.वी.,कम्प्यूटर आए ,घर - घर में ,
दूर देश के कार्यक्रम , देखे जा सकते कहीं भी ,
जब टी. वी.,कम्प्यूटर ,घर - घर में हैं चलते |
पचास साल पहले की दुनिया ,
आज की दुनिया जैसी नहीं थी दोस्तों ,
फिर आज से पचास साल आगे की दुनिया ,
कैसी होगी ? क्या पता ? उस समय क्या चलेगा ?
बैलगाड़ियों के जमाने ,से निकल कर हम ,
बुलेट ट्रेन ,हवाई जहाज़ों को ,कर दर किनार ,
अंतरिक्ष में चाँद और मंगल तक पहुँचे हैं ,
आगे पहुँचेंगे ? कुछ पता नहीं है चलता |
बचपन में मैनड्रेक की ,कहानी पढ़ी थी हमने ,
मैनड्रेक एक स्थान से दूसरे स्थान पर ,
बिना वाहन के पहुँच जाता था ,
क्या पता अब से पचास साल बाद ?
मानव भी उसी प्रकार बिना वाहन,
एक स्थान से दूसरे स्थान तक चलायमान हो ?
सोच लो दोस्तों 2070 में ,दुनिया कैसी होगी ?
आज के मुकाबले क्या बदलाव होंगे ?
हम तो उस समय नहीं होंगे ,मगर हमारे विचारों को ,
याद रखना ,और बदलाव देख ,हमें याद करना दोस्तों |