Tuesday, December 2, 2025

PAVAN ( JIVAN - DAYINI ) BHAG - 2

 

                           जीवन - दायिनी 

 

जग वालों को , साँसें देने वाली पवन ,

तू तो सब की  प्यारी  है  , मेरी सहेली है  ,

दिखाई तू नहीं  देती , किसी को  ,

मगर पवन तू  , अहसास तो देती है  ,

अपने होने का  , अपने  बहने का    || 

 

शीतलता ही , तेरा गुण है  ,

सबको शीतलता देती है  ,

साँसों से सबको जीवन  मिलता ,

 तू ही तो  , जीवन - दायिनी है पवन  || 

 

काश तुम हमें , दिखाई देतीं  पवन  ,

काश तुम पानी की तरह  , तो दिखाई देतीं  ,

मगर जो अहसास , तुम देती हो   ,

वह तो कोई , दूसरा नहीं दे पाया  || 

 

तुम से सुंदर , तुम से अच्छा कोई नहीं  ,

पवन , पवन , तुम ही तो सच्ची सहेली हो  ,

जीवन हो हमारा   , प्राण हो हमारा   ||  

 

Monday, December 1, 2025

BAATEN KAR LO ( KSHANIKAA )

 

                          बातें कर लो 

 

ये हमारा जीवन है दोस्तों  ,

सपनों में डूबा , मुस्काता हुआ  ,

अपने सपनों को  , साकार कर लो दोस्तों  ,

सभी दोस्तों को , याद कर लो ,

सभी दोस्तों से  ,  बातें कर लो दोस्तों   || 

 

ऐसा करने से , सभी का जीवन मुस्काएगा  ,

सभी कुछ सुंदर बन   जाएगा ,

तो बढ़ चलो राह पर  ,

खिलखिलाहटों में , डूब जाओ दोस्तों   || 

 

कोई अपने आने वाले कल को  ,

नहीं जानता  है दोस्तों  ,

तुम अपने दोस्तों से मिलकर ही  ,

जीवन को  महका लो , मुस्कुरा लो दोस्तों   || 

 

ये मुस्कान और महक ही तो  ,

दिल को सुकून दिलाएगी  ,

खुशियों की डोली आएगी अपने घर  ,

गमों को ले जाएगी बाहर  , हाँ  जी  ! बाहर   || 

 

Sunday, November 30, 2025

JAVAAB ( JIVAN )

 

                             जवाब 

 

कुछ रंग जिंदगी के , इधर - उधर बिखरे  ,

कुछ रंग जिंदगी के , मुस्कानों में निखरे  ,

क्या तुमने देखे , मेरे दोस्त   ?

 

कुछ खुश्बुएँ हवाओं में फैलीं ,

कुछ तितलियाँ चमन में उड़ीं  ,

क्या तुमने देखीं  , मेरे दोस्तों  ?

 

कुछ बोल फिजाओं में गूँजें  ,

कुछ गीत दिलों में संवरे  ,

क्या तुमने सुने  , मेरे दोस्तों  ?

 

अगर तुमने  कुछ  देखा  , तो बताना दोस्तों  ,

अगर तुम कुछ सुनो  , तो सुनाना दोस्तों  ,

हमें भी तुम्हारे जवाब का  ,

इंतजार रहेगा  दोस्तों   ||  

Saturday, November 29, 2025

SHYAAMLII ( AADHYAATMIK )

 

                          श्यामली 

 

श्याम तेरी श्यामली ने , पुकारा है तुझे  ,

आजा तू यहाँ अपनी  , बंसरी बजाते - बजाते  ,

मैं भी डूब जाऊँ तेरी  , बंसरी की धुन में   || 

 

कभी मैं मिल ना पाई हूँ , श्याम तुझसे  ,

ना कभी सामने से बंसरी , सुन पाऊँ तुझको  ,

आज तो मेरी इच्छा को पूरी  ,  तू कर दे   || 

 

तेरे वृंदावन , गोकुल तो , मैं आ ना पाऊँ  ,

बरसाने में , मधुबन में भी  , ना पहुँच पाऊँ  ,

तू ही श्याम अपनी राधा  , और बंसरी संग आजा ना  ,

अपनी श्यामला को  , अपनी  राधा से मिलवा दे ना   || 

 

Friday, November 28, 2025

KARMON KAA BHAAGYA ( KSHANIKAA )

 

                          कर्मों का भाग्य 

 

भाग्य और कर्मों का लेखा  , तुम नहीं बदल सकते  ,

मगर भाग्य और कर्म तुम्हारा , जीवन बदल सकते हैं  ,

अच्छे कर्म और  अच्छा  भाग्य  ,जीवन सुंदर बनाते हैं   || 

 

भाग्य तो अपने हाथ में नहीं होता  ,

मगर कर्म तो  अपने हाथ में होते हैं  ,

हमारी सोच और कोशिशें ही तो  ,

हमारे कर्मों को सुंदर बनाते हैं   || 

 

भाग्य तो हमारे जीवन में ,

पेड़ की जड़ों जैसा काम करते हैं  ,

और कर्म पत्तियों जैसा का  काम करते हैं  ,

जैसे पतझड़ आने पर  , पेड़ पत्तियाँ बदलते हैं  ,

वैसे ही अच्छी सोच से हम , कर्म बदल सकते हैं  ,

जैसे पेड़ जड़ों को नहीं बदल सकते  ,

हम भी अपने भाग्य को , नहीं बदल सकते   || 

 

Thursday, November 27, 2025

DEEMAK ( JIVAN )

 

                           दीमक 

 

दीमक जैसे रिश्ते हों तो  , जीवन को दुःखी बनाते हैं  ,

जैसे दीमक इमारत तोड़ दें  , ये रिश्ते जीवन तोड़ जाते हैं   || 

 

समझ जाओ रिश्तों की गहराई  , मत डूबो भंवर में तुम  ,

जीवन तो तुम्हारा है दोस्तों  , समझ जाओ शब्दों को तुम  || 

 

रंगों से भर लो जीवन को , सुंदर सा जीवन बना लो  ,

जीवन की बगिया में दोस्तों  , प्यार के फूल खिला लो  ,

फूलों की महक से  दोस्तों , जीवन को महका लो   ||  

Wednesday, November 26, 2025

AGALAA JANM ( KSHANIKAA )

     

                           अगला  जन्म 

 

राम  तुम तो अवध के राजा  ,जो सबके आदर्श  ,

प्रजा पालक तो तुम बन गए , ना बने पुत्र पालक  ,

प्रजा तो जय -   जयकार  , करती रही तुम्हारी   || 

 

 मैं तो ना हूँ राम , तुम्हारी सीता जैसी  ,

ना मैं शबरी , ना मैं अहिल्या , ना ही प्रजा तुम्हारी  ,

मैं हूँ आज की नारी , तुम्हारे युग के बहुत बाद की   || 

 

मानती हूँ गुणों  की , खान हो तुम  ,

एक आदर्श पुरुष और , देश - भक्त राजा हो ,

मगर उस अवस्था में पत्नी को ,

त्याग देना क्या उचित था   ?

 

तुम्हारी सोच और मेरी सोच , बिल्कुल अलग हैं  ,

सही गलत का विचार , करना तुम  ,

अगला जन्म जब लोगे तुम , तो सोच बदल लेना ,

सीता जैसी पत्नी तो तुम्हें , शायद ही मिले  ,

जो तुम्हारी हर जायज और नाजायज , आज्ञा का  पालन करे   || 

 

Tuesday, November 25, 2025

MAN - VACHAN ( KSHANIKAA )

 

                                  मन - वचन 

 

मत कर बुरे कर्म तू बंदे , सुंदर कर्म कर ले  ,

दूजे का बुरा नहीं करके  , अच्छों से  आँचल भर ले  ,

रचनाकार भी तो देख रहा है  , तेरे सारे कर्मों को ,

वही तो उनको तोल रहा है  , जो कुछ तू करता है   || 

 

उनके अनुसार ही वह फल  भी  देगा , जो तू करता है  ,

रचनाकार ने जीवन दिया तुझे बंदे ,उसी ने कर्म बनाए  ,

उन्हीं कर्मों को तू करता जा  , जो तेरे लिए बनाए   ||  

 

भविष्य तेरा निर्भर करेगा , तेरे ही कर्मों पर ,

रचनाकार भी तो खुश होगा  , जब तू अच्छे कर्म करेगा  ,

उसी  के बनाए सुंदर नियमों पर  , तू  मन - वचन से चलेगा  ||  

 

Monday, November 24, 2025

DUAA ( PREM )

 

                                   दुआ 

 

मेरी लेखनी से निकलते  , शब्द कहें दुनिया से ,

प्रेम - भाव अपना लो तुम  , रह लो प्रेम - भाव से तुम  ,

इस दुनिया में मुस्कान जगा लो तुम   || 

 

दुनिया जब प्रेम सागर में डूबेगी  ,

तभी तो संसार सुंदर , और मनमोहक बनेगा  ,

हम भी इसकी महक से  , महक जाएँगे  || 

 

कहीं कोई दुःखी ना हो ,  ये संदेश हमारा  ,

किसी की आँखों में नमी ना हो  ,ये कोशिश हमारी  ,

हर कोई चैन से रात भर सोए  ,ये दुआ हमारी  ,

बोलो दोस्तों हमारी , ये दुआ क़ुबूल होगी ना   ?

 

Sunday, November 23, 2025

RISHTEY ( KSHANIKAA )

 

                            रिश्ते 

 

रिश्ते नहीं एक तरफा होते  , दोनों ओर से होते हैं ,

भक्त को भगवान  की चाहत होती है जैसे ,

भगवान को भी तो भक्त चाहिए वैसे  ,

दोनों ही तो एक - दूजे के पूरक हैं   || 

 

लेखनी को अपने लिए जरूरत है कागज की ,

कागज अकेला रह कर क्या करेगा  ? लेखनी से अलग ,

कागज  और लेखनी का साथ तो जन्मों का है  ,

दोनों ही तो एक - दूजे के पूरक हैं  || 

 

कुछ ऐसा ही  रिश्ता ,

 शब्दों और भावों का , गीतों से है ,

 शब्द जब भावों में पिरोए जाते हैं ,

तो गीत जन्म लेते हैं  , 

बिना शब्द और भावों के , 

गीत कैसे बनेंगे दोस्तों   ?

तो दोस्तों  ! रिश्तों की तो सभी को बहुत जरूरत है  ||  

Saturday, November 22, 2025

JIMMEDAARII ( KSHANIKAA )

 

                             जिम्मेदारी 

 

जिम्मेदारियाँ इतनी भी मत उठाओ यारों  ,

 कि सीधा खड़ा रहना ही मुश्किल हो जाए ,

कमर झुक गई तो क्या होगा यारों  ?

जिंदगी ही मुश्किल हो जाएगी  यारों  || 

 

हौसलों की राह सीधी रखो यारों  ,

जिससे हालातों को बदल सको तुम , 

हालातों से हौसले पस्त नहीं होते यारों  ,

मगर हौसलों से हालातों को बदल डालो  तुम   || 

 

कोशिश करो अपनी  जिम्मेदारियाँ   भी किसी को ना दो ,

अपनी जिम्मेदारियाँ खुद ही समेटो यारों  ,

और साथ ही मुस्कानें भी जगा लो यारों   || 

 

मुस्कानें अपने साथ खिलखिलाहटें लाएँगी  ,

नए - नए दोस्तों को भी लाएँगी  ,

तो तुम अपने दोस्तों और खुशियों के  ,

परिवार को बढ़ाओ यारों   || 

 

Friday, November 21, 2025

HANSAA LO ( KSHANIKAA )

 

                             हँसा लो 

 

आया समय कोई भी  , गुजर ही जाता है  ,

जो आगे आएगा  , वह भी गुजर जाएगा  ,

परेशानी जो आएगी  , वह भी चली जाएगी  ,

उसके बाद  , मुस्कानें आएँगी दोस्तों   || 

 

ऐसे ही पल - पल चलता जाता है  ,

अपनी यादें ही छोड़ता जाता है  ,

उन यादों में मुस्कानें बसा लो दोस्तों  ,

जो यादें लाएँ होठों पे मीठी मुस्कानें   || 

 

यही फलसफा है जीवन का , इसे जान लो  ,

मीठी सी मुस्कानों का , राज जान लो  ,

उसी में डूब  कर ये  , जीवन बिता लो  ,

हँस लो  , और सब को हँसा लो  दोस्तों   || 

 

Thursday, November 20, 2025

MAUKAA ( SAMAJIK )

                        

                               मौका 

 

उचित और सुंदर  मौका  मिलने पर  ,

तो सभी आगे बढ़कर , जीवन सुंदर बनाते हैं  ,

मगर विपरीत परिस्थितियों में  , आगे बढ़ सके  ,

उसी का तो जीवन , सच में सुंदर होता है    || 

 

कभी - कभी आपने देखा होगा दोस्तों  ,

टूटे पत्थर की दरार में , दबा कोई बीज  ,

अचानक  अंकुरित हो उठता है  ,

हवा , पानी और  रवि  किरणों से मिली , 

ताकत के बल पर ही , वह मुस्कुरा उठता है   || 

 

अब आप ही सोचो दोस्तों  ,

क्या वह बीज सारी ताकत ,

अपने साथ लेकर आया था  ?  नहीं दोस्तों  !

यह ताकत तो उसे प्रकृति ने दी थी   || 

 

तो तुम भी अपनी ताकत को समेटकर , 

अपने जीवन को मुस्कुरा लो  ,

मुस्कान के साथ आगे बढ़ोगे तो  ,

सारी सफलताएँ आपको ही , 

अपनी मंजिल बना लेंगी  ,

आपका आँचल दुनिया भर की  ,

खुशियों से भर जाएगा  दोस्तों   ||  

Wednesday, November 19, 2025

JAHAAN SARAA ( KSHANIKAA )

 

                      जहां सारा 

 

आँखों से हम देखते हैं , ये जहां सारा  ,

ईश्वर ने जो बनाया है  , ये जहां सारा  ,

उसी की बनाई आँखों से देखें ,  जहां सारा   || 

 

आँखें बंद होते ही छिप जाए  ,ये जहां सारा  ,

दूसरा कोई नहीं जो दिखाए  , ये जहां सारा   ,

जब ईश्वर हमारी आँखें बंद करेगा  तो रोएगा , ये जहां सारा  || 

 

तो आँखें रहते ऐसे काम , कर जाओ दोस्तों  ,

जिससे हमारे जाने से दुःखी हो , ये जहां सारा  ,

और हमें सदा याद रखे  , ये जहां सारा   || 

 

Monday, November 17, 2025

PRERNAA ( KSHANIKAA )

 

                           प्रेरणा 

 

संघर्षों के बारे में  , लिखना ही काफी नहीं है  ,

उन संघर्षों से हमने  , क्या पाया  ? ये लिखना जरूरी है  ,

उसके बाद हम मुस्कुराए दोस्तों  ,  ये बताना जरूरी है  || 

 

दूजों को प्रेरणा उन्हीं  , शब्दों से मिलती है  ,

जो शहद में डूबे होते हैं  , ना कि करेले के रस में डूबे  ,

जब कि अच्छी सेहत , करेले से ही मिलती है  दोस्तों  || 

 

तो  आओ दोस्तों , हम दोनों को ही अपना लें  ,

शहद के साथ - साथ  , करेला भी अपना लें  ,

तभी तो स्वास्थ्य और  , जीवन दोनों सुंदर होंगे   || 

 

Sunday, November 16, 2025

SABAB ( KSHANIKAA )

 

                               सबब 

 

जो मन चाहे , वो मिल जाए , जरूरी नहीं  ,

जो ईश्वर दे जाए  , वही अच्छा है  , सुंदर है  ,

जीवन के लिए ईश्वर ने  , जो चुना वही सुंदर है  || 

 

ये हमारी जिंदगी है  ,भर लो उसे मुस्कानों से  ,

मुस्कानों को दूसरों से भी  , बाँट लो दोस्तों  ,

तभी तो जीवन हमारा , सुंदरतम बन जाएगा   || 

 

उम्मीद मत रखो दोस्तों  , कोई आप को  मुस्कान  बाँटेगा ,

अपनी हिम्मत के अनुसार  , आप ही मुस्कान बाँटिए  ,

वही आपकी खुशियों का  , सबब बनेगा दोस्तों   ||  

 

Saturday, November 15, 2025

DUPATTAA ( KSHANIKAA )

 

                                दुपट्टा 

 

" हवा में उड़ता जाए  , मेरा लाल दुपट्टा मलमल का  ,"

एक पुराना सुरीला गीत , इसी से प्रेरित हो ,

हमने एक लाल चूड़ीदार सूट बनाया ,

साथ में लाल दुपट्टा लेकर उसे सजाया   || 

 

शान से उसे पहन , दुपट्टा लहराते  ,

हम चल पड़े दोस्तों , मुस्कानें बिखराते  ,

बहकी - बहकी पवन का झोंका आया  ,

ले उड़ा हमारे दुपट्टे को  , साथ की झाड़ी में उलझाया  || 

 

हमने दौड़ कर पकड़ा दुपट्टा , 

झाड़ी की उलझनों से छुड़ाया  ,

पाकर दुपट्टे को सही सलामत  ,

हमने होठों पे अपनी मुस्कान को सजाया   || 

 

आज भी वह दुपट्टा उसी गीत  ,

के बोल हमारे दिल में जगा जाता है  ,

गीतकार के मधुर बोल और  ,

संगीतकार का कर्ण प्रिय संगीत   ,

दिल और दिमाग में अठखेलियाँ कर जाते हैं   || 

 

Friday, November 14, 2025

MASAALEDAAN ( KSHANIKAA )

 

                        मसालेदान 

 

भारतीय रसोई की जान  , मसालेदान  ,

नमक, मिर्च , हल्दी , धनिया , अमचूर , गरम मसाला  , 

जीरा , हींग  , सरसों  आदि ,सभी मसालों की ये खान  ,

रसोई की जान मसालेदान  , ये है स्वाद की खान   || 

 

अब भारत देश का मसालेदान  , सेना , पुलिस , खिलाड़ी  ,

विद्यार्थी , व्यापारी , मनोरंजन विभाग ,

ये ही है दोस्तों , भारत देश का मसालेदान  ,

ये है भारत की जान  , और देश की शान   || 

 

एक मसालेदान हमारे रिश्तों का  ,

माता - पिता , भाई - बहिन  , मायका  ,ससुराल , पति - बच्चे ,

हर किसी से अलग प्यार - दुलार , सेवा - सुश्रुषा  ,

और  भी तड़का लगाने वाला , रिश्ता दोस्ती का  ,

ये सभी हमारी जान हैं  , जीने का सहारा हैं   || 

 

अब है मेरी जिंदगी का मसालेदान  ,

मैं हूँ ,मेरे गीत ,मेरी लेखनी ,मेरी भावनाएँ ,

मेरे नृत्य , और मेरी शक्ति ,  

उम्र के इस पड़ाव पर भी मेरी  हिम्मत  ,

यही मेरा सुंदर मसालेदान है दोस्तों  || 

 

Thursday, November 13, 2025

KHILKHILAAY ( KSHANIKAA )

 

                        खिलखिलाय 

 

तिनका - तिनका जोड़ के  , घरोंदा लिया बनाय  ,

लंबी सी उम्र को उसमें  , हमने लिया बिताय  ,

अपनों ने ही घरोंदे को , तोड़ - तोड़ बिखराय  ,

घरोंदे के साथ  ही   , भरोसा भी चरमराय   || 

 

घरोंदे के टूटने पर  , दोबारा बन जाय  ,

मगर भरोसा ना जुड़े  , जो एक बार टूट जाय  ,

दुनिया का दस्तूर है  , अपनों से ही धोखा खाय  ,

तभी तो इस जीवन में ही  , अपनापन खो जाय   || 

 

मत खोओ  अपनापन , दोस्त लो खूब बनाय  ,

उन्हीं दोस्तों के संग  , जीवन लो बिताय  ,

बीते जीवन अपना दोस्त , होठों पर मुस्कान सजाय  ,

मुस्कान सजा कर दोस्तों  , जोरों से खिलखिलाय   || 

 

Wednesday, November 12, 2025

DOSHII KAUN ? ( KSHANIKAA )

 

                             दोषी कौन  ?

 

सूरज ने धरा पर  , जो बिखराया सोना  ,

वो सिमट कर  तेरे रूप में  , ढल गया साथी  ,

जिंदगी मेरी तो सोने सी बन गई  ,

हर पल मुस्कान से ही भर गया   || 

 

सूरज ने बिखराई , जो ऊर्जा धरा पर , 

प्रकृति भर गई उसी ऊर्जा से  ,

उसी प्रकृति ने आँचल , भर दिया मानव का  ,

मानव को जीवन में , सभी  उपहार मिले   || 

 

मानव ने किया अपव्यय  , उपहारों का हर पल  ,

धरा का उपहारों का  , खजाना खाली होने लगा  ,

मानव नहीं चेता और  , खजाना खाली हो गया  ,

प्रकृति बिगड़ उठी  , मानव को सजा देने लगी   || 

 

कहीं बाढ़ आई  , कहीं बादल फटे  ,

कहीं ग्लेशियर पिघले  , कहीं पहाड़ टूटे  ,

मानव ने दोष दिए  , प्रकृति को  ,

क्या तुम बता सकते हो दोस्तों   ?

दोषी है कौन  ?  दोषी है कौन   ?? 

 

Tuesday, November 11, 2025

VIGHNHARTAA GANESH ( AADHYAATMIK )

 

                        विघ्नहर्ता  गणेश 

 

आज के जीवन में  ,  आने वाले विघ्न  ,

आप जानते हैं , कैसे दूर होंगे   ?

कौन दूर करेगा  , उन विघ्नों को  ?

विघ्नहर्ता  गणपति दूर करेंगे  दोस्तों  || 

 

वही हैं एक मात्र देव  , जो विघ्न हरते हैं  ,

तभी तो जगवाले उन्हें  , विघ्नहर्ता गणेश कहते हैं  || 

 

हर पूजा में सभी  देवों से पहले ,

गणपति की पूजा करते हैं  ,

उनका नाम जपते हैं , उनकी आराधना करते हैं  , 

जय - जय , जय - जय , जय गणपति   || 

 

Monday, November 10, 2025

MUSKAA DIEY ( GEET )

 

                     मुस्का दिए 

 

मुस्कान ने दी हमें आवाज  , हम मुस्का दिए   ,

दिल में खिल गए सुंदर फूल  , हम मुस्का दिए  ,

राहों में बिछीं कलियाँ , हम मुस्का दिए  ,

साँसों में महक भर गई  , हम मुस्का दिए   || 

 

तुम भी आ जाओ मेरे साथ  , मिल के मुस्काएँगे  ,

हाथ तुम थाम लो मेरा  , मिल के मुस्काएँगे   ,

सजा लो अपने होठों पर तुम मुस्कान , मिल के मुस्काएँगे  ,

खिलखिला लो मेरे साथ  ऐ -  दोस्त  , मिल के मुस्काएँगे   || 

 

हम दोनों साथ हैं   , और है मुस्कान  ,

फूलों का चमन है पास  , और है मुस्कान  ,

साँसों में है महक  ,  और है मुस्कान   ,

अब हमें और क्या चाहिए   ?  मुस्कान के सिवा   || 

 

Sunday, November 9, 2025

SAPNON KII MANJIL ( KSHANIKAA )

 

                     सपनों की मंजिल 

 

सपनों की कीमत नहीं जानता कोई  ,

जो जाने वही कोशिश करे  ,

सपने सच करने की  ,

कोशिशें करने वाले की तो  ,

किस्मत भी मदद करती है  ,

और सपने सच होकर  ,

मंजिल बन जाते हैं दोस्तों    || 

 

उन मंजिलों को पाने पर ही तो  ,

इंसान मुस्कानों में डूब जाता है   ,

और कदम  - दर - कदम  आगे बढ़ता जाता है  ,

हर सपना , हर सोच  , उसकी पूरी हो जाती है   ,

जीवन खिलते फूल की तरह  ,

बन जाता है दोस्तों    || 

 

Saturday, November 8, 2025

BHUGTAAN ( KSHANIKAA )

 

                               भुगतान 

 

मौसम ने दी आवाज हम को  , मगर हम बेवफा निकले ,

हमने उसे बिगाड़ा दोस्तों , क्योंकि हम बेवफा निकले  ,

हमने उसकी वफा का गलत फायदा उठाया   || 

 

मौसम ने हमें बहुत प्यार दिया , आराम  दिया  ,

जीवन को नए आयाम दिए ,  वरदान दिए  ,

रंगों से भरा संसार दिया  || 

 

मगर हमने मौसम को , कुछ भी ना दिया  ,

उसकी सारी ताकत छीनकर  , उसे कमजोर किया  ,

आज वही मौसम बिगड़कर  ,

हम  पे गुर्राया है ,

आज वह अपना दिया तोहफा  ,

हम से वापस ले रहा है  ,

अब भुगतान तो हमें  ,

करना ही पड़ेगा  दोस्तों   ||  

Friday, November 7, 2025

PARMAATMAA ( AADHYAATMIK )

 

                           परमात्मा 

 

वक्त गुजरता जाता है , रुकता नहीं  ,

उस वक्त से जुड़े  लोग , और उनकी बातों की  ,

याद रह जाती है दोस्तों  ,

तुम उनको दिल में मत बसाओ  ,

अच्छे वक्त और  , अच्छे रिश्ते संभाल लो दोस्तों   || 

 

अच्छे कर्मों की गठरी ,  बाँध कर रख लो  ,

  भाग्य लिखने वाला  , कर्मों का ही हिसाब देखेगा  ,

बाकि कुछ भी नहीं दोस्तों   || 

 

परमात्मा के पास जाते हुए   ,

कर्म  ही साथ जाएँगे दोस्तों   ,

कर्मों के अनुसार ही परमात्मा अपना   ,

आशीर्वाद देगा  , और आत्मा को शांति प्रदान करेगा   || 

 

Thursday, November 6, 2025

CHAMKEGAA ( CHANDRAMAA )

 

                         चमकेगा 

 

चमकेगा चंदा गगन में  , चंदनिया फैलेगी हर ओर ,

मुस्कान चंदा की तो बंधु  , फैलाएगी चंदनिया धरा पर  ,

धरा तो नहा जाएगी , चंदनिया की चमक में  ,

तुम भी पकड़ो और  , ओढ़ लो चंदनिया की ओढ़नी   || 

 

चंदा तो बंधु  , दोस्त है हमारा  जन्म से  ,

रिश्ता तब जुड़ा था चंदा से  , मामा का  ,

मगर अब तो हम बने हैं  , सच्चे दोस्त बंधु   || 

 

वो चमकता है गगन में  , हम रहते हैं धरा पर  ,

दूर से ही सही बंधु  , देख सकते हैं एक दूजे को  ,

मुस्कानें चमकती रहेंगी दोनों की  , दूर से ही सही  ,

दोनों दोस्तों का प्यार तो  , फैलता रहेगा पूरे जग में   || 

 

Wednesday, November 5, 2025

PRAGATII ( SAAMAAJIK )

 

                             प्रगति 

 

इंसान  गलतियों का पुतला है  ,

कदम  -  कदम पर गलतियाँ करता ही रहता है  ,

एक गलती को फिर से ना दोहराना ही  ,

बदलाव की ओर एक कदम है   || 

 

अपनी गलती को समझ गया जो ,

और उसे सुधारने की कोशिश करता है  ,

वह ही अपनी संस्कृति को समझता  है   || 

 

जो अपनी गलतियों से सीख लेता है  ,

और जीवन में उस सीख का उपयोग करता है  ,

तो उसे तुम भी समझ लो दोस्तों  ,

वही  इंसान तो प्रगति करता है  ,

वही तो प्रगति की   राह पर चल पड़ा है   ||   

Tuesday, November 4, 2025

RIMJHIM ( JALAD AA )

 

                            रिमझिम 

 

कैसे ले आते हो बदरा , इतना सारा जल भर कर  ?

थकते नहीं हो क्या बदरा , इतना सारा जल लेकर   ?

थक तो गए होगे  तुम , बैठो मेरे पास कुछ पल  ,

बतियाएँगे हम दोनों  , अपनी - अपनी यादें बाँट कर  || 

 

जल तो तुम्हारा ठंडा , मीठा , पीने का , नहाने का मजा ,

छू कर तुमको मेरे बदरा  , सिहरन का अंदाज नया  ,

यहाँ दामिनी ना  कड़काना  , दिल हमारा काँपेगा  ,

दामिनी भी तो दोस्त है मेरी  ,देगी नहीं डरने की सजा   || 

 

देते हो रिमझिम सी वर्षा  , जल - थल सब कर देते हो  ,

बच्चे , बड़े सब  ही खुश होते  , गर्मी से राहत देते हो  ,

कल - कल करती नदिया बहती , सबको खुश कर देते हो   || 

 

Monday, November 3, 2025

JEET ( DESH )

 

                                जीत 

 

सीमा पर तैनात सिपाही , बाहर वालों से बचाते देश को ,

देश के भीतर मैदान में खिलाड़ी , मान बढ़ाते देश का   || 

 

 देश  के बेटों और  बेटियों ने , देश का मान बढ़ाया  ,

विश्व चैंपियन बन कर , भारत माँ का मान बढ़ाया  ,

विश्व के गगना पर  , भारत माता का परचम ऊँचा लहराया  || 

 

आओ चैंपियन स्वागत करते , हम सब आपका  ,

तुम हो शान देश की  , तुम हो जान देश की  ,

जय हो  , जय हो , जय - जय - जय हो तुम्हारी  ,

सदा ही ऐसे रहना  , भारत माँ देगी आशीष  तुम्हें   || 

 

आगे भी इसी तरह  , ऊँचाईयों को छूना  ,

आगे ही बढ़ते रहना  , सीढ़ी पर चढ़ते रहना  ,

तभी तो देश को सम्मान दिलाओगे  ,

अपना जीवन सफल बनाओगे   || 

 

Sunday, November 2, 2025

NAIYAA ( RATNAAKAR )

                             

                                  नैया 

 

 आँखों  में बसा सपनों का शहर ,

नींदों में सैर कराए ,

रंगों भरे सब सपने , जीवन का अर्थ बताएँ ,

 सपनों के रंगीं साए में , 

जीवन का  अर्थ मिलेगा कैसे  ?

सपने तो बुलबुलें हैं पानी के ,

टूटने पर नींद के बिखर जाते हैं   || 

 

डूबो  ना दोस्तों सपनों में  ,

भरोसा नहीं कर सकते सपनों का  ,

जीवन की राहें ही हैं सच दोस्तों  ,

यही जीवन को पार लगाएँगी  ,

ये ही संसार के सागर में ,

नैया का काम कर जाएँगी   || 

 

डगमग भले ही नैया चलती  ,

पर पूरा काम ये करती है  ,

सागर की हर लहर के साथ  ,

पार वही पहुँचाती है  ,

नैया ही पार लगाती है    || 

 

 

Saturday, November 1, 2025

ATKEY ( PREM )

 

                      अटके 

 

गीतों के झरोखों से , झाँक कर देखा  ,

तो शब्दों की  कंदरा में हम अटके  ,

उन्हीं शब्दों से मिलकर गीत बन गए  ,

हमें लगा  अरमानों के कमल खिल गए   || 

 

सब ओर रंग ही रंग छा गए  ,

मौसम और हवाएँ सभी महक गए  ,

प्यार का मौसम मानो आ गया  ,

हम उसी में पूरी तरह डूब गए  || 

 

शब्दों को जो लपेटा , हमने अपनी लेखनी में ,

वही शब्द मानो , खिल  - खिल कर महके  ,

और कुछ महक , मेरी लेखनी में छोड़ गए  ,

हम भी उसी महक में  , दोस्तों डूब गए   || 

 

आओ दोस्तों तुम भी  , उसी महक में डूबे  ,

और मेरे लिखे  , शब्दों को दिल से चुन लो  ,

दिल में जगी  , मुस्कान को होठों पे सजा लो  || 

 

Friday, October 31, 2025

SAHELII MERII ( PAWAN )

 

                         सहेली मेरी 

 

सुन री  पवन , आ जा मेरे अँगना में ,

मेरे गुलमोहर के , पात हिला दे पवन ,

मैं भी तो खो जाऊँ  , उन्हीं में  पवन  ,

घोंसले परिंदों के , बन जाएँ उस तरु पर  || 

 

तू तो पवन  , पूरा जग घूमती है  ,

अब बता तू  , जग कैसा है पवन  ?

मुझसे ज्यादा क्या   ?

कोई तुझको प्यार करता है  ??

 

बन जा सहेली मेरी ,और मुझे अपना बना  ,

ले चल मुझे उड़ा कर , नीले गगना में  ,

मिला दे बदरा से , चाँद से  ,

और सबसे अधिक , मेरे सपनों से   ,

मेरे हौसले ,  मेरी हिम्मत से    || 

 

हम दोनों मिलकर , पूरा जग देखेंगे  ,

मुस्कानें बाँटेंगे  , पूरे  जग  में  ,

साथ ही हम भी मुस्काएँगे  , खिलखिलाएँगे   || 

 

Thursday, October 30, 2025

SUREELAA ( AADHYAATMIK )

 

                                   सुरीला  

 

ओ बाँसुरी वाले ,  आजा , ओ बाँसुरी वाले ,

बाँसुरी  सुना के , जग को मोह  ले , राधा को साथ ला के  ,

जग में मुस्कान जगा दे , प्यार को जग में बाँट दे   || 

 

जग वाले सीख जाएँ , तुझसे प्यार करना  ,

तभी तो जग प्यार का , खजाना बन जाएगा  ,

सभी की जिंदगी को , खूबसूरत बना पाएगा   || 

 

 प्यार के रंग से सजेगा  , जब ये सारा जहां  ,

तभी तो तुम भी अपनी , बंसी चैन से बजा पाओगे  ,

और जग को अधिक - अधिक ,  सुरीला बना पाओगे  ,

बना दो ना सुरीला , और अधिक सुरीला   ||  

 

Wednesday, October 29, 2025

MAKADII KAA JAALAA ( KSHANIKAA )

 

                      मकड़ी का जाला 

 

मत सोचो किसने तुम्हें , क्या है दिया   ?

प्यार दिया है या तुम्हें , नफरत से मारा  ?

अँधियारी रात दी है  , या  किरनों का  सवेरा दिया  ?

हर कोई अपनी सोच से ही ,

किसी से संबंध बनाता है ,

अच्छा या बुरा , सच्चा या झूठा  || 

 

तुम भी अपनी सोच से , राह चुन लो दोस्तों  ,

राह और साथी , दोनों ही सोच - समझ कर चुनो ,

यदि सही चुने तो जीवन , सुंदर बन जाएगा ,

नहीं तो जीवन , मकड़ी का जाला बन जाएगा  || 

 

मकड़ी के जाले से , कोई भी बच नहीं पाता है  ,

वह उसी में फँस कर रह जाता है  ,

मकड़ी का जाला तो , भूल - भुलैंया  है दोस्तों   || 

 

Tuesday, October 28, 2025

THEEK RAAH ( KSHANIKAA )

 

                        ठीक राह 

 

दुनिया की अनगिनत राहों में से  ,

हमने भी एक राह चुनी दोस्तों  ,

जिस पर हम बिना कुछ सोचे - समझे  ,

चलते गए , और आगे चलते गए  ,

कुछ पाया हमने , कुछ खोया भी हमने  ,

मगर फिर भी हम  , चलते चले गए   || 

 

मगर उस राह में हमें  , ऐसे मोड़ मिले  ,

उन्हीं मोड़ों ने हमें , गुम कर दिया दोस्तों  ,

अब तो सारी उलझनों में  , फँसने के बाद ,

हम नहीं पकड़ पाए सही राह को  ,

ऐसी राह जो बिना गुमाए हमें  ,

हमारी मंजिल तक पहुँचा दे दोस्तों   || 

 

हर किसी की अलग ,  एक  मंजिल होती है  ,

और उस मंजिल के लिए  , एक राह निश्चित है  ,

वह राह पकड़ी तो ठीक  , नहीं  तो गड़बड़  ,

तो आप भी सोच - समझ कर ,

ठीक राह ही पकड़ो दोस्तों   || 

 

Monday, October 27, 2025

KYON CHAAHEGII ? ( PREM )

 

                        क्यों  चाहेगी  ? 

 

तुम राम ना बन जाना प्रियवर , 

जो त्याग दे अपनी  पत्नी को ,

मेरे प्रेम को भूल ना जाना प्रियवर ,

भूल जाए जो प्रेम को  ,

कोई पत्नी क्यों चाहेगी  ?  पति  रूप में राम को  || 

 

राम  बने आदर्श  राजा , मगर ना आदर्श पति को  ,

ऐसे में सीता क्यूँ अपनाए  ? ऐसे आदर्श राजा को ,

आज  की सीता कभी ना राम का ,

वरण नहीं करेगी पति रूप में   || 

 

शव जैसा पति  मिले हर  पत्नी को ,

जो सती का सम्मान करे ,

सती के हवन कुंड में दाह के बाद ,

जो तांडव करके , क्रोध  में डूबकर ,

मिटा  दे सारी दुनिया को , जला दे सारी सृष्टि को  ??

 

सती और शिव का प्रेम ,  दुनिया से ऊपर था  ,

दोनों ही एक - दूजे की ,

प्रेम और सम्मान की कहानी है ,

इसीलिए यही सत्य है  , शिव है , सुंदर है दोस्तों   || 

 

Sunday, October 26, 2025

REET ( PREM )

 

                                 रीत 

 

सुर तेरे और मेरे मिल जाएँ तो  , 

बनेगा सुंदर सा गीत ,

जैसे  तेरे और मेरे मिलने से हम  ,

बन गए एक - दूजे के मीत  ,

निभाते जा रहे हैं  हम , प्यार की सुंदर रीत   || 

 

उन्हीं में कल जो सुंदरता से , गया है बीत ,

आज चलते - चलते ही , जा रहा है यूँ ही बीत  ,

आने वाला कल भी , ऐसे ही जाएगा बीत   || 

 

सुर में सुर मिलाकर  , ही तो बना लेंगे नया गीत ,

आगे के पल भी सुंदर बना लेंगे , दे कर अपनी प्रीत ,

हर पल हम बने रहेंगे , एक - दूजे के मीत  ,

तो आओ निभा लेते हैं  , प्यार की ये सुंदर रीत   || 

 

Saturday, October 25, 2025

RANG DHARAA PAR ( JIVAN )

 

                               रंग धरा पर 

 

राहों के दोनों तरफ , छाया देते ये घने वृक्ष , 

मुस्कुराते हैं ,

उनकी मुस्कुराहटों से ही तो , हमारी धरा ,

मुस्कुराती है  ,

उसी धरा की मुस्कुराहट , ही तो जीवन में ,

सब सुख लाती है  || 

 

धरा की मुस्कुराहट ही तो , अपने चमन में ,

फूल खिलाती है  ,

उन्हीं फूलों की मुस्कान से , सारा जग  ,

महक उठता है  ,

ये फूल और महक ही तो , जग वालों का ,

जीवन महकाती है  || 

 

ये  फूल ही धरा पर , इंद्रधनुष ,

बना देते हैं  ,

इन्हीं से धरा पर , रंग अपना  रूप ,

 बिखरा देते हैं  ,

इसी इंद्रधनुष से  , हम भी अपना जीवन ,

रंगीन बना लेते हैं    || 

 

Friday, October 24, 2025

PYAARA SANSAAR ( KSHANIKAA )

 

                              प्यारा संसार 

 

सजाया था हमने अपना आशियाना ,

छोटा सा मगर सुंदर सा ,

गुनगुनाया था हमने अपने दिल का  गाना ,

छोटा  सा मगर सुंदर सा  ,

सबने ही पसंद किया दोनों को ,

छोटा सा मगर सुंदर सा  ,

मुस्कुराए सभी सब कुछ देख कर ,

छोटे मगर सुंदर संसार को  || 

 

रंगों से भरपूर हमारा संसार ,

इंद्रधनुष जैसा रंगीला संसार ,

गगन के प्रांगण में खिलता इंद्रधनुष ,

रंग गया हमारा संसार ,

यही  सब  देख कर  दोस्तों ,

खिल गया पूरा हमारा संसार  ,

हम भी खुश हो गए ,

देख कर अपना प्यारा संसार ,

प्यारा सा  संसार , जो है छोटा मगर सुंदर सा  || 

 

Thursday, October 23, 2025

MEREY KANHAA ( AADHYAATMIK )

 

                           मेरे कान्हा 

 

आओ - आओ कान्हा , मेरे गाँव में  ,

चले आओ तुम कान्हा , अपने नंद गाँव से ,

मेरा गाँव भी सुंदर लगेगा , तुमको कान्हा  ,

दिल तुम्हारा जीत लेगा , सुन लो कान्हा  || 

 

दिल में तुम उतर जाना , मेरे कान्हा  ,

मैं उतार लूँगी नजर , तुम्हारी कान्हा  ,

मेरी नजरों में जो बसोगे , तुम कान्हा  ,

होठों पे आएगी मुस्कान , तुम्हारे कान्हा   || 

 

बजेगी जब मुरलिया , तुम्हारी कान्हा  ,

दिल सभी का धड़केगा , सुन के धुन बंसी की ,

तुम बजाते रहना लगातार , अपनी बंसी कान्हा  ,

हम डूब जाएँगे बंसी की , धुन में कान्हा  ,

इसलिए  आओ - आओ  कान्हा , तुम मेरे गाँव में    || 

 

Wednesday, October 22, 2025

TAA - UMRA ( PREM )

 

                           ता - उम्र 

 

जब तक चलेगा अपना जीवन  , हम यूँ ही चलते जाएँगे  ,

बीता है अब तक जो जीवन , वैसे ही आगे भी बिताएँगे  ,

बीते बरस भी मिले - जुले थे , आगे भी मिले - जुले ही आएँगे ,

जो कुछ पाया अब  तक हमने ,  आगे भी वैसे ही पाते जाएँगे  || 

 

प्यार बाँटते अब तक आए , आगे भी सब ओर प्यार बरसाएँगे  ,

मुस्कानों में हम खुद भी डूबेंगे , दूजों को भी मुस्कानों में डुबाएँगे ,

अभी भी रंग फूलों का बंधु , रंगता हमारे जीवन को ,

उन्हीं रंगों से आगे भी हम , जीवन को रंगते जाएँगे   || 

 

दोस्तों का प्यार अभी तक पाया , आगे भी उसे ही पाएँगे   ,

खिलखिलाहटें दोस्तों की हम तो , ता - उम्र ही पाते जाएँगे   ||  

Tuesday, October 21, 2025

KAANHAA ( AADHYAATMIK )

                                    

                                   कान्हा 

 

तुम्हें पुकारूँ तो क्या , तुम आओगे यहाँ कान्हा   ?

साथ में अपने राधा जी को ,  भी लाओगे कान्हा   ?

मुरली की धुन भी , क्या सुनाओगे तुम कान्हा   ?

हमारा जन्म तुम सफल ,सच में बनाओगे क्या कान्हा   ?

 

जीवन हमारा बीता जा रहा है , इस दुनिया में  कान्हा ,

तुम्हारा साथ मिलना , बहुत जरूरी है कान्हा  ,

तभी तो जीवन सुंदर ,बन जाएगा हमारा कान्हा  ,

तुम भर  दो अपनी  , मुरली की मधुरता कान्हा  ,

हमारे शब्दों में , हमारे विचारों में , हमारे जीवन में कान्हा   || 

 

Monday, October 20, 2025

DHADKAYAA ( GEET )

 

                           धड़काया 

 

जिंदगी ने धरा   पे ,रखा कदम , 

होठों पे बस , तेरा ही नाम आया  || 

 

नीले गगना में , जब रवि चमका ,

बदरा ने दे दी , धरा को छाया   || 

 

रंग फूलों के , चमन में बिखरे ,

उनकी खुश्बु ने , जहां महकाया   || 

 

मीठे बोलों से  , मिल के  गीत बने ,

उन्हीं गीतों  को , सभी ने गाया   || 

 

गीतों की लय से , जब समां  गूँजा  ,

दिलों को गीतों  , ने ही धड़काया   ||  

 

Sunday, October 19, 2025

SAPNON KEY RAASTEY ( JIVAN )

 

                    सपनों के रास्ते   

 

समय बहुत बीत  गया , ना मैंने तुम्हें पुकारा , ना ही तुमने ,

मगर एक साथ ही तो देखे , मैंने और तुमने सभी सपने ,

मेहनत और कोशिशें  तो दोनों ने कीं ,ताकि पूरे हों सपने  || 

 

जीवन तो सभी बिताते हैं , मगर रस्ते अलग सभी के ,

उन्हीं सब रास्तों पर चलकर , कोई पूरे करता अपने सपने ,

तो कोई दूजा उन्हीं रास्तों से ,नहीं पूरे कर सकता अपने सपने  || 

 

तो बताओ क्या हम पूरे कर पाएँगे  ? अपने सपने ,

चलो दोस्तों कोशिश तो कर ही लेते हैं  ,

पूरे हों या ना हों अपने सपने ,

इस तरह कुछ सीख तो मिल ही जाएगी दोस्तों    || 

 

Saturday, October 18, 2025

GIRKAR UTHNAA ( KSHANIKAA )

 

                        गिरकर उठना 

 

ताकत और धन में से कोई नहीं है , सफलता का प्रतीक  , 

कड़ी मेहनत और गिरकर उठना ही , सफलता होती है ,

जुटे रहो दोस्तों , मेहनत और कोशिशों में   || 

 

वही तो जीवन  को ले  जाएँगे , मंजिलों की राह पर ,

जीवन को सुखमय और ,आसान बना देंगे दोस्तों  ,

तो अपनाया रास्ता , मेहनत और कोशिशों का  || 

 

अगर कभी असफलता मिले , 

तो निराशा को  अपने पास ना आने देना ,

मुस्कान होठों पर सजा कर , हिम्मत जुटा कर ,

पकड़ लो रास्ता कोशिशों का ,और आशाओं में डूबकर ,

पा जाओ मंजिलों को , और खिलखिलाओ दोस्तों   ||  

 

Friday, October 17, 2025

MILII HUII SIIKH ( KSHANIKAA )

 

                            मिली हुई सीख 

 

समय अपनी चाल से चलता रहता है ,

चाहे वह गम में डूबा हो , या मुस्कान में  ,

तो दोस्तों भूल जाओ उस गम को ,

मगर उसने जो सिखाया , वह मत भूलना ,

वह सीख जो गम ने सिखाई ,

वही तो आपको आगे का रास्ता दिखाएगी   || 

 

यदि गलती कोई हुई है आपसे   ?

तो अपनी जिंदगी की किताब से ,

उस गलती वाले पन्ने को फाड़ दो दोस्तों ,

और पूरी किताब को संभाल लो ,

बस उस गलती को  ,

फिर मत दोहराना दोस्तों , जिंदगी संवर जाएगी  || 

 

हर सीख जो किसी भी , राह में मिलती है ,

वह हमें नई राह दिखाती है , राहों को आसान बनाती है ,

वही सीख हमारी मुस्कानों को बढ़ाएगी , समझ गए ना   || 

 

Thursday, October 16, 2025

KAHAAN SEY ? ( AADHAATMIK )

 

                            कहाँ से  ?

 

ना जाने कहाँ से हम आए  ? 

ना जाने कहाँ हम जाएँगे   ?

किस - किस से हम मिलेंगे   ?

कितना समय यहाँ  हम बिताएँगे  ?

 

जानता  है वही सब ,जिसने हमें बनाया ,

भेजा है इस दुनिया में , जिंदगी हमें बिताने ,

सुंदर से कर्म करने , सबको अपना बनाने ,

सभी के होठों पर , मीठी सी मुस्कान सजाने   || 

 

शुक्रिया उस रचनाकार को , इतना सुंदर जहां बनाने को ,

सारी सुंदर सी प्रकृति बनाकर , सबका मन लुभाने को ,

मीठा जल , पेड़ - पौधे , पहाड़ ,सूरज , चाँद दिए हमको ,

सभी वो सामान दिए , जीवन सुखमय बिताने को  || 

 

हम शुक्रिया  दें क्या  , उस रचनाकार को  ?

सिर्फ अपनी आस्था , अपनी भक्ति , अपनी शृद्धा ,

यही तो हम दे सकते हैं दोस्तों , उस रचनाकार को ,

तो नमन - नमन , नमन - नमन , शृद्धा पूर्वक नमन   || 

 

Wednesday, October 15, 2025

BHOLEY - BHANDAARII ( AADHYAATMIK )

 

                              भोले - भंडारी 

 

एक नेत्र में है चंद्रमा , दूसरे में है प्रकाश ,

तीसरा नेत्र जो खुले , हो त्रिलोक का विनाश  ,

मेरे भोले - भंडारी तो , बैठे हैं कैलाश   || 

 

कभी तो आओ भोले - बाबा , गौरा को ले साथ ,

भक्त तुम्हारी राह तकें , दे दो आशीर्वाद  ,

भारत भूमि पर रहने वालों को , दे दो दर्शन आज   || 

 

हर कोई ना जा सके , दर्शन करने को शिखरों पर  ,

तुम्हें ही आना पड़ेगा भोले , भक्तों की पुकार पर  ,

आ जाओगे तुम जो नीचे  , होगा भक्तों का उद्धार   || 

 

क्यों डेरा जमाया तुमने भोले , ऊँचे , बर्फीले पर्वत पर  ,

नीचे उपवन में आन बसो , जो पा  लें हम  तेरे दर्शन  ,

तभी तो हमारी जीवन नैया , लग जाएगी पार   || 

 

Tuesday, October 14, 2025

SAUGAAT ( JIVAN )

 

                            सौगात 

 

राहों में फूल तो ना मिले दोस्तों ,

काँटों की सौगात मिली ,

उजियाली राहें दूजों के हिस्से में आईं ,

हमें तो अँधियारी रात मिली  || 

 

हम तो चलते रहे उन्हीं काँटों पर ,

फूल जान कर दोस्तों ,

अँधियारी रात में भी हमने ,

दिया जलाया दोस्तों   || 

 

कुछ भी आएगा भाग्य में अपने ,

उसे हम बदल ही देंगे ,

अपनी सभी तमन्नाओं को ,

पूरा तो हम कर ही लेंगे  दोस्तों   || 

 

मेहनत और लगन से हम ,

भाग्य को चमका ही लेंगे  ,

इसी तरह हम अपने जीवन को ,

सफल तो बना ही लेंगे दोस्तों   || 

 

Monday, October 13, 2025

ADCHANEN ( JIVAN )

 

                                  अड़चनें 

 

अनगिनत संभावनाओं से भरा है ये जीवन ,

भर लो उनसे अपना आँचल दोस्तों ,

उगाओ फूलों के पौधे , जिससे महक उठे ,

अपना घर - आँगन दोस्तों   || 

 

सीधा - सादा रास्ता चुनो दोस्तों ,

उलझनें देने वाले तो बहुत हैं ,

प्यार की सीढ़ी चढ़ जाओ दोस्तों ,

सीढ़ी से  गिराने वाले तो बहुत हैं  दोस्तों  || 

 

जीवन के जिस पल को मुस्कुराकर ,

जी लेते हो तुम   दोस्तों ,

सोचो कि जिंदगी की नाव ,पार लग रही है दोस्तों  || 

 

क्षमा कर पाओ या नहीं ,

मगर भूलने की कोशिश तो करो ,

सारथी तुम बन पाओ या ना  बनो ,

अड़चनें मत खड़ी करो राहों में दोस्तों   || 

 

Sunday, October 12, 2025

UTTAM RAAH ( SAMAJIK )

  

                            उत्तम  राह 

 

नियम और  कानून  , सबके लिए समान होते हैं  ,

यह शब्द संविधान में , लिखे हैं दोस्तों ,

मगर क्या यह बात  ,सच है दोस्तों  ? 

 नहीं दोस्तों यह बात , सच  नहीं है दोस्तों  || 

 

जरा अपने आस - पास देखो दोस्तों ,

एक मकड़ी जाला बुनती है ,

उस जाले में छोटे कीड़े - मकोड़े फँसते   हैं ,

मगर बड़े कीड़े उसे , तोड़कर खत्म  कर देते हैं   || 

 

उसी तरह नियम - कानून , साधारण लोग उसे मानते हैं ,

मगर बड़े धनी और शक्तिशाली लोग ,

उन नियमों और कानूनों की  ,

धज्जियाँ उड़ा कर खुद को , आजाद  लेते हैं   || 

 

तो दोस्तों समझ जाओ आप भी , इन बातों को ,

नियम - कानून का पालन करो ,

मगर उनके जाल में फँसो मत ,

यही सबसे उत्तम राह है दोस्तों   || 

 

Saturday, October 11, 2025

MOKSH ( AADHYAATMIK )

 

                                    मोक्ष 

 

मन के हारे हार है , मन के जीते जीत  ,

किसी ने ये शब्द कहे थे दोस्तों  ,

तो दोस्तों कोशिश करते रहो ,

मन को हारने मत दो  दोस्तों  || 

 

जिंदगी बहुत लंबी है दोस्तों ,

उसमें कर्म करके जीवन बिताते रहो ,

याद रखना कर्म सुंदर हो ,

किसी को दुःख ना पहुँचाएँ ,

तभी तो जीवन भी सुंदर बनेगा  || 

 

जीवन को सुंदर बना लो ,

 भवसागर पार कर जाओगे , 

तभी तो परमात्मा में लीन हो पाओगे ,

मोक्ष को पाने का यही तरीका है दोस्तों   || 

 

Friday, October 10, 2025

FOOL KHILEY ( JIVAN )

 

                               फूल खिले 

 

जिंदगी मेरी जब जुड़ गई , तेरी जिंदगी से  ऐ - दोस्त , 

वीराने में भी फूल खिल गए ,महक उठा वो वीराना ,

होठों पर मुस्कानें सज गईं , मुस्कुरा उठा वीराना   || 

 

तो चलो  ऐ  - दोस्त , हम नया आशियाना बना लें ,

जगमगा लें उसे अपनी मुस्कुराहटों से , पा  लें अपनी मंजिल ,

टूट कर मेहनत तो , कर लें जरा  ऐ - दोस्त   || 

 

यही मेहनत  तो हमें , जिंदगी में खुशियाँ दिलाएगी ,

हमारे देखे सपनों को , पूरा करने में मदद करेगी  ,

सपने पूरे हो जाएँगे , तो  दिल  भी हमारा खिलखिलाएगा   || 

 

Thursday, October 9, 2025

BHAGYASHAALII ( KSHANIKAA )

 

                            भाग्यशाली 

 

सच की राह पकड़ लो बंधु , छोड़ो झूठी गपशप  ,

बरखा के पानी में में बच्चों संग , तुम भी  कर लो  छप - छप  || 

 

बचपन सीधा - सादा ,सच्चा , मुस्कानों से भरा हुआ ,

खेल अनोखे बचपन के , सुंदर खेलों से जुड़ा हुआ ,

उन्हीं को फिर से तुम अपना लो , करते जाओ ठक - ठक  || 

 

बचपन में पहुँचे तुम फिर से , पा जाओगे मुस्कानें ,

वही दोस्त , वही गलियाँ , वही समय पुराना ,

वही कहकहे , वही खिलखिलाहटें , गूँजती आँगन में  || 

 

माता - पिता का प्यार - दुलार , बहन - भाई का साथ ,

वो सपनों की दुनिया , नींद में और जागते हुए भी ,

दिखाई देते थे , वही जीवन फिर जी पाओ ,

तो  बहुत ही भाग्यशाली हो  तुम दोस्त   ||  

 

BEJUBAAN ( KSHANIKAA )

 

                                बेजुबां 

 

कौन था वह शख्स जिसने  ?

 इस जग में पहली बार प्यार किया , 

क्या था उन नजरों में  ? जो एक दूजे में डूब गईं ,

नजरों के चार होने में , 

क्या अहसास मिलता है दोस्तों  ?

दोस्तों ये सब कहने की नहीं , अहसास की बातें हैं  || 

 

सुनाई नहीं जातीं ये बातें , अहसास की बातें ,

जीवन हारने की बातें , साथ निभाने की बातें  ,

जो डूबे वो ही जाने , ये  अनजानी बातें  || 

 

कलम में कहाँ अहसास कोई  ?

जो  लिख जाए ये बातें ,

नजरों में कहाँ जुबां  ? जो कह जाए ये बातें  ,

दिल और उसकी धड़कन ही तो ,

महसूस करे  ये बातें  ,

मगर नहीं कह सकते कुछ भी , 

दोनों ही तो बेजुबां हैं दोस्तों   || 

 

Tuesday, October 7, 2025

EK SHAY ( KSHANIKAA )

 

                             एक शय 

 

गुमी हुई धन - दौलत , वापिस मिल सकती है ,

गुमी हुई मुस्कान भी , वापिस मिल सकती है ,

मुरझाई हुई बगिया भी , फिर से खिल सकती है ,

खोई हुई मंजिल भी , फिर से पाई जा सकती है  || 

 

जीवन में बहुत कुछ , ऐसा है  दोस्तों ,

जो खो कर भी वापिस , मिल सकता है  ,

मगर बहुत सी  ऐसी  , शय  हैं  दोस्तों ,

जो खोने के बाद , वापिस नहीं मिल सकतीं   || 

 

वक्त एक ऐसी ही   शय है , जो वापिस नहीं मिल सकती ,

आज का यह पल , जो बीत रहा है दोस्तों ,

फिर से लौट कर , कभी नहीं आएगा दोस्तों ,

इसलिए प्यार से , दिल से , इसे जीत लो दोस्तों ,

और इसे यादों में बसा लो दोस्तों   || 

  

Monday, October 6, 2025

VISHWAAS ISHWAR KAA ( AADHYAATMIK )

 

                             विश्वास ईश्वर का 

 

कुछ भी निर्णय लेने , इतने आसान नहीं होते ,

निर्णय लेने से पहले , कुछ डर तो लगता है दोस्तों ,

कि हमारा निर्णय , ठीक होगा या गलत  ?

परन्तु डर कर निर्णय लेना , छोड़ दिया जाए तो गलत है   || 

 

निर्णय लेते हुए समझदारी , बरतनी जरुरी है  दोस्तों ,

कोई भी कदम उठाने से पहले , अपने अंतर्मन को टटोलो ,

यदि वह उस कदम के साथ है , तो तुम कदम उठाओ ,

नहीं तो वहीं खड़े रहो , प्रतीक्षा करो कुछ समय के लिए   || 

 

दुःख और तकलीफ , आती हैं जिंदगी में ,

ये सब उसी ईश्वर की देन है , जिसने तुम्हें जिंदगी दी है ,

उन्हीं दुःख और तकलीफ से ही तो ईश्वर ,

तुम्हारे मनोबल और , आत्म विश्वास को बढ़ाना चाहता है ,

तो दोस्तों खरे उतरो , ईश्वर के विश्वास पर  || 

 

Sunday, October 5, 2025

AKELAAPAN ( JIVAN )

 

                           अकेलापन 

 

कहते जिसे पुरानी पीढ़ी , बिना टी  वी , कम्प्यूटर और मोबाईल के ,

मगर साथ मिलता था दोस्तों का , सभी रिश्तों का ,

सब रिश्तों को निभाया उसने , एकजुट बनाया उसने ,

प्यार सभी में बाँटा उसने , प्यार सभी में बाँटा   || 

 

आज की पीढ़ी का समय बँटा है ,टी  वी  , कम्प्यूटर , मोबाईल में ,

नहीं दोस्त हैं पास में उसके , रिश्तों को है तोड़ा उसने ,

किसी भी रिश्ते और दोस्ती का , साथ नहीं निभाया उसने ,

प्यार को तो वह समझा ही नहीं , समझा ही नहीं   || 

 

अब अगली पीढ़ी क्या करेगी दोस्तों  ? रिश्तों के बिना अकेला ,

ना उसने रिश्ते बनाए , ना रिश्तों ने उसे अपनाया ,

जीवन में  अकेलापन , सिर्फ  अकेलापन , यही उसकी तकदीर  || 

 

Saturday, October 4, 2025

SAAGAR ME CHANDAA ( CHANDRAMAA )

 

                               सागर में चंदा 

 

सागर तट पे बैठी मैं , हाथ मिलाती लहरों से ,

लहरें मेरा स्वागत करतीं , अपनी खिलती मुस्कानों से ,

लहरों के प्यार में डूबकर , सागर और मैं दोनों डूबे   || 

 

सागर के ऊपर चंदा चमके , मुस्काए ऊपर गगना में ,

सागर  के तल  पर फैली है , चम - चम , चम - चम चंदनिया ,

सागर की लहरें भी चंदनिया से , चाँदी जैसी चमक रहीं   || 

 

चंदा का चेहरा भी , सागर के पानी में चमक रहा ,

ऐसा लगता है सबको , चंदा भी मानो प्यार से ही  ,

सागर के पानी में , खुश होकर तैर रहा    ||  

 

Friday, October 3, 2025

JAGII MUSKAAN ( JIVAN )

 

                         जगी मुस्कान 

 

सब के अपने - अपने सपने ,कुछ फीके , कुछ रंगीन ,

कुछ हो जाते पूरे , कुछ हो जाते गमगीन ,

जिनके सपने पूरे होते , उनकी मुस्कानें खिल जातीं ,

जिनके सपने रहे अधूरे , राहें सभी छूट जातीं   || 

 

सपने नहीं होते , अपने आप पूरे दोस्तों ,

थोड़ी तो मेहनत ,करने की जरूरत है दोस्तों ,

तो करो मेहनत और , करो अपने सपने पूरे ,

क्यों छोड़ते हो  , दोस्तों उन्हें अधूरे   ?? 

 

सपने पूरे होते ही , जीवन चमक उठेगा ,

रंगीन दरो - दीवार से , जीवन रंगीन हो उठेगा ,

तो चलो दोस्तों , मुस्कानों को जगा लेते हैं  ,

उन्हें अपने होठों पे सजा लेते हैं   || 

 

Thursday, October 2, 2025

JAL - VIHEEN ( JALAD AA )

 

                          जल - विहीन 

 

बदरा तुम जल लेकर आए , बरखा भेजी धरा पर तुमने ,

कभी - कभी रिमझिम बूँदें , कभी मूसलाधार ,

गर्मी से तप्त धरा ने पाई ठंडक , और मानव ने भी ,

और कभी धरा हुई जल - थल ,

और रुकी मानव जीवन की रफ्तार   || 

 

जल की कमी को तुम ही बदरा , कर देते हो पूरी ,

मानव ही कर देता है , पूरी को अधूरी ,

तुम तो बदरा देकर जल को , हरियाली बरसाते  ,

तभी तो मानव अपने खेतों में , सब कुछ हैं उपजाते  || 

 

साथ दामिनी भी कड़क - कड़क कर , मानव को डराती  ,

मगर मानव  को तो  बदरा , समझ नहीं है आती  ,

मानव जल संग्रहित करेगा , तभी तो पूरा पाएगा ,

नहीं तो मानव का जीवन ,

जल - विहीन  हो जाएगा , जल - विहीन हो जाएगा  ||  

 

Tuesday, September 30, 2025

NADII - SAAGAR ( RATNAAKAR )

 

                          नदी - सागर 

 

हिम पिघला तो जलधार  बनी , जलधार ने रूप बदला ,

नदिया दौड़ी मीठा जल लेके , जाकर मिल गई सागर में ,

सागर ने गले लगाया उसको , जल नमकीन बनाया उसका ,

साथ ही नदिया को उसने , रत्नों की खान बनाया   || 

 

नदिया ना बना सकी सागर के  पानी को मीठा ,

नदिया थी छोटी , बहुत छोटी , सागर था विशालकाय ,

अतुल जल का भंडार ,रत्नों का आकर ,मगर फिर भी नमकीन  || 

 

नदिया तो प्यास बुझाती सबकी , फसलों को हरा - भरा कर देती ,

सागर ना कर पाया ये सब , जल का अतुल भंडार होकर भी , 

ना प्यास बुझा पाए किसी की , ना फसल ही लहरा पाए   || 

 

Sunday, September 28, 2025

AASHISH DO ( AADHYAATMIK )

 

                               आशीष दो 

 

शिव - शंकर हो तुम , भोले नाथ हो तुम ,

 महेश्वर हो तुम  , गौरा पति हो तुम ,

कैलाश के निवासी , कभी तो उतरो धरा पर ,

आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम  || 

 

धरा तरसती तुम्हारे , चरणों की धूलि पाने ,

उसे माथ पर लगाने , उसे माथ पर लगाने ,

आओ , आओ ,अपनी चरण - धूलि  दो तुम ,

आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम  || 

 

आशीष को तुम्हारे , जन - जन है तरसता ,

एक छवि पाने को , हर भक्त है तरसता ,

 आओ , आओ अपनी , छवि तो दिखलाओ तुम ,

आशीष  दो ,आशीष दो , अपने भक्तों को तुम   || 

 

डमरु की आवाज हो ,गंगा तुम्हारे साथ हो ,

परिवार साथ लाओ , दर्शन हमें दे जाओ  ,

आओ ,आओ अपने , दर्शन तो दे जाओ तुम  ,

आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम  || 

 

Saturday, September 27, 2025

ROOP TUMHARAA ( GEET )

 

                        रूप  तुम्हारा 

 

रूप तुम्हारा आँखों से पी लूँ ,

तुम जो कहो तो मर के भी जी लूँ  || 

 

कितने सुंदर बोल गीतकार के , 

अब आगे के बोल मेरे  ---- ,

चटखीं हैं कलियाँ , अपने चमन में ,

फैली है खुश्बु , अपने सहन में ,

तुम जो कहो तो , खुश्बु  मैं भेजूँ  ---- || 

 

छाए हैं बदरा , ऊपर गगन   में ,

बरसी है बरखा , अपने आँगन में ,

तुम जो कहो तो , रिमझिम मैं भेजूँ  ---- || 

 

चंदा है चमका , ऊँचे गगन में ,

फैली चंदनिया है , धरती गगन में  ,

तुम जो कहो तो , चाँदनी भेजूँ  ----  || 

 

Friday, September 26, 2025

MOD RAAHON KEY ( JIVAN )

 

                       मोड़ राहों के 

 

जिंदगी की राहों में चलते - चलते ,

कुछ पा लिया , कुछ खो गया ,

जो पा लिया ,उसने रोशन किया ,हमारे जीवन को ,

मगर जो खो गया ,उसकी कीमत ,

नहीं जान सके शुरु में हम , 

जब खो दिया उसको ,तो कीमत का पता चला हमको || 

 

हर राह अलग होती , हर मोड़ अलग होता ,

हर राह में अलग पाना , अलग खोना ,

हर मोड़ पर भी अलग पाना ,अलग खोना ,

यही तो जीवन की , सच्ची कहानी बनती है  || 

 

जो हमारे ही कर्मों , और हिम्मत से बनती है ,

चलो हिम्मत जुटा लें , कुछ कर्म कर लें ,

तभी तो जीवन की , सुंदर कहानी बनती है  || 

 

Thursday, September 25, 2025

SHURUAAT ( JIVAN )

 

                                    शुरुआत 

 

दूजों के दर्द समझो ,या ना समझो , कोई बात नहीं ,

दूजों की मदद करो , या ना करो , कोई बात नहीं ,

दूजों से मीठा बोलो , या ना बोलो , कोई बात नहीं ,

दूजों से कड़वा ना बोलो ,

उनकी परेशानियाँ और दर्द बढ़ाओ मत  || 

 

यही सीधा और सरल रास्ता है , जिंदगी बिताने का ,

 तो यही रास्ता अपना लो दोस्तों , इसी पर चलते जाओ ,

दूजों की नहीं तो , अपनी मुस्कानें तो बढ़ाओ ,

तुम्हारी मुस्कान से ही , दुनिया मुस्कुराएगी  || 

 

तो दोस्तों , मुस्कुरा दो दुनिया को , 

सबके जीवन को दोस्तों ,

सभी के जीवन में खिलखिलाहटें भर दो ,

तो जल्दी से शुरुआत करो दोस्तों   || 

 

Wednesday, September 24, 2025

CHAMAN ( KSHANIKAA )

 

                                         चमन 

 

अपनों से अपनापन ना मिले , तो भी मुस्कुराते रहिए ,

जिंदगी की जंग तो , मुस्कुराकर ही जीती जाएगी दोस्तों  || 

 

किसी की कड़वी बातों को , दिल में मत बसाइए ,

दिल में बसने वाली कड़वी बातों से ,

चेहरे की रौनक चली जाएगी दोस्तों  ||  

 

किसी  के कड़वे बोलों का  , कड़वा घूँट निगल जाइए ,

तभी तो दोस्तों आपकी जिंदगी , 

एक सुंदर सी मुस्कराहट बन पाएगी  || 

 

जो तुमसे प्यार करते हैं , उनका साथ बनाए रखिए ,

वही तो तुम्हारे अपने हैं ,

उन्हीं से जिंदगी अपनापन पाएगी दोस्तों  || 

 

किसी की मुस्कान का , खुद  को कारण तो बनाइए ,

तभी तो तुम्हारी जिंदगी ,

महकता हुआ चमन बन जाएगी दोस्तों   || 

 

Tuesday, September 23, 2025

PADHAAI ( KSHANIKAA )

   

                                   पढ़ाई 

 

जिंदगी के विद्यालय में , बहुत कुछ पढ़ लिया है दोस्तों ,

कुछ तो विद्यालय में सीखा , कुछ पढ़ा रिश्तों में ,

जमा ( + ) ,घटा  ( - ) , गुणा  ( x ) और भाग  ( -:- )  , 

पढ़ाए गुरुओं ने , गुरुओं का था अलग तरीका , अलग ही उत्तर ,

मगर रिश्तों ने सिखाया ,जो था बिल्कुल अलग दोस्तों  || 

 

गुरुओं के अनुसार , जमा और गुणा करने में ,

हम सीढ़ी चढ़ जाते थे ,

सीढ़ी उतरना था , घटा और भाग करने में दोस्तों ,

मगर रिश्तों ने , हर जगह ही हमें सीढ़ी से उतार दिया ,

हमें समझ नहीं आया , कि हम कहाँ सही थे ? कहाँ गलत  ?? 

 

Monday, September 22, 2025

AAENGEY ( KSHANIKAA )

 

                           आएँगे  

 

ये है दोस्तों की महफिल , खिलखिलाहटों की महफिल ,

कहकहों की नदिया में तैरती , मुस्कानों को समेटती ,

हमारी अपनी कश्ती , जिसमें पतवार थी दोस्ती की ,

जो नफरत की मँझधार से , कश्ती को थी बचाती   || 

 

आ जाओ तुम सभी दोस्तों , बैठो मेरी कश्ती में ,

मुस्कुराहटें बिखरेंगी , गीत सजेंगे , कहकहे लगेंगे ,

तभी तो जीवन सुंदर बनेगा , जग मुस्कुराहटों से महकेगा  || 

 

 समय को वापस लौटा सको तो,दोस्तों को साथ ला सको तो , 

कहकहों का सहारा लो , आवाजों को ऊँचा करो ,

बार - बार पुकारोगे तो , सभी दोस्त आएँगे ,दोस्त आएँगे  || 

 

Saturday, September 20, 2025

EIK MUTTHI AASMAAN ( GEET )

 

                           एक मुट्ठी आसमान 

 

हर कोई चाहता है , एक मुट्ठी आसमान ,

एक नन्हीं सी मुस्कान , 

अपनी बाहों में भरना , पूरा आसमान ,आँखों में चमकान ,  

अपने पंखों से उड़कर , छूना आसमान ,

बच्चों सी चमकती किलकान   || 

 

तारों को भरना , अपने आँचल में , उस में हो चमकान ,

पवन उड़ाएगी , जब मेरा आँचल ,

उसमें आएगी पवन की उड़ान , पवन संग डोलेगा ,

जब मेरा आँचल , लेकर पवन की उड़ान  || 

 

बोल जब निकलेंगे , मेरे होठों से , मीठे बोलों की मुस्कान ,

उन मीठे बोलों से मिल , गीत बन जाएँगे , 

होठों फैलाएँगे मुस्कान , उन्हीं गीतों की ,

गुनगुनाहट से , दिल भी पाएँगे मीठी मुस्कान   || 

 

Friday, September 19, 2025

BRAHMAAND ( KSHANIKAA )

 

                         ब्रह्मांड 

 

बनाया ब्रह्मा जी ने ब्रह्मांड , अनगिनत गोले उसमें छोड़े ,

शक्ति  से भरे  हुए गोले , दूर जा - जाकर वो घूमे ,

केंद्र बन गए वो सब गोले , चारों तरफ और भी गोले घूमे ,

आग के गोले थे ये सब , शक्ति के पुंज थे ये गोले   || 

 

और कुछ - कुछ गोले आए , इनके चारों तरफ घूमे ,

 इन्हीं गोलों में  से कुछ पर  , सृजन हार ने जीवन उपजाया ,

हमारी धरा है एक वही गोला , जिस पर हम - तुम हैं बंधु  || 

 

मानव - मस्तिष्क में ज्ञान भरा , जिससे  जुटाईं सुविधा मानव ने  ,

धरा के चारों ओर घूमते , चाँद पे मानव पहुँच गया ,

धरा चक्कर जिस सूर्य  का  , लगा रही उसको जान गया  ,

कदम - दर - कदम मानव बढ़ता जा रहा , 

ब्रह्मांड के कुछ राज जान गया ,

ब्रह्मांड में हस्तक्षेप भी किया , ब्रह्मांड में गूँजता नाद भी सुना  ,

क्या ब्रह्मांड की सारी , शक्ति को जान पाएगा मानव   ?? 

 

Thursday, September 18, 2025

JIVAN KAA SAAR ( SAMAJIK )

 

                        जीवन का सार 

 

शिक्षा मिलती हर कदम , कदम अपने बढ़ाओ तो ,

कदम के नीचे की मिट्टी , देती कदमों को सहारा ,

ना हो मिट्टी , तो फिसल जाओगे तुम  || 

 

छोटी - छोटी  घास भी , मिट्टी को सहारा देती ,

मिट्टी नहीं हो तो , घास नहीं उगेगी ,

घास नहीं होगी , तो मिट्टी बह जाएगी ,

यही तो जीवन का , सार है दोस्तों  || 

 

प्रकृति हमारे , जीवन का आधार है ,

हमारी साँसों के लिए , वायु चाहिए , 

साफ व  शुद्ध वायु , पेड़ों से मिलती है ,

हमें पेड़ लगा कर  , प्रकृति को बचाना चाहिए ,

पेड़ों से ही , जीवन - यापन के लिए ,

सभी कुछ मिलता है , तो हमें पेड़ लगाने चाहिए  || 

 

तो आओ दोस्तों , हम प्रकृति का दोस्त बन जाते हैं ,

पेड़ लगा कर प्रकृति को बचाते हैं ,

धरा के वातावरण को , स्वच्छ और सुंदर बनाते हैं ,

तो फिर देर किस बात की  ?

मिलकर धरा से मिले हुए , खजाने के लिए धरा का ,

धन्यवाद करते हुए , अपने कार्य में जुट जाते हैं ,

और पेड़ लगाते हैं , पेड़ लगाते हैं  || 

 

Wednesday, September 17, 2025

SAANSEN ( JIVAN )

 

                               साँसें 

 

हमारे बोलों पे लगा कर ताले , 

चाबी किसी ने चुरा ली यारों ,

अब क्या बोलें हम यारों  ?

कर सको अगर तुम कोशिश ,

दिखा सको गर कोई रास्ता हमको  ?तो दिखा दो यारों   || 

 

बोल तो हमारे दब गए यारों ,

पिंजरे में कैद होकर के ,

उन दूजों की चिल्लाहट में ,

और हमारी चुप्पी में ,

समय तो चलता जाता है यारों , अपनी रवानगी में   || 

 

समय के साथ ही जिंदगी भी ,

बहती जाती है यारों ,

जो समय हमें मिला है जीने के लिए , 

वह तो चलेगा ही यारों  ,

उसी के साथ - साथ हमारी , साँसें भी चलेंगी यारों  || 

 

Tuesday, September 16, 2025

MERI BAARII ( AADHYAATMIK )

 

                                मेरी बारी 

 

आज इस संसार में , हम तो जैसे खड़े हैं एक पंक्ति में ,

कब सपने पूरे होंगे ? जो हमने सोते - जागते देखे  ,

कब मुस्कानें होठों पर सजेंगी ? दोस्तों के साथ में    ||  

 

सपनों को पूरा करने के लिए , मेहनत भी की हमने ,

मुस्कानें सजाने के लिए , कोशिशें भी कीं हमने  ,

मगर अभी तक तो हम , कर ना पाए कुछ भी  || 

 

कान्हा तुम सब का साथ , देते हो ना बोलो ,

तो मेरी बारी कब की है  ?  बोलो , बोलो , बताओ ना ,

जल्दी से मेरी बारी लाओ ना   || 

 

Monday, September 15, 2025

MITHAAS APNEPAN KII ( KSHANIKAA )

 

                 मिठास अपनेपन की 

 

जिंदगी छोटी है दोस्तों , मुस्कानों में गुजार लो  ,

कीमत इसकी ना , किसी से उधार लो ,

रंगों से अपना जीवन , संवार लो ,

कभी - कभी तो सभी दोस्तों को , पुकार लो   || 

 

जिंदगी में दोस्त , पास रहें या दूर ,

कोई फर्क नहीं , पड़ता है हुजूर  ,

मिलते रहें  या , लंबे समय तक ना मिलें  ,

 अहसास कायम रहना चाहिए जरूर , यही जिंदगी है  || 

 

छोटी सी जिंदगी में , कड़वाहट ना आए कभी ,

अपनेपन की मिठास को , जिंदगी में घोले रखना ,

पूरी जिंदगी में इसी मिठास से ,

होठों पर मुस्कानें खिली रहेंगी  ,

तभी तो जिंदगी भी , मुस्कुराएगी , खिलखिलाएगी जरूर   || 

 

Sunday, September 14, 2025

PYAAR KE FOOL ( JIVAN )

 

                                 प्यार के फूल  

 

जिंदगी एक गुलदस्ता है , 

जिसमें कई तरह के फूल सजे हैं  , 

कुछ फूल प्यार  के हैं , जो जिंदगी को महकाते हैं ,

कुछ फूल विश्वास के हैं , जो जिंदगी को चहकाते हैं ,

आपने कौन से फूल , सजाए हैं दोस्तों  ??

 

आपने तो बहुत से फूल , 

तमन्नाओं के सजा लिए दोस्तों  ,

उनसे तो गुलदस्ता जिंदगी का , महक नहीं पाएगा ,

उनसे तो गुलदस्ता जिंदगी का ,अपनी राह भटक जाएगा , 

तो ले आओ उसे , सही राह पर दोस्तों   || 

 

दिन में एक बार ,अपने दिल में झाँक कर जरूर देखो ,

तब तुम जान पाओगे , दिल  में  क्या  सजा है दोस्तों   ?

दिल कभी गलत नहीं कहता , दिल सही फैसला लेता है दोस्तों ,

तो मानो दिल की  , प्यार और विश्वास में डूब जाओ दोस्तों   || 

 

Saturday, September 13, 2025

JAAN HAI HINDI ( DESH )

 

                          जान है हिंदी 

हिंदी दिवस की सभी को बधाई ---- 

 

हरियाली से लहलहाता भारत ,

खिलती हुई होठों की मुस्कान , 

सभी के दिल नाच उठे , सुन करके हिंदी की तान   || 

 

हिंदी नहीं है केवल भाषा एक , 

ये है सबके दिलों का गान ,

रुको दोस्तों ,सोचो और समझो ,बढ़ा लो हिंदी का मान  || 

 

भारत - माता के माथे की बिंदी ,हिंदी है भई हिंदी ,

जीवन भर की  सारी खुशियाँ , लाएगी दिल में हिंदी  || 

 

दिल में हिंदी ,जीवन में हिंदी , घर - आँगन में हिंदी ,

शहर - शहर में हिंदी , पूरे देश में हिंदी ,

सबकी जान है हिंदी , सबकी जान है हिंदी  || 

 

Friday, September 12, 2025

AHSAAS ( JIVAN )

 

                       अहसास 

 

जिंदगी सादी और सच्ची है , तो क्या लाभ है  ?

सजावट की जरूरत नहीं है दोस्तों  ,

जिंदगी में कर्म कर रहे हो तुम ,

दूसरों की मुस्कान के लिए , यही  कर्म है दोस्तों ,

सत्कर्मों से ही ईश्वर प्रसन्न होंगे , 

और तुम्हें आशीर्वाद देंगे दोस्तों   || 

 

राज मत रखो दुनिया से , 

कि तुम्हारे दोस्त ही  , ना बन पाएँ  दोस्तों ,

मगर खुली किताब भी , ना बन जाओ दोस्तों  ,

कि पढ़ कर सब रद्दी में डाल दें दोस्तों   || 

 

कुछ अहसास जमा कर लो दोस्तों ,

यही तो सच्ची और अच्छी यादें हैं  ,

दिल में अहसास मीठे होंगे ,

तो दिल शांत और सुंदर रहेगा ,

जिंदगी सुखपूर्वक ही बीत जाएगी , 

मुस्कानें खिल जाएँगी ,

तो उन मुस्कानों को खिला लो दोस्तों   || 

 

Thursday, September 11, 2025

JINDGII ? ( KSHANIKAA )

 

                            जिंदगी  ?

 

जिंदगी क्या है दोस्तों   ? 

दिल के गम को छिपाती मुस्कान  ?

आँसू में नहाती हुई मुस्कान  ? गमों में डूबे गीतों की तान  ? 

 

जिंदगी क्या है दोस्तों   ?

चमन में खिला एक फूल  ?

फूलों से बहती हुई महक ? इन्हीं महकों से महकता हुआ जहां  ?

 

 जिंदगी क्या है  दोस्तों   ?

बहती हुई शीतल पवन  ? 

मेघों को साथ लाती हुई पवन  ? या आँधी बन सब कुछ उड़ाती  ?

 

जिंदगी क्या है दोस्तों  ? 

जल - कणों  से   भरी बदली ?

रिमझिम बरखा बरसाती बदली ? मूसलाधार बारिश लाती बदली  ?

 

Wednesday, September 10, 2025

ANTAR ( HRIDAY ) (JIVAN )

 

                          अंतर  ( ह्रदय  )

 

ज्ञान का अर्थ क्या है  ? सभी तरह की जानकारी होना ,

सारी जानकारी ग्रहण करना ही , ज्ञानी नहीं बना देता ,

कुछ नजर - अंदाज करने पर भी , इंसान ज्ञानी बनता है ,

ज्ञान का यही अर्थ है दोस्तों   || 

 

अपने अंतर को , अपनी  सोच को , स्वच्छ और स्वस्थ रखो ,

तभी तो पूर्ण स्वास्थ्य पाओगे दोस्तों  ,

सोच और अंतर सुंदर होगा , तभी तो सुंदर जीवन होगा ,

नदिया और सागर में कश्तियाँ ,

 अंदर के पानी से ही डूबती हैं दोस्तों ,

यदि सोच और अंतर सुंदर नहीं ,

 हमारा जीवन कभी सुंदर नहीं होगा दोस्तों   || 

 

कोई भी रिश्ता बनाते हुए , धीरे - धीरे कदम बढ़ाओ ,

धीरे से पनपते रिश्ते ही , सुंदर बन जाते हैं दोस्तों  || 

 

Tuesday, September 9, 2025

VAKT KII CHAAL ( JIVAN )

 

                      वक्त की चाल 

 

वक्त चल रहा है दोस्तों  ,  अपनी निश्चित चाल से ,

ना बहुत तेज , ना बहुत धीरे , बस वक्त रुकता नहीं है ,

कोई भी वक्त को , रोक नहीं सकता है दोस्तों   || 

 

क्या आपने कोशिश की है दोस्तों  ? 

वक्त को रोकने की , क्या आप सफल हुए  ? 

नहीं ना , कोई सफल नहीं हो सकता ,

ईश्वर जो इस दुनिया के रचेता हैं , और इसे चलाते हैं ,

वह भी वक्त की , गति को नहीं रोक सकते   || 

 

तो चलने देते हैं , वक्त की उसी चाल को ,

जिस चाल से वह चल रहा है , चलिए उसी चाल से ,

हम भी उसी चाल से , चलने  कोशिश करते हैं ,

हो सकता है हमारी कोशिश ,कामयाब हो जाए दोस्तों ,

और हम वक्त के साथ - साथ बिना थके चल पाएँ   || 

 

Monday, September 8, 2025

HAMAARAA AAJ ( JIVAN )

 

                               हमारा  आज 

 

तुमने जो पुकारा हमको , हम चले आए ,

हमारे जीवन में तुमने , बहुत फूल खिलाए ,

वो फूल हमारे जीवन को , खुश्बुओं से महकाएँ ,

तभी तो हम भी दोस्तों , हरदम मुस्कुराएँ  || 

 

ईश्वर के दिए जीवन को , हम प्यार से बिताएँ ,

दोस्तों  संग महफिल में , मिल के खिलखिलाएँ  ,

दुनिया के सभी रंगों  को  , जीवन में उतार पाएँ  ,

उसी प्यार की गठरी को हम , लेकर महफिल में आए  || 

 

कर्म हम हरदम करते ,मुस्कानों को एकत्र करके ,

दिल में उन सभी को भरके , हम आज आ गए ,

प्यार में डूबते - डूबते ही , हम  आज आ गए   || 

 

Sunday, September 7, 2025

EIKAAGRATAA ( KSHANIKAA )

 

                                      एकाग्रता 

 

कौन समझ सकता है , सच और झूठ को अलग - अलग  ?

अपनी आँखें बंद करके , अंदर तो झाँक लो यारों ,

दूसरे की भावनाओं और शब्दों , को अलग तो रख लो यारों  ||  

 

सफलता की पोशाक , आसानी  से नहीं मिल सकती ,

उस  पोशाक को पाने के लिए  ,कड़ी मेहनत चाहिए ,

इसलिए मेहनत करने में , पूरी शक्ति लगा दो यारों   || 

 

जिंदगी की राह में , रोशनी हो या अँधेरा ,

चलते - चलते राहों पर , बढ़ चलो और ,

इसी तरह तुम अपनी - अपनी , मंजिल को पा जाओ यारों  || 

 

सही निशाना साधने के लिए , एकाग्रता जरूरी है ,

अर्जुन की तरह , निशाना तो लगाओ यारों ,

और हर सफलता , पा जाओ यारों   || 

 

Saturday, September 6, 2025

AGALEY BARAS FIR ( AADHYAATMIK )

 

                     अगले बरस फिर 

 

गणपति बप्पा आए , बहुत सी खुशियाँ लाए ,

सभी के होठों पर , मुस्कानें वो लाए ,

सभी पर तो उन्होंने , आशीर्वाद बरसाए ,

सभी ने बप्पा के लिए , सुंदर पंडाल सजाए   || 

 

भक्तों ने बप्पा पर , भक्ति - भाव बरसाए ,

भक्तों ने बप्पा को , मोदक के भोग लगाए ,

बप्पा  का  मनोरंजन करने , भिन्न प्रोग्राम कराए ,

सबको देख - देख कर , बप्पा भी मुस्काए   || 

 

समय बीतता गया , बप्पा चल दिए अपने धाम ,

बप्पा के जाने से ,आँखों में आँसू आए  ,

साथ ही गगन के बदरा ने भी ,  खूब ही जल बरसाए ,

मत शोक मनाओ दोस्तों ,बप्पा अगले बरस फिर आएँगे ,

बप्पा आएँगे ,  बप्पा आएँगे  || 

 

Friday, September 5, 2025

BADLAAV KEY LIEY ( JIVAN )

 

                              बदलाव के लिए 

 

रंग जिंदगी के बदल गए हैं , मुस्कानें खो गईं हैं ,

फीका सा रंग आ गया है , चटकीले रंग धुल गए हैं  ,

खिलखिलाहटें दब गईं हैं , दोस्त दूर हो गए हैं   || 

 

रीता हो गया है दिल का प्याला ,

कोई सोच बाकी नहीं है ,

धड़कनें धीमी - धीमी राह पर हैं ,

 कोई भी चाह नहीं है ,

रिश्तों की आहटें गुम हो गईं हैं , 

कोई रिश्ता मीठा नहीं है   || 

 

कोई उपाय तो होगा , इस सबको बदलने का ,

कोई राह तो होगी , आगे बढ़ने के लिए ,

तो चलो कोशिश करते हैं , बदलाव के लिए   || 

 

Thursday, September 4, 2025

CHAMAK ( CHANDRAMAA )

 

                             चमक 

 

आ री चंदनिया नीचे उतर कर , छिप जा मेरे आँचल में ,

मेरा आँचल छिपा तो लेगा तुझे , 

पर तेरी चमक तो छनकर बाहर आएगी , 

चमक देगी सारे जग को , भेद को खोल ही जाएगी   || 

 

चंदनिया तू तो चाँद की है प्यारी , चमक है तेरी न्यारी  ,

आ जा उतर आ नीचे , रहेंगे मिल के हम साथ - साथ ,

तू मुस्कानें बिखरा कर , चमकाना सारे जग को  || 

 

गगन से उतरती जब नीचे , धरा भी तो मुस्का जाती ,

मानो पूरी धरा भी , चाँदी सी चमक में नहा जाती ,

तभी तो धरा भी तेरे , समान ही चमक पा जाती    || 

 

Wednesday, September 3, 2025

RISHTEY ( JIVAN )

 

                                    रिश्ते 

 

रिश्तों की संख्या बढ़ाने की , क्या जरूरत है दोस्तों   ?

रिश्ते कुछ कम हों , मगर गहरे हों , ऐसा सोचियेगा  ,

ऐसे ही चाय से कप पूरा ना भरा हो , तो कोई बात नहीं  ,

मगर चाय कड़क और गर्म हो , तभी स्वाद मिलेगा   || 

 

सबसे सुंदर रिश्ता तो , दोस्ती का है दोस्तों  ,

उसे ही प्यार से , सजाए रखो दोस्तों  ,

जिंदगी में दोस्त को ही , हम चुन सकते हैं ,

यही ईश्वर की , दी हुई नियामत है  || 

 

सच्चे दिल से बनाए रिश्ते तुम ,

सच्चे दिल से सजाए रखिए ,

तभी रिश्तों की गाड़ी , सरलता से चलती जाएगी  || 

 

Tuesday, September 2, 2025

NAJAARAA SAAVAN KAA ( JALAD AA )

 

                               नजारा  सावन  का 

 

सावन का महीना , रिमझिम - रिमझिम बरखा आई ,

पवन अपने संग , बदरा को उड़ाकर लाई  ,

घन - घन करते बदरा के बीच , दामिनी की चमकार आई ,

घनघोर ,मूसलाधार बरखा से , राहों में नदिया बह आई   || 

 

बचपन के पैर बढ़े , दौड़े  पहुँचे उस धारा में ,

बनीं कश्तियाँ कागज की , खूब ही बच्चों ने तैराईं  ,

गगना में उड़ते बदरा ने , जब यह नजारा देखा ,

तो खुशी से उसने बरखा की , गति और बढ़ाई   || 

 

बदरा की खुशी में गगना ने भी , अपने अँगना में खुशी मनाई ,

दामिनी की कड़क यूँ सुनाई दी , मानो बज उठी हो शहनाई ,

ये सावन का नजारा है भई , सावन का नजारा है भई   || 

 

Monday, September 1, 2025

ADHOORAA PYAAR ( AADHYAATMIK )

 

                         अधूरा प्यार 

 

प्यार हर किसी का पूरा नहीं होता ,

अधूरे प्यार की कहानियाँ , आज हम सुनाते हैं , 

राधा और कृष्ण का प्यार रहा अधूरा था ,

दोनों ही एक दूसरे को पा नहीं सके ,

जब विधाता का ये हाल है , तो हम क्या हैं दोस्तों  || 

 

बहुत से मानव अपने प्यार को ,

अधूरा छोड़कर ही दुनिया से चले गए ,

हम क्या उनका नाम लें  ?

राम और सीता के जीवन की ,कहानी सभी को पता है ,

दोनों ही अलग - अलग , प्यार की आग में झुलसते रहे ,

सीता ने अंत  किया धरती में समा कर ,

देवों के इस हाल से , हम क्या सीख  सकते हैं दोस्तों  ?? 

 

हम भी प्यार के सागर में डूबे हैं दोस्तों ,

हमारा प्यार अधूरा तो नहीं है दोस्तों ,

पर क्या ये अपनी पूर्णता को प्राप्त करेगा  ?

या नहीं करेगा   ?  कौन देगा जवाब दोस्तों   ??  

 

Sunday, August 31, 2025

ROOH ( RATNAAKAR )

 

                              रूह 

 

रत्नाकर के द्वार जब , हम पहुँचे दोस्तों ,

लहरें उसकी उछलती हुईं  , तब आईं  दोस्तों ,

पकड़कर हाथ हमारा ले चलीं , सागर के घर ,

और दोस्तों हम तो पानी से हुए , तर - बतर   ||  

 

लहरों का वो सुरीला संगीत , 

वो खिलखिलाते गीत उनके , प्यार में डूबे ,

सागर के भेजे संदेस ने , दिल के फूल खिलाए ,

उन्हीं ने हमें जीने के , अर्थ  सभी समझाए  || 

 

लहरों के साथ खेलकर , जो वक्त बीता ,

वही तो दे गया हमें खुशियाँ , पाने का तरीका ,

वो खुशियाँ जो जीवन में , मुस्कान ले आईं ,

वो खुशियाँ जो हमें , जीना सिखा गईं   || 

 

सागर और उसकी लहरें , हमारे दोस्त हैं  ,

उनके मीठे गीत ही तो , होठों की मुस्कान हैं ,

उनका संगीत तो हमारी , रूह में  उतर गया है ,

रूह में उतर गया है  || 

 

Thursday, August 28, 2025

KHWAAB PANKHON KE ( JIVAN )

 

                             ख्वाब पंखों के 

 

ये है ख्वाबों  की दुनिया , मुरादों की दुनिया ,

उन ख्वाबों में मिले , जो पंख मुझे , वो लगाकर ,

उड़ने लगी हूँ मैं , उस नील ऊँचे गगन में ,

जहाँ परिंदे हमेशा , उड़ते रहते  हैं   || 

 

पवन के संग उड़ते - उड़ते ,गगना के अँगना में  ,

पंखों का सहारा लेकर , ख्वाबों का सहारा लेकर ,

मैंने छुआ गगन को , तो ख्वाब हुए पूरे  || 

 

आज भी उन ख्वाबों की , ताबीर मेरे साथ है ,

सच्चाई मेरे साथ है , यादें मेरे साथ हैं ,

तो ख्वाबों को हमेशा , थामे रहो दोस्तों ,

यादों के धागों से , उन्हें बाँधे रहो दोस्तों  || 

 

BACHAAV ( SAMAJIK )

 

                          बचाव 

 

किसी गीतकार के सच से , ओतप्रोत शब्द थे ,

" मतलब निकल गया है ,तो  पहचानते नहीं ,"

 आज दुनिया  में ऐसे ही , लोगों की संख्या अधिक है ,

मतलब के लिए लोग पैर पूजते हैं  ,

मगर बाद में धिक्कारते हैं ,

तो सावधान रहो दोस्तों , ऐसे लोगों से दूर रहो दोस्तों   || 

 

आज साइबर क्राइम के युग में , कहा जाता है ,

" सावधानी ही बचाव है ," ऐसे ही मतलबियों के युग में ,

मेरा यही कहना है , " सावधानी ही बचाव है  ,"

आपकी सुरक्षा का , यही एक रास्ता है ,

तो यही रास्ता अपनाओ , और अपना बचाव करो दोस्तों  || 

 

Tuesday, August 26, 2025

BAPPAA MERE ( AADHYAATMIK )

 

                                    बप्पा मेरे 

 

आओ बप्पा आओ ना , मेरे घर में आओ ना ,

दर्शन देकर हमको भी , भाग्यशाली बनाओ ना ,

लड्डू मैंने बहुत बनाए , मेरी मेहनत सफल बनाओ ना ,

लड्डू का भोग लगाओ ना , तुम तो भोग लगाओ ना  || 

 

बप्पा तुम तो दोस्त मेरे , अपना प्यार दिखाओ ना ,

मेरे घर में बस जाओ , मेरा जीवन सफल बनाओ ना ,

आशीष अपना हम पर ,तुम बरसाओ ना ,

भवसागर पार करवाओ ना , भवसागर पार करवाओ ना  || 

 

दिया है जो जीवन तुमने , उसको पार करवाओ ना ,

मेरे घर में आओ ना , हम पे आशीष बरसाओ ना  || 

 

Monday, August 25, 2025

SWARNIM YUG ( KSHANIKAA )

 

                              स्वर्णिम  युग 

 

प्यार ही जिंदगी है , प्यार ही बंदगी है ,

प्यार की धारा में बहते जाओ,प्यार ही अमर खुशी है ,

मुस्कानों की डोर में , पिरो लो प्यार को ,

इनसे बनी माला ही तो , जीवन की हर खुशी है  || 

 

 प्यार पंछी की तान में है , प्यार नदिया के गान में है ,

झरनों में प्यार बहता , वेगवान होकर  बहता ,

तुम  भी बह चलो दोस्तों ,

 प्यार  मीरा का कृष्ण को समर्पित ,

प्यार राधा का कान्हा को अर्पित ,

तुम भी सभी से कर लो , प्यार को ह्रदय में भर लो   || 

 

प्यार अंजुरी में भर कर , बाँटते जाओ पूरे जग में ,

मानवता जी उठेगी , मुस्कानें सज उठेंगी पूरे जग में ,

कान्हा भी अवतरित हो ,सखा बन जाएँगे सभी के ,

स्वर्णिम युग आ जाएगा , इस जग में ,

हर कण इस जग का , खिलखिलाएगा , कहकहे लगाएगा  || 

 

Sunday, August 24, 2025

AATMVISHWAAS ( JIVAN )

 

                           आत्मविश्वास 

 

मेहनत जब हमने की , तो आत्मविश्वास हमारे पास आया ,

उसी आत्मविश्वास ने , मेहनत के मार्ग को आसान बनाया ,

अब हमारे पास मेहनत और , 

आत्मविश्वास दोनों का खजाना है   || 

 

खजाना मुस्कान का   ,

उसी को भेजो दोस्तों , जो आँसू पोंछ गया ,

वही तो उस खजाने को , संभालने लायक है दोस्तों ,

उसके पास ही मुस्कान का खजाना , सुरक्षित रहेगा दोस्तों  || 

 

कहावत है ," नेकी कर और दरिया में डाल ,"

तो नेकी करते जाओ दोस्तों ,

और दरिया में डाल कर भूल जाओ ,

यही नेकियाँ तो कश्ती बनकर , सभी तूफानों से बचाएँगी ,

भवसागर पार कराकर , तुम्हें परमधाम पहुँचाएँगी   || 

 

Friday, August 22, 2025

KOSHISHEN ( KSHANIKAA )

 

                          कोशिशें 

 

धरा ने मुस्का कर गगन को पुकारा , गगन भी मुस्काया ,

गगन में रहने वालों ने भी , धरा को दोस्त कहकर पुकारा ,

इस दोस्त पार्टी में बहुत से सदस्य थे , जो अब खुश थे   || 

 

दोस्तों , इन सब दोस्तों को ,

मिलने में रुकावटें बहुत आईं ,

गगन और उसके साथी नीचे उतर कर ,

धरा और उसके साथियों से मिलने के लिए ,

मगर सभी सदस्य ,

खुशी - खुशी कोशिश कर रहे थे    ||  

 

धरा और उसके साथियों ने भी ,

गगन तक पहुँचने की बहुत कोशिशें कीं  ,

मगर असफलता ही हाथ लगी ,

मगर सभी की  कोशिशें जारी थीं   || 

 

तो दोस्तों मिलने की कोशिशें ,जारी रहनी चाहिएँ  ,

 सफलता मिले या असफलता , कोशिशें जरूरी हैं   || 

 

Thursday, August 21, 2025

VIDHAAN VIDHII KAA ( AADHYAATMIK )

 

                        विधान विधि का 

 

जीवन में जो मिला है , वह अच्छा है ,

जो नहीं मिला , वह भी अच्छा है ,

सब्र कर ऐ - बंदे , ईश्वर कहता  है ,

जो तुझे मिला है , वो   तेरे लिए अच्छा है ,

जो नहीं मिला है   , वो तेरे लिए अच्छा नहीं है  ,

मैं जानता हूँ तेरे लिए ,क्या अच्छा है और क्या नहीं  ?? 

 

तेरे जीवन में संघर्ष है , तो क्या हुआ  ?

मैंने भी तो कुरुक्षेत्र को , पार किया है  ,

तुझे मनचाहा नहीं मिला , तो क्या हुआ  ?

मैंने राधा को प्यार किया  , मगर रुक्मणी मिली ,

 मैं विधि के विधान को , बदल नहीं सकता ,

तो तू क्यों ऐसी , कोशिश करता है   ?? 

 

कर्मों की परिभाषा को , तू मत बदल ,

मैंने जो बनाई है ,उसी को मान ,

वही कर्म कर , जो मैंने सुझाए हैं ,

तभी  तो  तू  मेरे धाम आकर , मुझे पाएगा   || 

 

Wednesday, August 20, 2025

MAALAAMAAL ( JIVAN )

 

                              मालामाल 

 

किताबें कितनी ही पढ़ लो ,

 ज्ञान गुरु के द्वारा ही मिलता है ,

किताबों  में छिपे  ज्ञान को ,गुरु ही समझाता है ,

तो समझ लो ज्ञान को गुरु से , 

ध्यान लगा कर समझना   || 

 

ग्रंथों और वेदों को , पढ़ना आसान है दोस्तों ,

मगर की  वेदना को  , पढ़ना और समझना ,

बहुत मुश्किल है दोस्तों,जब किसी की वेदना को पढ़कर ,

समझ जाओगे तो तुम भी , ज्ञानी हो जाओगे दोस्तों  ||  

 

शब्दों से बने वाक्य को , तुम पढ़ तो लोगे दोस्तों ,

जब उसका अर्थ भी समझ लोगे , तो फायदा मिलेगा ,

उसे  ही लेकर ,मालामाल हो जाओ दोस्तों   || 

 

Tuesday, August 19, 2025

SOCH LO ( JIVAN )

 

                          सोच लो 

 

मत दुआ करो , सिर्फ अपनी खुशी की ,

दुआ करो , मानवता  की खुशी की  ,

ईश्वर तुम्हारी खुशियाँ ,

तुम्हें झोली भर कर देंगे , तो सोच लो जरा   || 

 

मत बुरा सोचो , किसी के लिए ,

मानवता में सभी के , बारे में बुरा नहीं ,

ईश्वर तुम्हारे साथ बिल्कुल भी , 

बुरा नहीं होने देंगे , तो सोच लो जरा   || 

 

दुनिया मुस्कुराएगी तो , हम सब भी मुस्कुराएँगे ,

सारा जीवन मुस्कुराएगा , मुस्कानों की मशीन से ,

उसे तेजी से चलाते जाओ ,

और जहां को मुस्कानों में , डुबकी लगवा दो ,

फिर देखो तुम्हारा दिल ,

 खिलखिलाएगा , कहकहे लगाएगा ,

तो चलो दोस्तों , अब कुछ मत सोचो ,

तो दोस्तों , कूद पड़ो मैदान में  ||  

Monday, August 18, 2025

INSAAN ( KSHANIKAA )

 

                                इंसान 

 

इंसान जब इंसानियत को समझेगा , 

तभी तो धरा पनपेगी ,

मानवता का पाठ पढ़कर उसे अपनाएगा ,

तभी तो धरा पनपेगी ,

पनपाओ इस धरा को , इंसान बनो तुम   || 

 

प्यार और मुस्कानों के साथ ही , 

तुम धरा  को सुंदर बनाओगे ,

यही तुम्हारे जीवन का उद्देश्य है ,

यही जीवन का सार है ,

तो सुंदर बना लो धरा को , इंसान बनो तुम  || 

 

मेल - जोल , भाई - चारा ही ,

प्यार और मुस्कानों की कुंजी है ,

इसी कुंजी से धरा की , सुंदरता का मार्ग खुलता है ,

तो तुम भी इस , इस कुंजी का उपयोग करो ,

इंसान बनो तुम , इंसान बनो तुम   || 

 

Sunday, August 17, 2025

SAFAR ( KSHANIKAA )

 

                               सफर 

 

जीवन के सफर में , दिल की बातें ,

दिल में ही कैद रह जाती हैं , 

होठों के रास्ते बाहर नहीं आने पातीं ,

क्योंकि कोई सुनने वाला नहीं होता ,

तो दोस्तों कोई तो हो ऐसा जीवन में ,

जो हमारे दिल की बातें सुने   || 

 

बातों को सुनकर उन्हें समझे ,

और अपने दिल की बातें मुझे सुनाए ,

खूब हँसे और मुझे भी हँसाए ,

मुस्कुराए , खिलखिलाए , कहकहे लगाए  || 

 

तभी तो दोस्तों जीवन का सफर , 

सुनहरा बन जाएगा  , जगमगाएगा ,

 और फिर जब खत्म होगा तो ,

जीवन दाता से मिलवाएगा   || 

 

Saturday, August 16, 2025

KAANHAA ( AADHYAATMIK )

 

                                    कान्हा 

 

हे कान्हा तुम मेरे साथ ही रहना , छोटा सा घर  मेरा ,

मेरा प्यार बहुत है कान्हा , उसको तुम अपनाए रहना ,

मैं हूँ कान्हा दोस्त तुम्हारी , तुम भी मेरे बनकर रहना  || 

 

मुरली की धुन लगती मीठी , उसको तुम बजाते रहना ,

हम सुनकर मुस्काते रहते , तुम भी तो मुस्काते रहना ,

जग वाले भी आते हैं  कान्हा , प्यार तुम्हारा पाने कान्हा  || 

 

राधा तो है सखि तुम्हारी , मीरा है भक्त तुम्हारी ,

क्या तुम सखि मुझे बनाओगे  ?  मुरली मुझे सुनाओगे  ?

ना मैं राधा , ना मैं मीरा , बस  मैं चाहूँ बनना सखि तुम्हारी  || 

 

यमुना तीरे मैं आई तो , क्या तुम मुझको मिल पाओगे  ?

अपनी मीठी  मुरली की धुन ,क्या तुम मुझे सुनाओगे  ?

अपनी मुस्कानों से कान्हा , क्या मेरी मुस्कान बढ़ाओगे  ?? 

 

Friday, August 15, 2025

JAI KANHAIYAA LAAL KII ( AADHYAATMIK )

 

                    जय कन्हैया लाल की 

 

नंद घर आनंद भयो , जय कन्हैया लाल की ,

कान्हा का जन्म भयो , जय कन्हैया लाल की ,

ग्वालों और ग्वालनों को , बहुत ही खुशी भई ,

सभी ने मिलकर कहा , " जय कन्हैया लाल की  "|| 

 

सभी आए अंदर , कान्हा को देखने ,

आई सबके होठों पर , मीठी -सी  एक मुस्कान ,

कान्हा भी मुस्काया , देख सभी की मुस्कान ,

गूँजी नन्हीं किलकारी , नंद - यशोदा के आँगन ,

सभी जोर से बोल पड़े , " जय कन्हैया लाल की  "|| 

 

" जय कन्हैया लाल की , जय कन्हैया लाल की  ",

" हाथी  घोड़ा पालकी , जय कन्हैया लाल की  " || 

 

SARHAD KE RAKSHAK ( DESH )

 

                              सरहद के रक्षक 

 

वीर जवानों तुम तो हो , देश की बगिया के सुंदर फूल ,

सभी  करते हैं तुमको , कोई नहीं गया है भूल ,

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम  रक्षक   || 

 

भक्षक को आने ना देते अंदर ,

रक्षा करते हो तुम जग - जग कर ,

तभी तो हम देशवासी ,चैन से सोते घर के अंदर  , 

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम रक्षक  || 

 

जान निछावर करते अपनी , भारत - माता के चरणों में ,

तभी तो भारत - माता तुमको , अपना आशीष है देती ,

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम रक्षक  || 

 

हमारे देश के वीर जवानों , तुमको प्रणाम हमारा ,

हमारा प्रणाम , हमारा प्रणाम ,स्वीकार करो हमारा प्रणाम ,

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम रक्षक   || 

 

Wednesday, August 13, 2025

VEER JAWAAN ( DESH )

 

                             वीर जवान 

 

मेरे वीर जवानों , तुम सरहद पर तैनात हो ,

तभी हम चैन से सो पाते हैं ,

देश भर चैन से रहता है ,

तुम्हारे शौर्य के साये में जीता है   || 

 

तुम्हारी वीरता सभी को जिलाती है ,

सभी तुम्हारी वीरता के गुण गाते हैं ,

अपनी जान की परवाह नहीं करके ,

दूजों की जान को बचाते हैं   || 

 

तुम तो अपने लहू से धरा सींचते ,

भारत माता की हँसी सींचते ,

तभी तो ये देश , उसकी धरा ,

उसका आकाश आज जीवित हैं  || 

 

हम कर्जदार हैं तुम्हारे वीरों ,

नहीं उतार सकते हैं ये कर्ज ,

काश हम कर्ज कम कर पाते , तुमको सहारा दे पाते ,

तो हम थोड़ा तो खुश हो पाते , खुश हो पाते   || 

 

Tuesday, August 12, 2025

AAWAAJ ( AADHYAATMIK )

 

                          आवाज 

 

दिल में जागते अनेक भाव ,

मायूसी , चिंता ,  वाले समय का रूप ,

मगर दोस्तों सबके लिए चिंता मत करो ,

आँखे बंद करके सोचो ,

दिल से एक आवाज आएगी ,

परमात्मा की , मैं तेरे साथ हूँ , आगे बढ़ ,

कुरुक्षेत्र से  तो मुझे भी गुजरना पड़ा था ,

हिम्मत कर  और लड़ इन  सब से   ||  

 

हिम्मत करेगा तो तू ही जीतेगा , 

मत सोच , कि क्या होगा   ? 

मेरा आशीर्वाद  तेरे साथ है  ,

जीवन मैंने दिया है , जो बिताना तूने  है ,

बस अच्छे कर्म किए जा , मेरा आशीष लिए जा ,

जीवन पूरा जिए जा , ना किसी का बुरा कर ,

ना किसी के लिए बुरा सोच , मैं हूँ तेरा दोस्त  || 

 

Monday, August 11, 2025

JAGVAALE ( KSHANIKAA )

 

                                 जगवाले 

 

ये दुनिया रंग - रंगीली बंधु , ये दुनिया रंग - रंगीली ,

अपने मतलब के लिए जगवाले , बोलते मीठी बोली ,

निकल जाने पर अपना मतलब , होती है कड़वी बोली  || 

 

साथ में रहकर भी , मतलब पालें , करें ना मीठी बात ,

साथ छूटने पर वही सब , उड़ाएँ उनका मजाक ,

जीवन रहते पूछें ना,कोई उनकी बात ,करते  हैं सब घात  || 

 

समय बीतने पर ही , ज्ञान होगा अपने कर्मों का ,

उसी समय अहसास जो होगा , वही उन्हें काटेगा ,

जीवन को उनके , दर्द में डुबा  ही देगा ,

पता नहीं तब हम , किस लोक में होंगे बंधु  ?? 

 

 

 

Sunday, August 10, 2025

YAADON KII NEENV ( KSHANIKAA )

 

                              यादों की नींव 

 

यादों ने हमें रोक लिया , बीते कल की गलियों में ,

जहाँ  हमारा बचपन खेला करता था , दोस्तों के बीच में ,

कितने खेल थे वहाँ  ?  कितने कहकहे थे वहाँ  ?

आज तो मुस्कुराहटें भी , दबी - दबी सी हैं   || 

 

आने वाले कभी बाद में , शामिल होंगे यादों में ,

समय बीतने पर हम उनको भी , बसाएँगे यादों में  ,

कल तो कल हैं दोस्तों , चाहे हों बीते या आने वाले ,

बस आज ही आज है दोस्तों , जो नहीं होगा यादों में  || 

 

यादों की अँगुली थाम कर हम , आज की सीढ़ी चढ़ पाए ,

तभी तो हम आज कह पाते हैं , यादों की नींव हमारी है ,

इसी पर आज हम खड़े हैं , दबे हुए मुस्कुराहटों में   || 

 

Saturday, August 9, 2025

BOLON SEY ( KSHANIKAA )

 

                             बोलों से 

 

सूरज की किरणें जब फैलीं , इस धरती के अँगना में ,

सारे पंछी गा उठे , उस गगना के अँगना में ,

सारा जीवन हुआ है मुखरित ,इस धरती के उपवन में ,

सुंदर सा जीवन मुस्काया , होठों की गुँजन में   ||  

 

जीवन उतरा जब धरा पर , प्रकृति भी मुस्काई ,

हरियाली भी छाई , फूलों ने खिल - खिल कर ,

चमन को रंगीन बनाया , आयीं तितलियाँ उड़ - उड़ कर ,

फूलों की खुश्बुओं ने  , इस जग को महकाया   || 

 

हुई साँझ जब , सूरज जब अपने घर को चला ,

लालिमा गगना में फैली , पंछी  भी लौट चले जब घर ,

धीरे - धीरे अँधियारा सा छाया ,चहक उठे सभी के घर ,

महक उठे बोलों से मिलकर   || 

 

Friday, August 8, 2025

KARTTAVYA ( JIVAN )

 

                           कर्त्तव्य 

 

दिल का प्यार ना समझे कोई , सोचे कर्त्तव्य है ये  ,

अपने हों या परिजन हों , सभी की ऐसी सोच है ये ,

 दुनिया की ये रीत है बंधु , सोच की अपनी सोच है ये  || 

 

कर्त्तव्य भी तो कोई नहीं निभाता , जरा निभा के तो देखो ,

दुनिया वालों जरा अपना कर्त्तव्य , निभा के तो देखो ,

निभाना कुछ भी आसान नहीं होता , जरा तुम देखो  || 

 

कर्त्तव्यों की राह पकड़नी , कोई फूलों की राह नहीं ,

ये काँटों भरी राह है , कोई आसान नहीं ,

चार कदम भी चल ना पाए , जरा चल के तो देखो   || 

 

Thursday, August 7, 2025

KADAM - TAAL ( KSHANIKAA )

 

                       कदम - ताल 

 

जीवन तो साँसों की डोरी , जिस में है धड़कन का राग ,

जो तुम जानो जीवन को , पा जाओगे जीवन का साज ,

कदम आगे बढ़ा लोगे , तो मिल जाएगा जीवन का राज   || 

 

डोरी बाँधे रखती जीवन , धड़कन से संगीत बजा ,

कदमों की आहट से बंधु , कदम - ताल का राग बजा ,

साँसों की आवत - जावत में , जीवन सारा बँधा  || 

 

साँसों से तो पलता  जीवन , जिससे सारा संसार चले ,

इस संसार में बंधु , मानव का ये प्यार पले  ,

इस सब को बचाकर रखो बंधु , इस जग की ना शाम ढले  ,

मानव का सुंदर सा जीवन ,बरसों - बरस चला चले   || 

 

 

Wednesday, August 6, 2025

JAAL ( KSHANIKAA )

 

                             जाल 

 

अपने ही दिल के कारण , 

हम फँस गए मजबूरियों के जाल में ,

अपने दिल ने प्यार का , एक संसार बना लिया ,

उसी में खुद को जंजीरों में , जकड़ लिया   || 

 

ये जंजीरें इतनी मजबूत थीं , कि तोड़ ना पाए हम ,

लम्हा - लम्हा उन जंजीरों में , फँसते चले गए हम ,

और एक भी कड़ी उनकी , 

ऐसी नहीं थी कि आजाद हो पाते हम   || 

 

तो दोस्तों अपने दिल को , इतनी आजादी मत दो ,

कि खुद ही कैदी ही बन जाओ तुम ,

तो पाओ अपनी आजादी ,

और पंछी की तरह उड़ते रहो तुम   || 

 

Tuesday, August 5, 2025

GUNGUNAA LO ( GEET )

 

                          गुनगुना लो 

 

दिल की गहराईयों में जो पनप रहा है , उसे पनपने दो ,

जो आँखों में बस रहा है , उसे बसने दो ,

शब्दों के भाव जो जग रहे हैं , उन्हें जगने दो   || 

 

शब्दों से रचते जा रहे हैं जो गीत , उन्हें रचने दो ,

उन गीतों को मीठे संगीत में पिरोने का ,काम करने दो ,

उन गीतों को जब मन करे तो तुम , उन्हें गुनगुना लो   ||  

 

हर भाव दुनिया से उतरता है जब दिल में , उसे उतरने दो ,

वो भाव दिल में उतरकर बस जाएँगे ,  तो बसने दो ,

उन्हीं भावों को याद करोगे तो मुस्कान आएगी ,उसे आने दो ,

मुस्कानों के खिलने से होंठ मुस्काएँगे , तो उन्हें मुस्काने दो  ||