Tuesday, September 30, 2025

NADII - SAAGAR ( RATNAAKAR )

 

                          नदी - सागर 

 

हिम पिघला तो जलधार  बनी , जलधार ने रूप बदला ,

नदिया दौड़ी मीठा जल लेके , जाकर मिल गई सागर में ,

सागर ने गले लगाया उसको , जल नमकीन बनाया उसका ,

साथ ही नदिया को उसने , रत्नों की खान बनाया   || 

 

नदिया ना बना सकी सागर के  पानी को मीठा ,

नदिया थी छोटी , बहुत छोटी , सागर था विशालकाय ,

अतुल जल का भंडार ,रत्नों का आकर ,मगर फिर भी नमकीन  || 

 

नदिया तो प्यास बुझाती सबकी , फसलों को हरा - भरा कर देती ,

सागर ना कर पाया ये सब , जल का अतुल भंडार होकर भी , 

ना प्यास बुझा पाए किसी की , ना फसल ही लहरा पाए   || 

 

Sunday, September 28, 2025

AASHISH DO ( AADHYAATMIK )

 

                               आशीष दो 

 

शिव - शंकर हो तुम , भोले नाथ हो तुम ,

 महेश्वर हो तुम  , गौरा पति हो तुम ,

कैलाश के निवासी , कभी तो उतरो धरा पर ,

आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम  || 

 

धरा तरसती तुम्हारे , चरणों की धूलि पाने ,

उसे माथ पर लगाने , उसे माथ पर लगाने ,

आओ , आओ ,अपनी चरण - धूलि  दो तुम ,

आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम  || 

 

आशीष को तुम्हारे , जन - जन है तरसता ,

एक छवि पाने को , हर भक्त है तरसता ,

 आओ , आओ अपनी , छवि तो दिखलाओ तुम ,

आशीष  दो ,आशीष दो , अपने भक्तों को तुम   || 

 

डमरु की आवाज हो ,गंगा तुम्हारे साथ हो ,

परिवार साथ लाओ , दर्शन हमें दे जाओ  ,

आओ ,आओ अपने , दर्शन तो दे जाओ तुम  ,

आशीष दो , आशीष दो , अपने भक्तों को तुम  || 

 

Saturday, September 27, 2025

ROOP TUMHARAA ( GEET )

 

                        रूप  तुम्हारा 

 

रूप तुम्हारा आँखों से पी लूँ ,

तुम जो कहो तो मर के भी जी लूँ  || 

 

कितने सुंदर बोल गीतकार के , 

अब आगे के बोल मेरे  ---- ,

चटखीं हैं कलियाँ , अपने चमन में ,

फैली है खुश्बु , अपने सहन में ,

तुम जो कहो तो , खुश्बु  मैं भेजूँ  ---- || 

 

छाए हैं बदरा , ऊपर गगन   में ,

बरसी है बरखा , अपने आँगन में ,

तुम जो कहो तो , रिमझिम मैं भेजूँ  ---- || 

 

चंदा है चमका , ऊँचे गगन में ,

फैली चंदनिया है , धरती गगन में  ,

तुम जो कहो तो , चाँदनी भेजूँ  ----  || 

 

Friday, September 26, 2025

MOD RAAHON KEY ( JIVAN )

 

                       मोड़ राहों के 

 

जिंदगी की राहों में चलते - चलते ,

कुछ पा लिया , कुछ खो गया ,

जो पा लिया ,उसने रोशन किया ,हमारे जीवन को ,

मगर जो खो गया ,उसकी कीमत ,

नहीं जान सके शुरु में हम , 

जब खो दिया उसको ,तो कीमत का पता चला हमको || 

 

हर राह अलग होती , हर मोड़ अलग होता ,

हर राह में अलग पाना , अलग खोना ,

हर मोड़ पर भी अलग पाना ,अलग खोना ,

यही तो जीवन की , सच्ची कहानी बनती है  || 

 

जो हमारे ही कर्मों , और हिम्मत से बनती है ,

चलो हिम्मत जुटा लें , कुछ कर्म कर लें ,

तभी तो जीवन की , सुंदर कहानी बनती है  || 

 

Thursday, September 25, 2025

SHURUAAT ( JIVAN )

 

                                    शुरुआत 

 

दूजों के दर्द समझो ,या ना समझो , कोई बात नहीं ,

दूजों की मदद करो , या ना करो , कोई बात नहीं ,

दूजों से मीठा बोलो , या ना बोलो , कोई बात नहीं ,

दूजों से कड़वा ना बोलो ,

उनकी परेशानियाँ और दर्द बढ़ाओ मत  || 

 

यही सीधा और सरल रास्ता है , जिंदगी बिताने का ,

 तो यही रास्ता अपना लो दोस्तों , इसी पर चलते जाओ ,

दूजों की नहीं तो , अपनी मुस्कानें तो बढ़ाओ ,

तुम्हारी मुस्कान से ही , दुनिया मुस्कुराएगी  || 

 

तो दोस्तों , मुस्कुरा दो दुनिया को , 

सबके जीवन को दोस्तों ,

सभी के जीवन में खिलखिलाहटें भर दो ,

तो जल्दी से शुरुआत करो दोस्तों   || 

 

Wednesday, September 24, 2025

CHAMAN ( KSHANIKAA )

 

                                         चमन 

 

अपनों से अपनापन ना मिले , तो भी मुस्कुराते रहिए ,

जिंदगी की जंग तो , मुस्कुराकर ही जीती जाएगी दोस्तों  || 

 

किसी की कड़वी बातों को , दिल में मत बसाइए ,

दिल में बसने वाली कड़वी बातों से ,

चेहरे की रौनक चली जाएगी दोस्तों  ||  

 

किसी  के कड़वे बोलों का  , कड़वा घूँट निगल जाइए ,

तभी तो दोस्तों आपकी जिंदगी , 

एक सुंदर सी मुस्कराहट बन पाएगी  || 

 

जो तुमसे प्यार करते हैं , उनका साथ बनाए रखिए ,

वही तो तुम्हारे अपने हैं ,

उन्हीं से जिंदगी अपनापन पाएगी दोस्तों  || 

 

किसी की मुस्कान का , खुद  को कारण तो बनाइए ,

तभी तो तुम्हारी जिंदगी ,

महकता हुआ चमन बन जाएगी दोस्तों   || 

 

Tuesday, September 23, 2025

PADHAAI ( KSHANIKAA )

   

                                   पढ़ाई 

 

जिंदगी के विद्यालय में , बहुत कुछ पढ़ लिया है दोस्तों ,

कुछ तो विद्यालय में सीखा , कुछ पढ़ा रिश्तों में ,

जमा ( + ) ,घटा  ( - ) , गुणा  ( x ) और भाग  ( -:- )  , 

पढ़ाए गुरुओं ने , गुरुओं का था अलग तरीका , अलग ही उत्तर ,

मगर रिश्तों ने सिखाया ,जो था बिल्कुल अलग दोस्तों  || 

 

गुरुओं के अनुसार , जमा और गुणा करने में ,

हम सीढ़ी चढ़ जाते थे ,

सीढ़ी उतरना था , घटा और भाग करने में दोस्तों ,

मगर रिश्तों ने , हर जगह ही हमें सीढ़ी से उतार दिया ,

हमें समझ नहीं आया , कि हम कहाँ सही थे ? कहाँ गलत  ?? 

 

Monday, September 22, 2025

AAENGEY ( KSHANIKAA )

 

                           आएँगे  

 

ये है दोस्तों की महफिल , खिलखिलाहटों की महफिल ,

कहकहों की नदिया में तैरती , मुस्कानों को समेटती ,

हमारी अपनी कश्ती , जिसमें पतवार थी दोस्ती की ,

जो नफरत की मँझधार से , कश्ती को थी बचाती   || 

 

आ जाओ तुम सभी दोस्तों , बैठो मेरी कश्ती में ,

मुस्कुराहटें बिखरेंगी , गीत सजेंगे , कहकहे लगेंगे ,

तभी तो जीवन सुंदर बनेगा , जग मुस्कुराहटों से महकेगा  || 

 

 समय को वापस लौटा सको तो,दोस्तों को साथ ला सको तो , 

कहकहों का सहारा लो , आवाजों को ऊँचा करो ,

बार - बार पुकारोगे तो , सभी दोस्त आएँगे ,दोस्त आएँगे  || 

 

Saturday, September 20, 2025

EIK MUTTHI AASMAAN ( GEET )

 

                           एक मुट्ठी आसमान 

 

हर कोई चाहता है , एक मुट्ठी आसमान ,

एक नन्हीं सी मुस्कान , 

अपनी बाहों में भरना , पूरा आसमान ,आँखों में चमकान ,  

अपने पंखों से उड़कर , छूना आसमान ,

बच्चों सी चमकती किलकान   || 

 

तारों को भरना , अपने आँचल में , उस में हो चमकान ,

पवन उड़ाएगी , जब मेरा आँचल ,

उसमें आएगी पवन की उड़ान , पवन संग डोलेगा ,

जब मेरा आँचल , लेकर पवन की उड़ान  || 

 

बोल जब निकलेंगे , मेरे होठों से , मीठे बोलों की मुस्कान ,

उन मीठे बोलों से मिल , गीत बन जाएँगे , 

होठों फैलाएँगे मुस्कान , उन्हीं गीतों की ,

गुनगुनाहट से , दिल भी पाएँगे मीठी मुस्कान   || 

 

Friday, September 19, 2025

BRAHMAAND ( KSHANIKAA )

 

                         ब्रह्मांड 

 

बनाया ब्रह्मा जी ने ब्रह्मांड , अनगिनत गोले उसमें छोड़े ,

शक्ति  से भरे  हुए गोले , दूर जा - जाकर वो घूमे ,

केंद्र बन गए वो सब गोले , चारों तरफ और भी गोले घूमे ,

आग के गोले थे ये सब , शक्ति के पुंज थे ये गोले   || 

 

और कुछ - कुछ गोले आए , इनके चारों तरफ घूमे ,

 इन्हीं गोलों में  से कुछ पर  , सृजन हार ने जीवन उपजाया ,

हमारी धरा है एक वही गोला , जिस पर हम - तुम हैं बंधु  || 

 

मानव - मस्तिष्क में ज्ञान भरा , जिससे  जुटाईं सुविधा मानव ने  ,

धरा के चारों ओर घूमते , चाँद पे मानव पहुँच गया ,

धरा चक्कर जिस सूर्य  का  , लगा रही उसको जान गया  ,

कदम - दर - कदम मानव बढ़ता जा रहा , 

ब्रह्मांड के कुछ राज जान गया ,

ब्रह्मांड में हस्तक्षेप भी किया , ब्रह्मांड में गूँजता नाद भी सुना  ,

क्या ब्रह्मांड की सारी , शक्ति को जान पाएगा मानव   ?? 

 

Thursday, September 18, 2025

JIVAN KAA SAAR ( SAMAJIK )

 

                        जीवन का सार 

 

शिक्षा मिलती हर कदम , कदम अपने बढ़ाओ तो ,

कदम के नीचे की मिट्टी , देती कदमों को सहारा ,

ना हो मिट्टी , तो फिसल जाओगे तुम  || 

 

छोटी - छोटी  घास भी , मिट्टी को सहारा देती ,

मिट्टी नहीं हो तो , घास नहीं उगेगी ,

घास नहीं होगी , तो मिट्टी बह जाएगी ,

यही तो जीवन का , सार है दोस्तों  || 

 

प्रकृति हमारे , जीवन का आधार है ,

हमारी साँसों के लिए , वायु चाहिए , 

साफ व  शुद्ध वायु , पेड़ों से मिलती है ,

हमें पेड़ लगा कर  , प्रकृति को बचाना चाहिए ,

पेड़ों से ही , जीवन - यापन के लिए ,

सभी कुछ मिलता है , तो हमें पेड़ लगाने चाहिए  || 

 

तो आओ दोस्तों , हम प्रकृति का दोस्त बन जाते हैं ,

पेड़ लगा कर प्रकृति को बचाते हैं ,

धरा के वातावरण को , स्वच्छ और सुंदर बनाते हैं ,

तो फिर देर किस बात की  ?

मिलकर धरा से मिले हुए , खजाने के लिए धरा का ,

धन्यवाद करते हुए , अपने कार्य में जुट जाते हैं ,

और पेड़ लगाते हैं , पेड़ लगाते हैं  || 

 

Wednesday, September 17, 2025

SAANSEN ( JIVAN )

 

                               साँसें 

 

हमारे बोलों पे लगा कर ताले , 

चाबी किसी ने चुरा ली यारों ,

अब क्या बोलें हम यारों  ?

कर सको अगर तुम कोशिश ,

दिखा सको गर कोई रास्ता हमको  ?तो दिखा दो यारों   || 

 

बोल तो हमारे दब गए यारों ,

पिंजरे में कैद होकर के ,

उन दूजों की चिल्लाहट में ,

और हमारी चुप्पी में ,

समय तो चलता जाता है यारों , अपनी रवानगी में   || 

 

समय के साथ ही जिंदगी भी ,

बहती जाती है यारों ,

जो समय हमें मिला है जीने के लिए , 

वह तो चलेगा ही यारों  ,

उसी के साथ - साथ हमारी , साँसें भी चलेंगी यारों  || 

 

Tuesday, September 16, 2025

MERI BAARII ( AADHYAATMIK )

 

                                मेरी बारी 

 

आज इस संसार में , हम तो जैसे खड़े हैं एक पंक्ति में ,

कब सपने पूरे होंगे ? जो हमने सोते - जागते देखे  ,

कब मुस्कानें होठों पर सजेंगी ? दोस्तों के साथ में    ||  

 

सपनों को पूरा करने के लिए , मेहनत भी की हमने ,

मुस्कानें सजाने के लिए , कोशिशें भी कीं हमने  ,

मगर अभी तक तो हम , कर ना पाए कुछ भी  || 

 

कान्हा तुम सब का साथ , देते हो ना बोलो ,

तो मेरी बारी कब की है  ?  बोलो , बोलो , बताओ ना ,

जल्दी से मेरी बारी लाओ ना   || 

 

Monday, September 15, 2025

MITHAAS APNEPAN KII ( KSHANIKAA )

 

                 मिठास अपनेपन की 

 

जिंदगी छोटी है दोस्तों , मुस्कानों में गुजार लो  ,

कीमत इसकी ना , किसी से उधार लो ,

रंगों से अपना जीवन , संवार लो ,

कभी - कभी तो सभी दोस्तों को , पुकार लो   || 

 

जिंदगी में दोस्त , पास रहें या दूर ,

कोई फर्क नहीं , पड़ता है हुजूर  ,

मिलते रहें  या , लंबे समय तक ना मिलें  ,

 अहसास कायम रहना चाहिए जरूर , यही जिंदगी है  || 

 

छोटी सी जिंदगी में , कड़वाहट ना आए कभी ,

अपनेपन की मिठास को , जिंदगी में घोले रखना ,

पूरी जिंदगी में इसी मिठास से ,

होठों पर मुस्कानें खिली रहेंगी  ,

तभी तो जिंदगी भी , मुस्कुराएगी , खिलखिलाएगी जरूर   || 

 

Sunday, September 14, 2025

PYAAR KE FOOL ( JIVAN )

 

                                 प्यार के फूल  

 

जिंदगी एक गुलदस्ता है , 

जिसमें कई तरह के फूल सजे हैं  , 

कुछ फूल प्यार  के हैं , जो जिंदगी को महकाते हैं ,

कुछ फूल विश्वास के हैं , जो जिंदगी को चहकाते हैं ,

आपने कौन से फूल , सजाए हैं दोस्तों  ??

 

आपने तो बहुत से फूल , 

तमन्नाओं के सजा लिए दोस्तों  ,

उनसे तो गुलदस्ता जिंदगी का , महक नहीं पाएगा ,

उनसे तो गुलदस्ता जिंदगी का ,अपनी राह भटक जाएगा , 

तो ले आओ उसे , सही राह पर दोस्तों   || 

 

दिन में एक बार ,अपने दिल में झाँक कर जरूर देखो ,

तब तुम जान पाओगे , दिल  में  क्या  सजा है दोस्तों   ?

दिल कभी गलत नहीं कहता , दिल सही फैसला लेता है दोस्तों ,

तो मानो दिल की  , प्यार और विश्वास में डूब जाओ दोस्तों   || 

 

Saturday, September 13, 2025

JAAN HAI HINDI ( DESH )

 

                          जान है हिंदी 

हिंदी दिवस की सभी को बधाई ---- 

 

हरियाली से लहलहाता भारत ,

खिलती हुई होठों की मुस्कान , 

सभी के दिल नाच उठे , सुन करके हिंदी की तान   || 

 

हिंदी नहीं है केवल भाषा एक , 

ये है सबके दिलों का गान ,

रुको दोस्तों ,सोचो और समझो ,बढ़ा लो हिंदी का मान  || 

 

भारत - माता के माथे की बिंदी ,हिंदी है भई हिंदी ,

जीवन भर की  सारी खुशियाँ , लाएगी दिल में हिंदी  || 

 

दिल में हिंदी ,जीवन में हिंदी , घर - आँगन में हिंदी ,

शहर - शहर में हिंदी , पूरे देश में हिंदी ,

सबकी जान है हिंदी , सबकी जान है हिंदी  || 

 

Friday, September 12, 2025

AHSAAS ( JIVAN )

 

                       अहसास 

 

जिंदगी सादी और सच्ची है , तो क्या लाभ है  ?

सजावट की जरूरत नहीं है दोस्तों  ,

जिंदगी में कर्म कर रहे हो तुम ,

दूसरों की मुस्कान के लिए , यही  कर्म है दोस्तों ,

सत्कर्मों से ही ईश्वर प्रसन्न होंगे , 

और तुम्हें आशीर्वाद देंगे दोस्तों   || 

 

राज मत रखो दुनिया से , 

कि तुम्हारे दोस्त ही  , ना बन पाएँ  दोस्तों ,

मगर खुली किताब भी , ना बन जाओ दोस्तों  ,

कि पढ़ कर सब रद्दी में डाल दें दोस्तों   || 

 

कुछ अहसास जमा कर लो दोस्तों ,

यही तो सच्ची और अच्छी यादें हैं  ,

दिल में अहसास मीठे होंगे ,

तो दिल शांत और सुंदर रहेगा ,

जिंदगी सुखपूर्वक ही बीत जाएगी , 

मुस्कानें खिल जाएँगी ,

तो उन मुस्कानों को खिला लो दोस्तों   || 

 

Thursday, September 11, 2025

JINDGII ? ( KSHANIKAA )

 

                            जिंदगी  ?

 

जिंदगी क्या है दोस्तों   ? 

दिल के गम को छिपाती मुस्कान  ?

आँसू में नहाती हुई मुस्कान  ? गमों में डूबे गीतों की तान  ? 

 

जिंदगी क्या है दोस्तों   ?

चमन में खिला एक फूल  ?

फूलों से बहती हुई महक ? इन्हीं महकों से महकता हुआ जहां  ?

 

 जिंदगी क्या है  दोस्तों   ?

बहती हुई शीतल पवन  ? 

मेघों को साथ लाती हुई पवन  ? या आँधी बन सब कुछ उड़ाती  ?

 

जिंदगी क्या है दोस्तों  ? 

जल - कणों  से   भरी बदली ?

रिमझिम बरखा बरसाती बदली ? मूसलाधार बारिश लाती बदली  ?

 

Wednesday, September 10, 2025

ANTAR ( HRIDAY ) (JIVAN )

 

                          अंतर  ( ह्रदय  )

 

ज्ञान का अर्थ क्या है  ? सभी तरह की जानकारी होना ,

सारी जानकारी ग्रहण करना ही , ज्ञानी नहीं बना देता ,

कुछ नजर - अंदाज करने पर भी , इंसान ज्ञानी बनता है ,

ज्ञान का यही अर्थ है दोस्तों   || 

 

अपने अंतर को , अपनी  सोच को , स्वच्छ और स्वस्थ रखो ,

तभी तो पूर्ण स्वास्थ्य पाओगे दोस्तों  ,

सोच और अंतर सुंदर होगा , तभी तो सुंदर जीवन होगा ,

नदिया और सागर में कश्तियाँ ,

 अंदर के पानी से ही डूबती हैं दोस्तों ,

यदि सोच और अंतर सुंदर नहीं ,

 हमारा जीवन कभी सुंदर नहीं होगा दोस्तों   || 

 

कोई भी रिश्ता बनाते हुए , धीरे - धीरे कदम बढ़ाओ ,

धीरे से पनपते रिश्ते ही , सुंदर बन जाते हैं दोस्तों  || 

 

Tuesday, September 9, 2025

VAKT KII CHAAL ( JIVAN )

 

                      वक्त की चाल 

 

वक्त चल रहा है दोस्तों  ,  अपनी निश्चित चाल से ,

ना बहुत तेज , ना बहुत धीरे , बस वक्त रुकता नहीं है ,

कोई भी वक्त को , रोक नहीं सकता है दोस्तों   || 

 

क्या आपने कोशिश की है दोस्तों  ? 

वक्त को रोकने की , क्या आप सफल हुए  ? 

नहीं ना , कोई सफल नहीं हो सकता ,

ईश्वर जो इस दुनिया के रचेता हैं , और इसे चलाते हैं ,

वह भी वक्त की , गति को नहीं रोक सकते   || 

 

तो चलने देते हैं , वक्त की उसी चाल को ,

जिस चाल से वह चल रहा है , चलिए उसी चाल से ,

हम भी उसी चाल से , चलने  कोशिश करते हैं ,

हो सकता है हमारी कोशिश ,कामयाब हो जाए दोस्तों ,

और हम वक्त के साथ - साथ बिना थके चल पाएँ   || 

 

Monday, September 8, 2025

HAMAARAA AAJ ( JIVAN )

 

                               हमारा  आज 

 

तुमने जो पुकारा हमको , हम चले आए ,

हमारे जीवन में तुमने , बहुत फूल खिलाए ,

वो फूल हमारे जीवन को , खुश्बुओं से महकाएँ ,

तभी तो हम भी दोस्तों , हरदम मुस्कुराएँ  || 

 

ईश्वर के दिए जीवन को , हम प्यार से बिताएँ ,

दोस्तों  संग महफिल में , मिल के खिलखिलाएँ  ,

दुनिया के सभी रंगों  को  , जीवन में उतार पाएँ  ,

उसी प्यार की गठरी को हम , लेकर महफिल में आए  || 

 

कर्म हम हरदम करते ,मुस्कानों को एकत्र करके ,

दिल में उन सभी को भरके , हम आज आ गए ,

प्यार में डूबते - डूबते ही , हम  आज आ गए   || 

 

Sunday, September 7, 2025

EIKAAGRATAA ( KSHANIKAA )

 

                                      एकाग्रता 

 

कौन समझ सकता है , सच और झूठ को अलग - अलग  ?

अपनी आँखें बंद करके , अंदर तो झाँक लो यारों ,

दूसरे की भावनाओं और शब्दों , को अलग तो रख लो यारों  ||  

 

सफलता की पोशाक , आसानी  से नहीं मिल सकती ,

उस  पोशाक को पाने के लिए  ,कड़ी मेहनत चाहिए ,

इसलिए मेहनत करने में , पूरी शक्ति लगा दो यारों   || 

 

जिंदगी की राह में , रोशनी हो या अँधेरा ,

चलते - चलते राहों पर , बढ़ चलो और ,

इसी तरह तुम अपनी - अपनी , मंजिल को पा जाओ यारों  || 

 

सही निशाना साधने के लिए , एकाग्रता जरूरी है ,

अर्जुन की तरह , निशाना तो लगाओ यारों ,

और हर सफलता , पा जाओ यारों   || 

 

Saturday, September 6, 2025

AGALEY BARAS FIR ( AADHYAATMIK )

 

                     अगले बरस फिर 

 

गणपति बप्पा आए , बहुत सी खुशियाँ लाए ,

सभी के होठों पर , मुस्कानें वो लाए ,

सभी पर तो उन्होंने , आशीर्वाद बरसाए ,

सभी ने बप्पा के लिए , सुंदर पंडाल सजाए   || 

 

भक्तों ने बप्पा पर , भक्ति - भाव बरसाए ,

भक्तों ने बप्पा को , मोदक के भोग लगाए ,

बप्पा  का  मनोरंजन करने , भिन्न प्रोग्राम कराए ,

सबको देख - देख कर , बप्पा भी मुस्काए   || 

 

समय बीतता गया , बप्पा चल दिए अपने धाम ,

बप्पा के जाने से ,आँखों में आँसू आए  ,

साथ ही गगन के बदरा ने भी ,  खूब ही जल बरसाए ,

मत शोक मनाओ दोस्तों ,बप्पा अगले बरस फिर आएँगे ,

बप्पा आएँगे ,  बप्पा आएँगे  || 

 

Friday, September 5, 2025

BADLAAV KEY LIEY ( JIVAN )

 

                              बदलाव के लिए 

 

रंग जिंदगी के बदल गए हैं , मुस्कानें खो गईं हैं ,

फीका सा रंग आ गया है , चटकीले रंग धुल गए हैं  ,

खिलखिलाहटें दब गईं हैं , दोस्त दूर हो गए हैं   || 

 

रीता हो गया है दिल का प्याला ,

कोई सोच बाकी नहीं है ,

धड़कनें धीमी - धीमी राह पर हैं ,

 कोई भी चाह नहीं है ,

रिश्तों की आहटें गुम हो गईं हैं , 

कोई रिश्ता मीठा नहीं है   || 

 

कोई उपाय तो होगा , इस सबको बदलने का ,

कोई राह तो होगी , आगे बढ़ने के लिए ,

तो चलो कोशिश करते हैं , बदलाव के लिए   || 

 

Thursday, September 4, 2025

CHAMAK ( CHANDRAMAA )

 

                             चमक 

 

आ री चंदनिया नीचे उतर कर , छिप जा मेरे आँचल में ,

मेरा आँचल छिपा तो लेगा तुझे , 

पर तेरी चमक तो छनकर बाहर आएगी , 

चमक देगी सारे जग को , भेद को खोल ही जाएगी   || 

 

चंदनिया तू तो चाँद की है प्यारी , चमक है तेरी न्यारी  ,

आ जा उतर आ नीचे , रहेंगे मिल के हम साथ - साथ ,

तू मुस्कानें बिखरा कर , चमकाना सारे जग को  || 

 

गगन से उतरती जब नीचे , धरा भी तो मुस्का जाती ,

मानो पूरी धरा भी , चाँदी सी चमक में नहा जाती ,

तभी तो धरा भी तेरे , समान ही चमक पा जाती    || 

 

Wednesday, September 3, 2025

RISHTEY ( JIVAN )

 

                                    रिश्ते 

 

रिश्तों की संख्या बढ़ाने की , क्या जरूरत है दोस्तों   ?

रिश्ते कुछ कम हों , मगर गहरे हों , ऐसा सोचियेगा  ,

ऐसे ही चाय से कप पूरा ना भरा हो , तो कोई बात नहीं  ,

मगर चाय कड़क और गर्म हो , तभी स्वाद मिलेगा   || 

 

सबसे सुंदर रिश्ता तो , दोस्ती का है दोस्तों  ,

उसे ही प्यार से , सजाए रखो दोस्तों  ,

जिंदगी में दोस्त को ही , हम चुन सकते हैं ,

यही ईश्वर की , दी हुई नियामत है  || 

 

सच्चे दिल से बनाए रिश्ते तुम ,

सच्चे दिल से सजाए रखिए ,

तभी रिश्तों की गाड़ी , सरलता से चलती जाएगी  || 

 

Tuesday, September 2, 2025

NAJAARAA SAAVAN KAA ( JALAD AA )

 

                               नजारा  सावन  का 

 

सावन का महीना , रिमझिम - रिमझिम बरखा आई ,

पवन अपने संग , बदरा को उड़ाकर लाई  ,

घन - घन करते बदरा के बीच , दामिनी की चमकार आई ,

घनघोर ,मूसलाधार बरखा से , राहों में नदिया बह आई   || 

 

बचपन के पैर बढ़े , दौड़े  पहुँचे उस धारा में ,

बनीं कश्तियाँ कागज की , खूब ही बच्चों ने तैराईं  ,

गगना में उड़ते बदरा ने , जब यह नजारा देखा ,

तो खुशी से उसने बरखा की , गति और बढ़ाई   || 

 

बदरा की खुशी में गगना ने भी , अपने अँगना में खुशी मनाई ,

दामिनी की कड़क यूँ सुनाई दी , मानो बज उठी हो शहनाई ,

ये सावन का नजारा है भई , सावन का नजारा है भई   || 

 

Monday, September 1, 2025

ADHOORAA PYAAR ( AADHYAATMIK )

 

                         अधूरा प्यार 

 

प्यार हर किसी का पूरा नहीं होता ,

अधूरे प्यार की कहानियाँ , आज हम सुनाते हैं , 

राधा और कृष्ण का प्यार रहा अधूरा था ,

दोनों ही एक दूसरे को पा नहीं सके ,

जब विधाता का ये हाल है , तो हम क्या हैं दोस्तों  || 

 

बहुत से मानव अपने प्यार को ,

अधूरा छोड़कर ही दुनिया से चले गए ,

हम क्या उनका नाम लें  ?

राम और सीता के जीवन की ,कहानी सभी को पता है ,

दोनों ही अलग - अलग , प्यार की आग में झुलसते रहे ,

सीता ने अंत  किया धरती में समा कर ,

देवों के इस हाल से , हम क्या सीख  सकते हैं दोस्तों  ?? 

 

हम भी प्यार के सागर में डूबे हैं दोस्तों ,

हमारा प्यार अधूरा तो नहीं है दोस्तों ,

पर क्या ये अपनी पूर्णता को प्राप्त करेगा  ?

या नहीं करेगा   ?  कौन देगा जवाब दोस्तों   ??  

 

Sunday, August 31, 2025

ROOH ( RATNAAKAR )

 

                              रूह 

 

रत्नाकर के द्वार जब , हम पहुँचे दोस्तों ,

लहरें उसकी उछलती हुईं  , तब आईं  दोस्तों ,

पकड़कर हाथ हमारा ले चलीं , सागर के घर ,

और दोस्तों हम तो पानी से हुए , तर - बतर   ||  

 

लहरों का वो सुरीला संगीत , 

वो खिलखिलाते गीत उनके , प्यार में डूबे ,

सागर के भेजे संदेस ने , दिल के फूल खिलाए ,

उन्हीं ने हमें जीने के , अर्थ  सभी समझाए  || 

 

लहरों के साथ खेलकर , जो वक्त बीता ,

वही तो दे गया हमें खुशियाँ , पाने का तरीका ,

वो खुशियाँ जो जीवन में , मुस्कान ले आईं ,

वो खुशियाँ जो हमें , जीना सिखा गईं   || 

 

सागर और उसकी लहरें , हमारे दोस्त हैं  ,

उनके मीठे गीत ही तो , होठों की मुस्कान हैं ,

उनका संगीत तो हमारी , रूह में  उतर गया है ,

रूह में उतर गया है  || 

 

Thursday, August 28, 2025

KHWAAB PANKHON KE ( JIVAN )

 

                             ख्वाब पंखों के 

 

ये है ख्वाबों  की दुनिया , मुरादों की दुनिया ,

उन ख्वाबों में मिले , जो पंख मुझे , वो लगाकर ,

उड़ने लगी हूँ मैं , उस नील ऊँचे गगन में ,

जहाँ परिंदे हमेशा , उड़ते रहते  हैं   || 

 

पवन के संग उड़ते - उड़ते ,गगना के अँगना में  ,

पंखों का सहारा लेकर , ख्वाबों का सहारा लेकर ,

मैंने छुआ गगन को , तो ख्वाब हुए पूरे  || 

 

आज भी उन ख्वाबों की , ताबीर मेरे साथ है ,

सच्चाई मेरे साथ है , यादें मेरे साथ हैं ,

तो ख्वाबों को हमेशा , थामे रहो दोस्तों ,

यादों के धागों से , उन्हें बाँधे रहो दोस्तों  || 

 

BACHAAV ( SAMAJIK )

 

                          बचाव 

 

किसी गीतकार के सच से , ओतप्रोत शब्द थे ,

" मतलब निकल गया है ,तो  पहचानते नहीं ,"

 आज दुनिया  में ऐसे ही , लोगों की संख्या अधिक है ,

मतलब के लिए लोग पैर पूजते हैं  ,

मगर बाद में धिक्कारते हैं ,

तो सावधान रहो दोस्तों , ऐसे लोगों से दूर रहो दोस्तों   || 

 

आज साइबर क्राइम के युग में , कहा जाता है ,

" सावधानी ही बचाव है ," ऐसे ही मतलबियों के युग में ,

मेरा यही कहना है , " सावधानी ही बचाव है  ,"

आपकी सुरक्षा का , यही एक रास्ता है ,

तो यही रास्ता अपनाओ , और अपना बचाव करो दोस्तों  || 

 

Tuesday, August 26, 2025

BAPPAA MERE ( AADHYAATMIK )

 

                                    बप्पा मेरे 

 

आओ बप्पा आओ ना , मेरे घर में आओ ना ,

दर्शन देकर हमको भी , भाग्यशाली बनाओ ना ,

लड्डू मैंने बहुत बनाए , मेरी मेहनत सफल बनाओ ना ,

लड्डू का भोग लगाओ ना , तुम तो भोग लगाओ ना  || 

 

बप्पा तुम तो दोस्त मेरे , अपना प्यार दिखाओ ना ,

मेरे घर में बस जाओ , मेरा जीवन सफल बनाओ ना ,

आशीष अपना हम पर ,तुम बरसाओ ना ,

भवसागर पार करवाओ ना , भवसागर पार करवाओ ना  || 

 

दिया है जो जीवन तुमने , उसको पार करवाओ ना ,

मेरे घर में आओ ना , हम पे आशीष बरसाओ ना  || 

 

Monday, August 25, 2025

SWARNIM YUG ( KSHANIKAA )

 

                              स्वर्णिम  युग 

 

प्यार ही जिंदगी है , प्यार ही बंदगी है ,

प्यार की धारा में बहते जाओ,प्यार ही अमर खुशी है ,

मुस्कानों की डोर में , पिरो लो प्यार को ,

इनसे बनी माला ही तो , जीवन की हर खुशी है  || 

 

 प्यार पंछी की तान में है , प्यार नदिया के गान में है ,

झरनों में प्यार बहता , वेगवान होकर  बहता ,

तुम  भी बह चलो दोस्तों ,

 प्यार  मीरा का कृष्ण को समर्पित ,

प्यार राधा का कान्हा को अर्पित ,

तुम भी सभी से कर लो , प्यार को ह्रदय में भर लो   || 

 

प्यार अंजुरी में भर कर , बाँटते जाओ पूरे जग में ,

मानवता जी उठेगी , मुस्कानें सज उठेंगी पूरे जग में ,

कान्हा भी अवतरित हो ,सखा बन जाएँगे सभी के ,

स्वर्णिम युग आ जाएगा , इस जग में ,

हर कण इस जग का , खिलखिलाएगा , कहकहे लगाएगा  || 

 

Sunday, August 24, 2025

AATMVISHWAAS ( JIVAN )

 

                           आत्मविश्वास 

 

मेहनत जब हमने की , तो आत्मविश्वास हमारे पास आया ,

उसी आत्मविश्वास ने , मेहनत के मार्ग को आसान बनाया ,

अब हमारे पास मेहनत और , 

आत्मविश्वास दोनों का खजाना है   || 

 

खजाना मुस्कान का   ,

उसी को भेजो दोस्तों , जो आँसू पोंछ गया ,

वही तो उस खजाने को , संभालने लायक है दोस्तों ,

उसके पास ही मुस्कान का खजाना , सुरक्षित रहेगा दोस्तों  || 

 

कहावत है ," नेकी कर और दरिया में डाल ,"

तो नेकी करते जाओ दोस्तों ,

और दरिया में डाल कर भूल जाओ ,

यही नेकियाँ तो कश्ती बनकर , सभी तूफानों से बचाएँगी ,

भवसागर पार कराकर , तुम्हें परमधाम पहुँचाएँगी   || 

 

Friday, August 22, 2025

KOSHISHEN ( KSHANIKAA )

 

                          कोशिशें 

 

धरा ने मुस्का कर गगन को पुकारा , गगन भी मुस्काया ,

गगन में रहने वालों ने भी , धरा को दोस्त कहकर पुकारा ,

इस दोस्त पार्टी में बहुत से सदस्य थे , जो अब खुश थे   || 

 

दोस्तों , इन सब दोस्तों को ,

मिलने में रुकावटें बहुत आईं ,

गगन और उसके साथी नीचे उतर कर ,

धरा और उसके साथियों से मिलने के लिए ,

मगर सभी सदस्य ,

खुशी - खुशी कोशिश कर रहे थे    ||  

 

धरा और उसके साथियों ने भी ,

गगन तक पहुँचने की बहुत कोशिशें कीं  ,

मगर असफलता ही हाथ लगी ,

मगर सभी की  कोशिशें जारी थीं   || 

 

तो दोस्तों मिलने की कोशिशें ,जारी रहनी चाहिएँ  ,

 सफलता मिले या असफलता , कोशिशें जरूरी हैं   || 

 

Thursday, August 21, 2025

VIDHAAN VIDHII KAA ( AADHYAATMIK )

 

                        विधान विधि का 

 

जीवन में जो मिला है , वह अच्छा है ,

जो नहीं मिला , वह भी अच्छा है ,

सब्र कर ऐ - बंदे , ईश्वर कहता  है ,

जो तुझे मिला है , वो   तेरे लिए अच्छा है ,

जो नहीं मिला है   , वो तेरे लिए अच्छा नहीं है  ,

मैं जानता हूँ तेरे लिए ,क्या अच्छा है और क्या नहीं  ?? 

 

तेरे जीवन में संघर्ष है , तो क्या हुआ  ?

मैंने भी तो कुरुक्षेत्र को , पार किया है  ,

तुझे मनचाहा नहीं मिला , तो क्या हुआ  ?

मैंने राधा को प्यार किया  , मगर रुक्मणी मिली ,

 मैं विधि के विधान को , बदल नहीं सकता ,

तो तू क्यों ऐसी , कोशिश करता है   ?? 

 

कर्मों की परिभाषा को , तू मत बदल ,

मैंने जो बनाई है ,उसी को मान ,

वही कर्म कर , जो मैंने सुझाए हैं ,

तभी  तो  तू  मेरे धाम आकर , मुझे पाएगा   || 

 

Wednesday, August 20, 2025

MAALAAMAAL ( JIVAN )

 

                              मालामाल 

 

किताबें कितनी ही पढ़ लो ,

 ज्ञान गुरु के द्वारा ही मिलता है ,

किताबों  में छिपे  ज्ञान को ,गुरु ही समझाता है ,

तो समझ लो ज्ञान को गुरु से , 

ध्यान लगा कर समझना   || 

 

ग्रंथों और वेदों को , पढ़ना आसान है दोस्तों ,

मगर की  वेदना को  , पढ़ना और समझना ,

बहुत मुश्किल है दोस्तों,जब किसी की वेदना को पढ़कर ,

समझ जाओगे तो तुम भी , ज्ञानी हो जाओगे दोस्तों  ||  

 

शब्दों से बने वाक्य को , तुम पढ़ तो लोगे दोस्तों ,

जब उसका अर्थ भी समझ लोगे , तो फायदा मिलेगा ,

उसे  ही लेकर ,मालामाल हो जाओ दोस्तों   || 

 

Tuesday, August 19, 2025

SOCH LO ( JIVAN )

 

                          सोच लो 

 

मत दुआ करो , सिर्फ अपनी खुशी की ,

दुआ करो , मानवता  की खुशी की  ,

ईश्वर तुम्हारी खुशियाँ ,

तुम्हें झोली भर कर देंगे , तो सोच लो जरा   || 

 

मत बुरा सोचो , किसी के लिए ,

मानवता में सभी के , बारे में बुरा नहीं ,

ईश्वर तुम्हारे साथ बिल्कुल भी , 

बुरा नहीं होने देंगे , तो सोच लो जरा   || 

 

दुनिया मुस्कुराएगी तो , हम सब भी मुस्कुराएँगे ,

सारा जीवन मुस्कुराएगा , मुस्कानों की मशीन से ,

उसे तेजी से चलाते जाओ ,

और जहां को मुस्कानों में , डुबकी लगवा दो ,

फिर देखो तुम्हारा दिल ,

 खिलखिलाएगा , कहकहे लगाएगा ,

तो चलो दोस्तों , अब कुछ मत सोचो ,

तो दोस्तों , कूद पड़ो मैदान में  ||  

Monday, August 18, 2025

INSAAN ( KSHANIKAA )

 

                                इंसान 

 

इंसान जब इंसानियत को समझेगा , 

तभी तो धरा पनपेगी ,

मानवता का पाठ पढ़कर उसे अपनाएगा ,

तभी तो धरा पनपेगी ,

पनपाओ इस धरा को , इंसान बनो तुम   || 

 

प्यार और मुस्कानों के साथ ही , 

तुम धरा  को सुंदर बनाओगे ,

यही तुम्हारे जीवन का उद्देश्य है ,

यही जीवन का सार है ,

तो सुंदर बना लो धरा को , इंसान बनो तुम  || 

 

मेल - जोल , भाई - चारा ही ,

प्यार और मुस्कानों की कुंजी है ,

इसी कुंजी से धरा की , सुंदरता का मार्ग खुलता है ,

तो तुम भी इस , इस कुंजी का उपयोग करो ,

इंसान बनो तुम , इंसान बनो तुम   || 

 

Sunday, August 17, 2025

SAFAR ( KSHANIKAA )

 

                               सफर 

 

जीवन के सफर में , दिल की बातें ,

दिल में ही कैद रह जाती हैं , 

होठों के रास्ते बाहर नहीं आने पातीं ,

क्योंकि कोई सुनने वाला नहीं होता ,

तो दोस्तों कोई तो हो ऐसा जीवन में ,

जो हमारे दिल की बातें सुने   || 

 

बातों को सुनकर उन्हें समझे ,

और अपने दिल की बातें मुझे सुनाए ,

खूब हँसे और मुझे भी हँसाए ,

मुस्कुराए , खिलखिलाए , कहकहे लगाए  || 

 

तभी तो दोस्तों जीवन का सफर , 

सुनहरा बन जाएगा  , जगमगाएगा ,

 और फिर जब खत्म होगा तो ,

जीवन दाता से मिलवाएगा   || 

 

Saturday, August 16, 2025

KAANHAA ( AADHYAATMIK )

 

                                    कान्हा 

 

हे कान्हा तुम मेरे साथ ही रहना , छोटा सा घर  मेरा ,

मेरा प्यार बहुत है कान्हा , उसको तुम अपनाए रहना ,

मैं हूँ कान्हा दोस्त तुम्हारी , तुम भी मेरे बनकर रहना  || 

 

मुरली की धुन लगती मीठी , उसको तुम बजाते रहना ,

हम सुनकर मुस्काते रहते , तुम भी तो मुस्काते रहना ,

जग वाले भी आते हैं  कान्हा , प्यार तुम्हारा पाने कान्हा  || 

 

राधा तो है सखि तुम्हारी , मीरा है भक्त तुम्हारी ,

क्या तुम सखि मुझे बनाओगे  ?  मुरली मुझे सुनाओगे  ?

ना मैं राधा , ना मैं मीरा , बस  मैं चाहूँ बनना सखि तुम्हारी  || 

 

यमुना तीरे मैं आई तो , क्या तुम मुझको मिल पाओगे  ?

अपनी मीठी  मुरली की धुन ,क्या तुम मुझे सुनाओगे  ?

अपनी मुस्कानों से कान्हा , क्या मेरी मुस्कान बढ़ाओगे  ?? 

 

Friday, August 15, 2025

JAI KANHAIYAA LAAL KII ( AADHYAATMIK )

 

                    जय कन्हैया लाल की 

 

नंद घर आनंद भयो , जय कन्हैया लाल की ,

कान्हा का जन्म भयो , जय कन्हैया लाल की ,

ग्वालों और ग्वालनों को , बहुत ही खुशी भई ,

सभी ने मिलकर कहा , " जय कन्हैया लाल की  "|| 

 

सभी आए अंदर , कान्हा को देखने ,

आई सबके होठों पर , मीठी -सी  एक मुस्कान ,

कान्हा भी मुस्काया , देख सभी की मुस्कान ,

गूँजी नन्हीं किलकारी , नंद - यशोदा के आँगन ,

सभी जोर से बोल पड़े , " जय कन्हैया लाल की  "|| 

 

" जय कन्हैया लाल की , जय कन्हैया लाल की  ",

" हाथी  घोड़ा पालकी , जय कन्हैया लाल की  " || 

 

SARHAD KE RAKSHAK ( DESH )

 

                              सरहद के रक्षक 

 

वीर जवानों तुम तो हो , देश की बगिया के सुंदर फूल ,

सभी  करते हैं तुमको , कोई नहीं गया है भूल ,

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम  रक्षक   || 

 

भक्षक को आने ना देते अंदर ,

रक्षा करते हो तुम जग - जग कर ,

तभी तो हम देशवासी ,चैन से सोते घर के अंदर  , 

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम रक्षक  || 

 

जान निछावर करते अपनी , भारत - माता के चरणों में ,

तभी तो भारत - माता तुमको , अपना आशीष है देती ,

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम रक्षक  || 

 

हमारे देश के वीर जवानों , तुमको प्रणाम हमारा ,

हमारा प्रणाम , हमारा प्रणाम ,स्वीकार करो हमारा प्रणाम ,

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम रक्षक   || 

 

Wednesday, August 13, 2025

VEER JAWAAN ( DESH )

 

                             वीर जवान 

 

मेरे वीर जवानों , तुम सरहद पर तैनात हो ,

तभी हम चैन से सो पाते हैं ,

देश भर चैन से रहता है ,

तुम्हारे शौर्य के साये में जीता है   || 

 

तुम्हारी वीरता सभी को जिलाती है ,

सभी तुम्हारी वीरता के गुण गाते हैं ,

अपनी जान की परवाह नहीं करके ,

दूजों की जान को बचाते हैं   || 

 

तुम तो अपने लहू से धरा सींचते ,

भारत माता की हँसी सींचते ,

तभी तो ये देश , उसकी धरा ,

उसका आकाश आज जीवित हैं  || 

 

हम कर्जदार हैं तुम्हारे वीरों ,

नहीं उतार सकते हैं ये कर्ज ,

काश हम कर्ज कम कर पाते , तुमको सहारा दे पाते ,

तो हम थोड़ा तो खुश हो पाते , खुश हो पाते   || 

 

Tuesday, August 12, 2025

AAWAAJ ( AADHYAATMIK )

 

                          आवाज 

 

दिल में जागते अनेक भाव ,

मायूसी , चिंता ,  वाले समय का रूप ,

मगर दोस्तों सबके लिए चिंता मत करो ,

आँखे बंद करके सोचो ,

दिल से एक आवाज आएगी ,

परमात्मा की , मैं तेरे साथ हूँ , आगे बढ़ ,

कुरुक्षेत्र से  तो मुझे भी गुजरना पड़ा था ,

हिम्मत कर  और लड़ इन  सब से   ||  

 

हिम्मत करेगा तो तू ही जीतेगा , 

मत सोच , कि क्या होगा   ? 

मेरा आशीर्वाद  तेरे साथ है  ,

जीवन मैंने दिया है , जो बिताना तूने  है ,

बस अच्छे कर्म किए जा , मेरा आशीष लिए जा ,

जीवन पूरा जिए जा , ना किसी का बुरा कर ,

ना किसी के लिए बुरा सोच , मैं हूँ तेरा दोस्त  || 

 

Monday, August 11, 2025

JAGVAALE ( KSHANIKAA )

 

                                 जगवाले 

 

ये दुनिया रंग - रंगीली बंधु , ये दुनिया रंग - रंगीली ,

अपने मतलब के लिए जगवाले , बोलते मीठी बोली ,

निकल जाने पर अपना मतलब , होती है कड़वी बोली  || 

 

साथ में रहकर भी , मतलब पालें , करें ना मीठी बात ,

साथ छूटने पर वही सब , उड़ाएँ उनका मजाक ,

जीवन रहते पूछें ना,कोई उनकी बात ,करते  हैं सब घात  || 

 

समय बीतने पर ही , ज्ञान होगा अपने कर्मों का ,

उसी समय अहसास जो होगा , वही उन्हें काटेगा ,

जीवन को उनके , दर्द में डुबा  ही देगा ,

पता नहीं तब हम , किस लोक में होंगे बंधु  ?? 

 

 

 

Sunday, August 10, 2025

YAADON KII NEENV ( KSHANIKAA )

 

                              यादों की नींव 

 

यादों ने हमें रोक लिया , बीते कल की गलियों में ,

जहाँ  हमारा बचपन खेला करता था , दोस्तों के बीच में ,

कितने खेल थे वहाँ  ?  कितने कहकहे थे वहाँ  ?

आज तो मुस्कुराहटें भी , दबी - दबी सी हैं   || 

 

आने वाले कभी बाद में , शामिल होंगे यादों में ,

समय बीतने पर हम उनको भी , बसाएँगे यादों में  ,

कल तो कल हैं दोस्तों , चाहे हों बीते या आने वाले ,

बस आज ही आज है दोस्तों , जो नहीं होगा यादों में  || 

 

यादों की अँगुली थाम कर हम , आज की सीढ़ी चढ़ पाए ,

तभी तो हम आज कह पाते हैं , यादों की नींव हमारी है ,

इसी पर आज हम खड़े हैं , दबे हुए मुस्कुराहटों में   || 

 

Saturday, August 9, 2025

BOLON SEY ( KSHANIKAA )

 

                             बोलों से 

 

सूरज की किरणें जब फैलीं , इस धरती के अँगना में ,

सारे पंछी गा उठे , उस गगना के अँगना में ,

सारा जीवन हुआ है मुखरित ,इस धरती के उपवन में ,

सुंदर सा जीवन मुस्काया , होठों की गुँजन में   ||  

 

जीवन उतरा जब धरा पर , प्रकृति भी मुस्काई ,

हरियाली भी छाई , फूलों ने खिल - खिल कर ,

चमन को रंगीन बनाया , आयीं तितलियाँ उड़ - उड़ कर ,

फूलों की खुश्बुओं ने  , इस जग को महकाया   || 

 

हुई साँझ जब , सूरज जब अपने घर को चला ,

लालिमा गगना में फैली , पंछी  भी लौट चले जब घर ,

धीरे - धीरे अँधियारा सा छाया ,चहक उठे सभी के घर ,

महक उठे बोलों से मिलकर   || 

 

Friday, August 8, 2025

KARTTAVYA ( JIVAN )

 

                           कर्त्तव्य 

 

दिल का प्यार ना समझे कोई , सोचे कर्त्तव्य है ये  ,

अपने हों या परिजन हों , सभी की ऐसी सोच है ये ,

 दुनिया की ये रीत है बंधु , सोच की अपनी सोच है ये  || 

 

कर्त्तव्य भी तो कोई नहीं निभाता , जरा निभा के तो देखो ,

दुनिया वालों जरा अपना कर्त्तव्य , निभा के तो देखो ,

निभाना कुछ भी आसान नहीं होता , जरा तुम देखो  || 

 

कर्त्तव्यों की राह पकड़नी , कोई फूलों की राह नहीं ,

ये काँटों भरी राह है , कोई आसान नहीं ,

चार कदम भी चल ना पाए , जरा चल के तो देखो   || 

 

Thursday, August 7, 2025

KADAM - TAAL ( KSHANIKAA )

 

                       कदम - ताल 

 

जीवन तो साँसों की डोरी , जिस में है धड़कन का राग ,

जो तुम जानो जीवन को , पा जाओगे जीवन का साज ,

कदम आगे बढ़ा लोगे , तो मिल जाएगा जीवन का राज   || 

 

डोरी बाँधे रखती जीवन , धड़कन से संगीत बजा ,

कदमों की आहट से बंधु , कदम - ताल का राग बजा ,

साँसों की आवत - जावत में , जीवन सारा बँधा  || 

 

साँसों से तो पलता  जीवन , जिससे सारा संसार चले ,

इस संसार में बंधु , मानव का ये प्यार पले  ,

इस सब को बचाकर रखो बंधु , इस जग की ना शाम ढले  ,

मानव का सुंदर सा जीवन ,बरसों - बरस चला चले   || 

 

 

Wednesday, August 6, 2025

JAAL ( KSHANIKAA )

 

                             जाल 

 

अपने ही दिल के कारण , 

हम फँस गए मजबूरियों के जाल में ,

अपने दिल ने प्यार का , एक संसार बना लिया ,

उसी में खुद को जंजीरों में , जकड़ लिया   || 

 

ये जंजीरें इतनी मजबूत थीं , कि तोड़ ना पाए हम ,

लम्हा - लम्हा उन जंजीरों में , फँसते चले गए हम ,

और एक भी कड़ी उनकी , 

ऐसी नहीं थी कि आजाद हो पाते हम   || 

 

तो दोस्तों अपने दिल को , इतनी आजादी मत दो ,

कि खुद ही कैदी ही बन जाओ तुम ,

तो पाओ अपनी आजादी ,

और पंछी की तरह उड़ते रहो तुम   || 

 

Tuesday, August 5, 2025

GUNGUNAA LO ( GEET )

 

                          गुनगुना लो 

 

दिल की गहराईयों में जो पनप रहा है , उसे पनपने दो ,

जो आँखों में बस रहा है , उसे बसने दो ,

शब्दों के भाव जो जग रहे हैं , उन्हें जगने दो   || 

 

शब्दों से रचते जा रहे हैं जो गीत , उन्हें रचने दो ,

उन गीतों को मीठे संगीत में पिरोने का ,काम करने दो ,

उन गीतों को जब मन करे तो तुम , उन्हें गुनगुना लो   ||  

 

हर भाव दुनिया से उतरता है जब दिल में , उसे उतरने दो ,

वो भाव दिल में उतरकर बस जाएँगे ,  तो बसने दो ,

उन्हीं भावों को याद करोगे तो मुस्कान आएगी ,उसे आने दो ,

मुस्कानों के खिलने से होंठ मुस्काएँगे , तो उन्हें मुस्काने दो  || 

 

Monday, August 4, 2025

PUKAAR CHANDAA KII ( CHANDRAMAA )

 

                           पुकार चंदा की 

 

पुकार सुनी किस - किस ने ? गगन  से चंदा की आती हुई ,

मगर सब समझ ना सके , कि ये किसकी पुकार है  ?

हमने जब सुनी उसकी पुकार ,

तभी हम चल पड़े मिलने को  || 

 

चंदा ने कहा - आओ मेरे , गगना के अँगना में ,

मेरी चंदनिया में , तुम भीग के चमक जाना ,

हम भी खुश हो गए , पाकर  उसका निमंत्रण  || 

 

जीवन की राह में मिले ,बहुत से दोस्त हमको ,

मगर चंदा जैसा कोई , और नहीं था दोस्तों ,

मुस्कान ने चंदा की , मानो हम पर जादू कर दिया  || 

 

Sunday, August 3, 2025

MUSKAAN MEIN ( GEET )

 

                          मुस्कान में 

 

दर्द को मुस्कान में छिपा लो यारों , 

नहीं बाँटो दूजों में यारों ,

दूजों में बाँटोगे तो मजाक ,बन जाओगे यारों ,

मुस्कान में दर्द को छिपाया ,

तो तुम शक्तिमान बन जाओगे यारों   ||  

 

दर्द की कड़वाहट  मुस्कान की  ,

चाशनी से मिली तो खत्म हो जाएगी ,

तो दर्द के भुलावे में डाल कर  ,

उससे दूर हो जाओ यारों ,

दर्द देने वालों को भी 

अपनी यादों से दूर कर दो यारों  || 

 

कीमत दर्द की बहुत , मुश्किल से अदा होती है ,

इतनी कीमत तो , मुश्किल से कमाई जाती है ,

इसी कीमत से , मुस्कान भी कमा लो यारों ,

इसीलिए अपने सारे दर्द को , मुस्कान में छिपा लो यारों  || 

 

 

 

 

 

Saturday, August 2, 2025

PUKAAR BADARAA KII ( JALAD AA )

 

                              पुकार बदरा की 

 

एक दिन बदरा ने कहा , हमसे पुकार के , 

आ जाओ सखि मेरी , मेरे अँगना में ,

पवन संग मिल के हम , डोलेंगे गगना में  || 

 

गगना का अँगना है ,  बहुत ही बड़ा सखि ,

इसमें पवन संग लहराते , रहेंगे हम दोनों ,

दुनिया में यहीं से , हम जल बरसाते रहेंगे  || 

 

प्यार हमारा पनपता , रहेगा हरदम ,

जीवन भी हमारा बढ़ता , रहेगा हरदम ,

रुकेगा ना कभी , काफिला हमारा ,

चलता रहेगा यूँ ही , जीवन हमारा  || 

 

Friday, August 1, 2025

RISHTAA ( KSHANIKAA )

 

                                   रिश्ता 

 

किसी का कहना है , जो साथ दे , उसका साथ दो ,

सही तो कहा है दोस्तों ,साथ देने वाले का साथी बनो ,

यही तो सुंदर रिश्ता होता है दोस्तों  ||

 

क्या कहा दोस्तों , जो धोखा दे  ?

जो धोखा दे , वो धोखेबाज है ,पर  तुम उसको धोखा ना दो ,

तुम धोखे बाज मत बनो दोस्तों , उसका विश्वास मत करो  ,

यही तो सच्चा रिश्ता है , उसके साथ दोस्तों  || 

 

जो प्यार करे ,उसे  प्यार करो ,वही तो हमदर्द है ,

प्यार की राह पे साथ ,चलने वाला  ही तो ,

सच्चा हमसफर है दोस्तों ,

यही तो प्यारा रिश्ता है , उसके साथ दोस्तों  || 

 

जो तुमसे नफरत करे ,तो तुम भी उससे प्यार ना करो ,

उसकी बनाई नफरत की राह पर ,

तुम मत चले चलो दोस्तों ,

यही तो रिश्ता , उसके साथ ठीक है दोस्तों  || 

 

Thursday, July 31, 2025

PUKAAR SAAGAR KII ( RATNAAKAR )

 

                             पुकार सागर की 

                 

पुकार जो सुनी हमने सागर की ,दिल में , लहरें मचल उठीं , 

मचल - मचल के वो बोलीं , चलो चलें , सागर तट पर ,

सुनकर  हम तो चल दिए , जाने को , सागर तट पर  || 

 

सागर की पुकार ने , बीते दिन , याद दिलाए ,

जब सागर संग हमने ,थे सुंदर , दिन बिताए  ,

सागर और हम बने , थे एक , दूजे के लिए  || 

 

सागर की गहराईयों में , हम जब ,डूबे दोस्तों ,

जीवन हमारा खुशनुमा ,मौसम ही , बन गया ,

संसार हमारा खिल गया , सागर के , घर जाकर  || 

 

Wednesday, July 30, 2025

APANE YAA SAPANE ( KSHANIKAA )

 

                            अपने या सपने 

 

क्या लिखूँ  दोस्तों  ? क्या कहा , मन की बात लिखूँ  ?

ऐसा करूँ तो शब्द रूठ जाते हैं  , सच रूठ जाता है ,

और सच में डूबे , शब्द लिख दूँ तो ,

मेरे अपने रूठ जाते हैं  || 

 

क्यों  ? सच उन्हें कड़वा लगता है , 

अपने ऊपर तीखा व्यंग्य लगता है , 

तो क्या करूँ ? ऐसा कैसे लिखूँ  ?

कि मन की भी इच्छा पूरी हो ,

सच में डूबे शब्द भी लिख पाऊँ , और अपने भी ना रूठें  || 

 

अपनों और सपनों में , एक बड़ा संबंध है दोस्तों ,

अपने हैं तो सपने सो गए , और सपने जागे तो अपने दूर हुए ,

हमने तो दोस्तों अपनों की खातिर ,सपनों को दूर कर दिया , 

ऐसा तो हो नहीं सकता दोस्तों , दोनों हमें मिल जाएँ  ||  

 

Tuesday, July 29, 2025

CHITTHIYAAN ( KSHANIKAA )

  

                                 चिट्ठियाँ 

 

बहुत समय बीत गया , चिट्ठी नहीं आई सखि ,

बरसों पहले तो हर , हफ्ते चिट्ठी आती थी सखि ,

प्यार भरी चिट्ठी पाकर , हम खुश होते थे सखि ,

मगर इस निगोड़े मोबाइल ने , हमारी ये खुशी है चुराई  ||  

 

आज तो ना कोई , डाक बाबू आता है सखि ,

इंतजार तो बढ़ता ही जाता , ना आती कोई चिट्ठी ,

प्यार में डूबे शब्द , लिखे उनकी कलम से नहीं मिलते ,

कोई तो कहो समय से , वापस लौटा दे  हमारी  चिट्ठी  || 

 

कौन लौटाएगा उस समय को , जब मिलेंगी चिट्ठियाँ  ?

मन डूब जाएगा पढ़कर , वो प्यारी पतियाँ  ,

क्या  कोई कर पाएगा मेरा काम , लौटाएगा बीता समय  ?

मेरे जीवन की वो चिट्ठियाँ ,प्यार ,मनुहार भरी चिट्ठियाँ सखि  || 

 

Monday, July 28, 2025

SAMBHAL JAO ( KSHANIKAA )

 

                                संभल जाओ 

 

सहयोग करो या बाँटो मुस्कान ,मत सोचो बढ़ेगी शान ,

ये गुण तो हैं दोस्तों , तुम्हारी अपनी सोचों की खान ,

इन गुणों को है तुमने अपनाया , इन्हीं में बसी तुम्हारी जान ,

सोचो तुम जो आया जग में ,वह है इस जग में मेहमान  || 

 

जब कोई जग से जाता है , पहुँचे वो परम पिता के धाम ,

आशीष जो उनका मिल जाता ,खिल जाती है उसकी मुस्कान ,

 तभी तो सुंदर समय बीतता , परम पिता के धाम  || 

 

इस जग को तुम , ऐ जग वालों ,रखो इसे संभाल ,

इसे भी उसी ने है बनाया , फूलों से भरा महकता बाग ,

तुम क्यों गड़बड़ करते , मत बिगाड़ो उसका बनाया धाम ,

संभल जाओ , संभल जाओ , संभल जाओ  || 

 

Sunday, July 27, 2025

SOCH APNII ( KSHANIKAA )

 

                              सोच अपनी 

 

चलो अपनी मर्जी से , अपनी सोच से ,

रास्ता आसानी से पार हो जाएगा ,

किसी अन्य की मर्जी मत अपनाओ ,

रास्ता बहुत मुश्किल हो जाएगा ,

कोई भी रास्ता पार नहीं हो पाएगा ,

पहुँच से दूर हो जाएगा  || 

 

रास्ते जिंदगी के फूलों से भर जाएँगे ,

अगर तुम मुस्काओगे  ,

रास्ते जिंदगी के खुश्बुओं से महक जाएँगे ,

अगर तुम खिलखिलाओगे  ,

तो खुशी - खुशी जिंदगी के रास्ते ,

अपनी मर्जी से पार कर जाओगे   || 

 

दूसरों की मर्जी , दूसरों की सोच ,

तुम्हें कभी मुस्कानें नहीं दे पाएगी ,

मगर उनको तुम कोई ,अहमियत मत दो दोस्तों ,

और प्यार भरी मुस्कान , अपने होठों पर सजाए जाओ  ||  

Saturday, July 26, 2025

SAHYOG ( AADHYAATMIK )

 

                                 सहयोग 

 

सहयोग जमाए रखो , मगर स्वयं का सहारा ना बनाओ ,

सहयोग करोगे जिसके साथ ,उसकी दुआ तुम पाओगे  ||  

 

उम्मीदों को दूर कर दो , उम्मीद दूसरों को दो ,

और उनकी उम्मीदें पूरी भी करो , कभी मत तोड़ो ,

उम्मीदों को सहारा बनाओगे तो उनके ,

टूटने पर तुम बहुत दुःखी हो जाओगे   || 

 

स्वयं को सुखी बनाए रखो , 

प्रीत - प्यार में स्वयं को डुबाए रखो ,

मुस्कानों को होठों पर सजाए रखो , 

गीत प्रीत के रचाए रखो , तभी तो दुनिया में  ,

मुस्कानों को बाँट पाओगे   || 

 

यही तो तुम्हारी पूँजी है , इसी को समेट कर  ,

तुम अपने कर्मों की गठरी के रूप में लेकर  ,

परमात्मा के पास जा पाओगे  ,

और उनका आशीर्वाद ले पाओगे   || 

 

Friday, July 25, 2025

TEDHE - KADAM ( KSHANIKAA )

 

                                टेढ़े - कदम 

 

जिंदगी ने बख्शीं  हमें सीधी - सीधी राहें ,

मगर हमें ही चलना नहीं आया ,

तो कैसे चलते सीधे हम उन राहों पर  ?

हम नहीं जानते सीधा चलना  ,

हमें तो आदत है  , टेढ़ी राहों पे चलने की    || 

 

दुनिया में आने वाला मानव ,

 टेढ़ी चाल लेकर आया , टेढ़ी सोच लेकर आया ,

दूसरों के जीवन में  , 

जिसने आतंक फैलाया , उनको दुःखी बनाया , 

उसे तो आदत थी , हर ओर डर फैलाने की  || 

 

चलो उसे पकड़कर  , हम सिखाएँ सीधा चलना दोस्तों  ,

हर गलत कदम से उसे दूर करें , सीधे काम सिखाएँ ,

उसे तो हम दिखाएँ राह , मुस्कानें फैलाने की   || 

 

Thursday, July 24, 2025

DARD ( JIVAN )

 

                                  दर्द 

 

अपने दर्द को टुकड़ों में काटकर , बाँट दो ना दूसरों में ,

वो सब तो मजाक ही बनाएँगे , तुम्हारे दर्द का ,

वो नहीं बनेंगे मरहम , तुम्हारे दर्द के लिए ,

तो अपने दर्द को समेट कर , रख लो अपनी तिजौरी में  || 

 

दर्द तो होता है सभी के जीवन में , 

किसी में कम , किसी में अधिक ,

तो दर्द को छिपाए रखो अपने दिल में , 

अपने दिल की मुस्कान में , 

जीवन को सुंदर बनाने के लिए , यह जरूरी है दोस्तों ,

तो समझो इस बात को , कि जीवन सुंदर होना जरूरी है  || 

 

अगर तुम्हारे दर्द को , जान ले कोई , और मजाक बनाए ,

तो तुम उसके मजाक को ,  हँस कर टाल दो दोस्तों ,

तुम अपनी तिजौरी की चाबी , फेंक कर दरिया में डाल  दो ,

कहावत तो आपने सुनी होगी , " नेकी कर दरिया में डाल ", 

तो तुम अपने दर्द को तिजौरी में , 

बंद कर चाबी दरिया में फेंक दो , 

और खुशी - खुशी अपना जीवन बिताओ ,

ईश्वर की बनाई इस सुंदर - सी दुनिया में   || 

 

Wednesday, July 23, 2025

DHAAII AAKHAR ( DOHA )

 

                              ढाई  आखर 

 

संत कबीर दास जी ने कहा था दोस्तों -- ,

पोथी पढ़ि - पढ़ि जुग  भया , पंडित भया ना कोय ,

ढाई आखर प्रेम का , पढ़े सो पंडित होय  || 

 

दोस्तों सच है , बिल्कुल सच है ,

पर हम कुछ अलग कहना चाहते हैं ,

पोथी पढ़ि - पढ़ि जुग भया , अपना भया ना कोय ,

नहीं पढ़ा पाठ उन्होंने प्रेम का , तो अपना कैसे होय  ?? 

 

 कौन पढ़ाए पाठ उन्हें प्रेम का ? कैसे उन्हें समझाएँ  ?

रिश्तों की महिमा उन्हें , कैसे और कौन समझाए  ?? 

 

कौन लेगा ये जिम्मेदारी आज दोस्तों  ?

क्या आप ले सकते हैं , या कबीर दास जी  ?

काश आज वो होते तो , कितना अच्छा होता   ?? 

ठीक कहा ना मैंने  ?? 

 

Tuesday, July 22, 2025

INSAANIYAT ( KSHANIKAA )

 

                                      इंसानियत 

 

जब चाहा हमने , प्यार करना मानवता से ,

विश्वास करना इंसानियत पे , 

तब हमारा विश्वास कायम रहा दोस्तों ,

ये विश्वास दिलो - दिमाग में रहेगा ,

तो इंसानियत भी जिंदा रहेगी ,

मुस्कान को जगा कर ,इन सब को जगाए रखो   || 

 

प्यार करने से मानवता सुरक्षित रहेगी ,

और मानव का संसार भी , 

तभी तो ये दुनिया भी सुरक्षित रहेगी , और ब्रह्मांड भी ,

पूरे ब्रह्मांड में मुस्कानों का खजाना फैलेगा , 

तारों की तरह मुस्कानें भी चमकेंगी  || 

 

गगन में जब मानवता और इंसानियत के लिए ,

प्यार और विश्वास की मुस्कानें टिमटिमाएँगी ,

तभी तो धरती का आँचल भी उनसे जगमगाएगा ,

तो दोस्तों बताओ , क्या आवश्यक है  ?

प्यार , विश्वास , धरती के आँचल की जगमगाहट ,

स्वयं भी मुस्कुराइए और जीवन को भी जगमगाइए   || 

 

KAREEB DIL KE ( KSHANIKAA )

 

                       करीब  दिल के 

 

दिल के कुछ दर्द ऐसे होते हैं , 

जो बताए नहीं जाते किसी को भी ,

उनकी कोई दवा भी नहीं होती ,

और ना ही दुआ उन पर असर करती ,

तो कैसे उसे ठीक करें हम दोस्तों  ? कोई इलाज तो बताओ  || 

 

उस दर्द के लिए कोई , एक्स - रे भी नहीं किया जा सकता ,

जिससे कोई डॉक्टर , कर सके उसका इलाज ,

और हमें मिल सके ,आराम जीवन में  || 

 

दिल के जुबां नहीं होती , कि  वह  अपना दर्द बता सके ,

जुबां के दिल नहीं होता , कि दिल का दर्द बता सके ,

दिल के दर्द भी ,हर किसी  को बताए  नहीं जाते ,

क्योंकि हर कोई दिल के , बहुत करीब नहीं होता  ||  

 

Sunday, July 20, 2025

OONCHAAIYAAN ( KSHANIKAA )

 

                            ऊँचाईयाँ 

 

कीमत मेरे प्यार की , कब समझोगे तुम  ?

प्यार के बदले प्यार ही , कब भेजोगे तुम  ?

जीवन की राहों में , दौड़ लगाना बहुत जरूरी है ,

तो बता दो मुझको , कब मेरे संग दौड़ोगे तुम   ?? 

 

आसमान की ऊँचाईयाँ  बहुत हैं , 

मगर चढ़ना  तो बहुत  जरूरी है ,

तो आज तुम बता दो , उन ऊँचाईयों को ,

कब तक पा लोगे तुम   ?? 

 

थाम लो सीढ़ी , जो गगन तक जाती है ,

उस पर चढ़ कर , गगन तक पहुँचो तुम ,

मैं भी उसी सीढ़ी पर चढ़ कर , पहुँचुँगी  गगना तक ,

तभी तो प्यार तुम्हारा पाऊँगी ,

ऊँचाईयों पर पहुँचे इंसान को   ही  ,

प्यार की अनमोल दौलत मिलती है  || 

 

Saturday, July 19, 2025

SHABD SUNAHARE ( KSHANIKAA )

 

                                शब्द सुनहरे 

 

सुनहरे शब्दों ने कहा हम से , पिरो लो हमको एक लड़ी में ,

ताकि हम भी जुड़ सकें , किसी के दिल की कड़ी में ,

जीवन सभी का जुड़ा रहे , किस्मत से बंधी लड़ी में ,

उन्हीं शब्दों की लड़ी को , पिरो लो दिल की घड़ी में  || 

 

शब्दों से बनी कहानी , हमारी जिंदगी से जुड़ी ,

जिंदगी जो चलती जा रही ,हर पल और हर घड़ी ,

कोई भी शब्द ऐसा नहीं , जो अपना रंग छोड़ दे  ,

हर शब्द पर जो रंग चढ़ा , वो डूबा था प्यार में  || 

 

शब्दों के इस जहां में , सबसे है कीमती ,

जिंदगी की वो घड़ी , जो थी प्यार में डूबी  || 

 

Friday, July 18, 2025

KAHAANII HMAARII ( KSHANIKAA )

 

                         कहानी हमारी 

 

मिले जो लेखनी को वरदान , बहुत से शब्दों का भंडार ,

जिससे हम लिख लें , कहानी अपने जीवन की ,

हम जो चाहें वही हमारी , कहानी में फले ,

हमारी मनचाही राह पर , हमारी कहानी चली चले  || 

 

हम जो चाहें वैसे ही , कहानी में पात्र मिलें  ,

जो प्यार और मुस्कान में , डूबें  और  डुबाएँ ,

उन पात्रों पर हम , पूर्ण विश्वास कर पाएँ ,

वो पूरी तरह से , विश्वास पात्र बन जाएँ  || 

 

लेखनी से हमारी , निकलें मीठे -  मीठे  बोल ,

उन बोलों से मिलकर , हम रच लें मीठे - मीठे गीत ,

उन  गीतों से आए , सब चेहरों पर मुस्कान ,

उन्हीं गीतों से उपजे , सब के दिलों में संगीत  || 

 

तो दे दो ये वरदान , हमारी लेखनी को ,

शब्दों का भंडार ,  बसा दो लेखनी में   || 

 

Thursday, July 17, 2025

TAANAA - BAANAA ( JIVAN )

 

                             ताना - बाना 

 

जिंदगी की चादर जो ओढ़ी हमने ,

साँसों के ताने - बाने मिले ,

उनमें उलझनों की सिलवटें भी हैं ,

मगर मुस्कानों के फूल भी हैं ,

तो दोस्तों साँसों के ताने - बाने में ,

फूल खिलाते जाओ  || 

 

हमारे पास तो ना सुईं है , और ना ही धागा है ,

जो ताने - बाने में बनने वाले , 

छेदों को रफू कर लें ,

तो दोस्तों ताने - बाने को ,

ठीक रखने के लिए मुस्कुराते जाओ  || 

 

एक बात बताऊँ दोस्तों ,

ताने - बाने को ठीक रखने के लिए ,

मुस्कुराहट जरूरी है और , 

मुस्कुराहट के लिए प्यार जरूरी है ,

तो दोस्तों  ताने - बाने को सुंदर ,

रखने के लिए प्यार करते जाओ   || 

 

Wednesday, July 16, 2025

KHULE DIL SE ( KSHANIKAA )

 

                            खुले दिल से 

 

मत सोचो कौन , कब और क्यों बदल गया  ?

ये सब तुम्हारे वश में नहीं है दोस्तों , तो सोचो भी क्यों  ?

तुम स्वयं भी तो बदल रहे हो दोस्तों ,

उम्र बढ़ रही है , साथ में शरीर में बदलाव आएँगे ही   || 

 

शारीरिक शक्ति भी कम होती जाती है ,

सहन शक्ति की सीढ़ी ,कदमों को उतारने लगती है ,

पुरानी यादें दिल में उमड़कर , सीढ़ी चढ़ जाती हैं  ,

तो दोस्तों मत सोचो ,  ऐसा क्यों हो रहा है  ?? 

 

सब कुछ कैसे , और  क्यों बदलता है   ?

बदलाव है जीवन का नियम , प्रकृति का नियम ,

तो फिर ये क्यों और कैसे  , कब और कौन  ?

हर बदलाव को स्वीकार करो , खुले दिल से   || 

 

Tuesday, July 15, 2025

GAVAAH ( AADHYAATMIK )

 

                               गवाह 

 

बाँध ले गठरी कर्मों की , सत्कर्मों की बंधु ,

वही तो काम आएगी , हमारे साथ जाएगी ,

जब अंत समय हमारा आएगा , वही तो साथ निभाएगी ,

परमात्मा के दरबार में , वही तो गवाह बन जाएगी   || 

 

वहाँ तो गवाही सत्कर्म ही देंगे , वही सहारा देंगे हमको ,

वही तो परमात्मा के साथ , हमें रख पाएँगे ,

उनका प्यार दिलाएँगे , उनका आशीष दिलाएँगे ,

तो बंधु जीवन भर , गठरी में सत्कर्म बाँध लो   || 

 

कीमत सत्कर्मों की जानो तुम  , ये ही सच्चे साथी हैं ,

प्यार परमात्मा का लेने को , ये ही सच्चे साथी हैं  ,

आशीष तभी मिलेगा तुम को , जब सच्चे साथी होंगे  ,

तो बंधु समझ गए ना   ??

  

Monday, July 14, 2025

WAFAADAAR ( KSHANIKAA )

 

                          वफादार 

 

दिल ले के चला गया , और धोखा दे गया कोई ,

वादे वफा के कर के , बेवफा हो गया , दिल में रहने वाला ,

हाथ मलते हम रह गए , और धोखा खा गए   || 

 

ऐसे में क्या करते हम  ?  कैसे उसे बुलाते  ? 

जिंदगी की राहों में काँटे बिछा गया , धोखा दे गया ,

उदासियाँ पिरो गया , हमारे होठों की मुस्कानों में   || 

 

काश समझ लेता वो , हमारे दिल की धड़कनें ,

कायम रहने देता वो , हमारे होठों की मुस्कानें ,

दिल ले लिया उसने , मगर मुस्कानें तो वापस कर दे ,

जिंदगी की राहों से , काँटे तो साफ कर दे ,

बेवफाई को दूर करके , वफादार बन जाए   || 

 

Sunday, July 13, 2025

AHANKAAR ( AADHYAATMIK )

 

                       अहंकार  

 

अहंकार में डूबे बंदे , तू क्यों इतना  इतराए  ?

जीवन तो उसने दिया है , और वो ही इसे चलाए ,

क्या तूने कमाया है ? क्या तूने समेटा है  ? 

तू तो इतना भी ना जाने , ये सभी उसी ने दिया है  || 

 

उसी से पाए हुए को , उसी को तू दिखलाता है ,

उसी को अपनी कमाई कह कर , तू अपना हक जतलाता है ,

खुद को  ऊँचासमझ कर , दूजों को  नीचा दिखलाता है  ,

अगर वो अपना दिया ले लेगा , तो तू क्या कर जाता है  ??

 

ना जाने तू कब समझेगा  ? आज तक तो तू नहीं समझा ,

लिया  तूने झोली भरकर , शुक्रिया ना बोला उसको ,

फिर जीवन में क्या किया  ? व्यर्थ ही जीवन बिताया ,

अब संभल जा बंदे , जीवन को व्यर्थ ना बिता अपने  ,

जीवन को सफल कर ले  , सफल कर ले  || 

 

 

Saturday, July 12, 2025

FAISLAA ( SAMAJIK )

 

                            फैसला 

 

कीमत तुम्हारे बोलों की क्या है बंधु  ?

 क्या तुम जानते हो  ?

प्यार भरे बोलों की कीमत , तो अनमोल है ,

तुम जानो दोस्तों  ,

नफरत भरे बोल की कीमत तो ,

कुछ भी नहीं है दोस्तों   || 

 

क्या तुम अनमोल बोल देना , पसंद करोगे  ?

बताओ जरा ,

इन बोलों को देकर तुम , अनमोल ही तो कहलाओगे ,

सोचो जरा ,

तो दोस्तों तुम इसी कदम को बढ़ाओ ,

और प्यार भरे बोल दूसरों को दो  || 

 

क्या तुम नफरत फैलाने में , अपना कदम बढ़ाओगे  ?

बताओ तो ,

तो क्या कीमत पा जाओगे तुम  ?

सोचो जरा इस बात को ,

ये तो साँप - सीढ़ी जैसा खेल है दोस्तों  ,

प्यार सीढ़ी के समान है , और नफरत साँप जैसा ,

अब फैसला तुम्हारा है दोस्तों , 

चुन  लो कुछ भी , जो तुम चाहो  || 

 

Friday, July 11, 2025

WAAPIS ( AADHYAATMIK )

 

                         वापिस 

 

कल को भूल जा बंदे , ना फिक्र कर जो बीत गया ,

आने वाले पल की फिक्र भी , करने से क्या होगा  ? 

जो लिखवा कर लाया है  , वह तो होगा ही होगा  || 

 

अभी तू अच्छे कर्म कर बंदे , वही तेरे हाथ में है अब ,

समय की गठरी में तो , वही कर्म बाँधे जाएँगे ,

वापिसी पर तेरे संग , वही तो कर्म जाएँगे  || 

 

प्यार तू बाँट दे सब में , वही तो कर्म है तेरा  ,

ये जग तो बंदे , है तेरा रैन बसेरा  ,

जितने दिन को तू आया है , उतना ही तुझे रहना  ,

उसके बाद तो बंदे , वापिस तूने जाना है  || 

 

Thursday, July 10, 2025

MAUKAA ( KSHANIKAA )

 

                                  मौका 

 

जिंदगी हर किसी को , एक समान मौका नहीं देती ,

सबको मिलने वाले मौके , अलग - अलग होते हैं ,

चिंता करनी व्यर्थ है दोस्तों , सबको  अपनी सोच के  ,

 अनुसार ही , उस मौके का प्रयोग करना होता है   || 

 

आपकी सामर्थ्य ही , उस मौके का लाभ दिलाएगी ,

तो पूर्ण सामर्थ्य के अनुसार , उसका लाभ उठाइए ,

और अपने जीवन को , ऊँचाइयों तक ले जाइए ,

तभी तो मंजिल , अपनी पाओगे दोस्तों   || 

 

शांत मन से फैसला करोगे , तो सब उत्तम होगा  ,

अगर आपका मन अशांत होगा , तो कुछ भी उचित नहीं होगा ,

अब सोच लो दोस्तों , आपका क्या निर्णय है   ?? 

 

Wednesday, July 9, 2025

RAAHEN ( JIVAN )

 

                                राहें 

 

दुनिया की और जिंदगी की , सभी राहें सीधी हैं दोस्तों ,

मुश्किल उन्हीं को होती है , जिसकी चाल टेढ़ी होती है  || 

 

दुनिया में और जिंदगी में , मुस्कानें बिखरी हैं  ,

सोचों की उदासियाँ छोड़ कर  , मुस्कानें समेट लो  || 

 

मुस्कानों को समेटते ही , तुम्हें दुनिया को देखने का  ,

नजरिया ही बदल जाएगा ,

हर ओर फूलों के  रंग नजर आएँगे  || 

 

उन रंगों को देखते ही , उनमें छिपी तितलियाँ ,

और महक को , महसूस करोगे तुम दोस्तों  ,

तो तुम्हारा जीवन ही , महक जाएगा दोस्तों  || 

 

Tuesday, July 8, 2025

CHAMCHAMAATII ( CHANDRAMAA )

 

                            चमचमाती 

 

चाँद जब चमकता है  रातों में , रात चमचमाती ,

रात के अँधेरे में भी ,चाँदनी चमचमाती ,

नीले गगना पे हैं , तारे झिलमिलाते  ,

सभी धरावासियों के होठों पर , मुस्कान  लाते   || 

 

खिलखिला कर  रात को , चंदनिया चमचमाती ,

जिससे रात की भी तो , कालिख धुल जाती  ,

रात के अँधेरे में छुपी , राहें भी उजलातीं  ,

जिससे सभी राहगीरों के सामने , राहें चमचमातीं  || 

 

चाँद भी तो गगना में , मुस्कुराता है ,

सभी धरावासियों को , मुस्काना सिखाता है ,

मुस्कुरा कर सभी मानो , नया जीवन पाते हैं  ,

तभी तो चाँद और चाँदनी के , किस्से गाते हैं   || 

 

Monday, July 7, 2025

MOD JINDGII KE ( KSHANIKAA )

  

                           मोड़ जिंदगी  के 

 

जिंदगी कितने मोड़ लाती हो  ? थकती नहीं हो क्या  ?

सबकी जिंदगी में लाती हो , या कुछ जिंदगियाँ चुन लेती हो  ?

हम प्यार तुम्हें करते हैं , क्या तुम भी हमें प्यार करती हो  ??

 

मोड़ों से अक्सर लोग घबराते हैं , मोड़ों को छोड़ जाते हैं  ,

या मोड़ों की भूल - भुलैयाँ में फँस जाते हैं , तो क्या करना जरूरी है  ? 

मोड़ों के साथ मुड़ते - मुड़ते , मन शांत रखकर ध्यान रखिए  || 

 

मन  के शांत  रहने पर , दिल - दिमाग ठीक निर्णय लेते हैं ,

और आगे कदम बढ़ाते ,चले जाते हैं दोस्तों  ,

और जिंदगी को सुंदर तरीके से , बिताते चले जाते हैं   || 

 

तो मोड़ों से घबराइए ना , आगे बढ़ते जाइए  ,

जिंदगी जो मिली है , उसे दिल से अपनाइए ,

अपने क़दमों के निशां , इस जग में छोड़ते जाइए  || 

 

Sunday, July 6, 2025

ULJHAAYAA ( JALAD AA )

 

                             उलझाया 

 

बदरा जब दामिनी के साथ , गगन में छाया ,

उसने  बूँदों के हाथ एक , पैगाम भिजवाया ,

मेरा प्यार अपनाओ , मेरे प्यार में खो जाओ  || 

 

दामिनी ने भी अपनी चमक में ,सब को समाया ,

सब को अपनी चमक से लुभाया ,

उसका प्यार इतना , शक्तिशाली था ,

कि उसने सभी में , प्यार  का जादू जगाया  || 

 

सब बह  गए , बदरा की बूँदों में ,

बदरा का प्यार पहुँचा , सभी की राहों में ,

दिल मुस्कुरा के बदरा के , प्यार में डूबे ,

खिलखिला कर बूँदों ने , अपना जाल बिछाया ,

सभी दिलों ने उस  जाल में , खुद को उलझाया ,

आओ दोस्तों , हम भी उसी , जाल में उलझ जाएँ   || 

 

Saturday, July 5, 2025

GYAAN ( GEET )

 

                                   ज्ञान 

 

ज्ञान से भरा पड़ा संसार बंधु  , 

ज्ञान से भरा पड़ा संसार  ||  

 

तुम भी उससे कुछ गुण चुन लो , अपना उन्हें बना लो ,

उनसे ही तुम अपने , मन - मंदिर को सजा लो बंधु ,

ज्ञान से भरा ------  || 

 

हर बगिया तुमसे है कहती , जीवन रंगीन बना लो ,

महक से फूलों की तुम , जीवन अपना महका लो बंधु ,

ज्ञान से भरा ------   || 

 

सुंदर सी मुस्कान को तुम , होठों पर अपने सजा लो ,

उन्हीं मुस्कानों को तुम , दूजों से बंटा लो बंधु ,

ज्ञान से भरा  ------  || 

 

यही ज्ञान जो सिमटा दिल में , दूजों में बाँटोगे ,

तभी तो तुम दुनिया में , नाम को बड़ा बना लो बंधु  ,

ज्ञान से भरा  ------  || 

 

Friday, July 4, 2025

BHINN - BHINN ( RATNAAKAR )

 

                         भिन्न - भिन्न 

 

सागर बने जब धरा पर , अतुल जल का भंडार ,

जीवन उपजा सागर में , बना तभी संसार ,

अलग - अलग बनीं योनियाँ , बने  अनगिन  प्रकार ,

भिन्न - भिन्न ही था , उन सबका आकार  || 

 

सागर के अंदर , जीवन  ने ली एक अँगड़ाई ,

अलग - अलग था उनका भी रूप - रंग ,

अलग - अलग थे उनके भी ढंग ,

जिनको देख सभी जन , रह जाते हैं दंग  || 

 

बने जंतु और जीव , पेड़ - पौधे भी बने , 

सभी का अलग प्रकार का जीवन था ,

रूप - रंग सबका अलग , जीवन यापन सभी अलग ,

इसी तरह सभी की उपयोगिता अलग  || 

 


 

Thursday, July 3, 2025

NAJAR ANDAAJ ( KSHANIKAA )

 

                              नजर  अंदाज 

 

होती सभी की इच्छा , एक अच्छा , सुंदर सा घर हो ,

मगर अच्छे और सुंदर , घर का मापदंड क्या है दोस्तों  ?

घर में रहने वाले अगर , प्यार की डोर में बँधे हों , 

एक दूसरे  की परवाह करते हों , 

तो घर अच्छा और सुंदर है दोस्तों  || 

 

जीवन जीने का अंदाज , ऐसा रखो बंधु  ,

जो तुम्हारी परवाह ना करे , तो उसको नजर अंदाज करो बंधु  ,

तभी तो तुम जीवन को भी ,

अच्छा और सुंदर बना पाओगे दोस्तों  || 

 

जीवन में व्यस्तता  जरूरी है ,मगर इतनी भी नहीं ,

कि अपने लिए ,   समय ही ना पा सको तुम ,

खाली बैठे ना रहो हमेशा , मगर कुछ समय तो  ,

अपने अंतर्मन में झाँकने के लिए , रख ही लो बंधु ,

अंतर्मन को भी तो , सुंदर और अच्छा रखना है ना दोस्तों  ?? 

 

Wednesday, July 2, 2025

SUNO DOSTON ( KSHANIKAA )

 

                          सुनो दोस्तों 

 

तराना यादों का बज उठा आज , सुनो दोस्तों  ,

सब के दिलों  घायल कर गया , सुनो दोस्तों  ,

तुम भी तो आज नाच उठो , गा उठो , सुनो दोस्तों  || 

 

जीवन संगीत ने मधुर गीत गाए , सुनो दोस्तों ,

प्यार की धड़कन दिल में धड़की , सुनो दोस्तों ,

होठों पे प्यारी मुस्कान भी चमकी , सुनो दोस्तों  || 

 

कलम से सुंदर शब्द जो चमके , सुनो दोस्तों ,

सुंदर शब्दों से मिलकर मीठे गीत महके , सुनो दोस्तों ,

गीतों को दिल में बसाकर पैर थिरके , सुनो दोस्तों   || 

 

Tuesday, July 1, 2025

DIL - O - DIMAAG ( KSHANIKAA )

 

                         दिल - ओ - दिमाग 

 

समझ हमारे दिल और दिमाग की , आपस में भिड़ गईं दोस्तों ,

दिल ने कहा  ---- क्यों ढूँढते हो तर्क , हर बात में दिमाग तुम ,

किसी बात को  तो भावनाओं से , जोड़कर देखो दिमाग तुम , 

किसी बात की गहराई में , डूबकर देखो दिमाग तुम ,

हर बात में तर्कों का , गणित बिठा लेते हो दिमाग तुम ,

ना कोई प्यार बसा है , ना कोई मुस्कान खिली है होठों पर ,

कैसे रूखे से व्यवहार को , अपनाए हो दिमाग तुम   ?? 

 

अब दिमाग ने कहा ---- तुम तो दिल ,हर बात  में भावों में डूब जाते हो ,

प्यार और मुस्कानों की छाँव में , बैठ जाते हो दिल तुम ,

व्यवहार बेशक तुम्हारा मीठा है , भावों को समझते हो दिल तुम ,

तभी तो अपनों और दूजों के हाथों , लूट लिए जाते हो दिल तुम ,

कुछ तो समझो , कुछ तो जानो , इस दुनिया के तौर - तरीके ,

नहीं तो सब कुछ लुटाकर , आँसू बहाओगे दिल तुम  || 

 

फिर एक बात समझे दोनों , चलो हम आपस में जुड़ते हैं ,

एक दूसरे के गुणों को अपनाकर , रास्ता अलग बनाते हैं ,

और अपना जीवन सुखद बनाते हैं , मिलकर हम बनाते हैं ,

दिल - ओ - दिमाग के अनुसार  --- प्यार और मुस्कानों में ,

तर्क भरी सोच का गणित मिला कर ,

एक अलग सोच बनाते हैं , और नयी जिंदगी बना लेते हैं  || 

  

Monday, June 30, 2025

JAAN - PAHCHAAN ( KSHANIKAA )

 

                                  जान - पहचान 

 

जिंदगी उलझती जाती है जब ,  कुछ अनसुलझे हालातों से ,

हम नहीं गुजर पाते हैं आसानी से , उन सभी बातों से ,

आगे के पल भी तब तो , महसूस होते हैं अनजाने से  || 

 

कैसे सुलझाएँ हम ,  सभी अनसुलझे हालातों को ?

राहें  भी अनजानी हैं , मोड़ भी अनजाने से ,

कोई बताए उन राहों , और मोड़ों के पार जाने का तरीका  || 

 

चलो दोस्तों सभी जगहें , अनजानी ही होती हैं ,

मगर हौसले बुलंद रखो तो , पहचानी हो जाती हैं ,

तो आओ  दोस्तों सभी से , जान - पहचान कर लें   || 

 

Sunday, June 29, 2025

GEET BANE ( AADHYAATMIK )

 

                                गीत बने 

 

कलम हमारी चलती जाए , 

शब्दों का भंडार जो दिया है तुमने ,

तुम तो माँ शारदे मेरी , 

शब्दों का खजाना दिया तुमने ,

कलम तुमने दी , शब्द दिए तुमने , तभी तो गीत बने  || 

 

आशीर्वाद तुम्हारा है माँ , वरदान तुम्हारा है माँ ,

सोच भी तुमने दी  है माँ  , मुस्कान भी तुमने दी है माँ ,

इन सब के मिल जाने से ही , तो माँ गीत बने  || 

 

अपना प्यार बनाए रखना , आशीष भी बनाए रखना ,

तुम तो सारे जग की  माता , अपना साथ बनाए रखना  ,

तभी तो सारे जग में माता ,  मीठे - मीठे गीत बने  || 

Saturday, June 28, 2025

SANSAAR - PAAR ( KSHANIKAA )

 

                            संसार  -  पार 

 

परिस्थितियाँ ही सिखा जाती हैं  सब कुछ ,

जो कोई पुस्तक , कोई पुस्तकालय , नहीं  सिखा पाता ,

तो परिस्थितियों का सामना करना , सीख लो दोस्तों  || 

 

सोच को अलग - अलग सीढ़ी पर , ना चढ़ाओ ,

एक ही सीढ़ी पकड़कर , उस पर चढ़ जाओ ,

तभी तो पूरी सीढ़ी पार , कर पाओगे दोस्तों   || 

 

सोच लो सीढ़ी पकड़कर , दृढ़ निश्चय कर लो ,

आपका दृढ़ निश्चय ही , संसार - पार कराएगा ,

आपकी मंजिल तक , आपको पहुँचाएगा दोस्तों   || 

 

 ईश्वर  पार   कराएगा , इस पूरे संसार को ,

अपना आशीष वो देगा , आपके जीवन को ,

 और बढ़ा देगा ईश्वर ,  आपकी मुस्कान को दोस्तों   || 

 

Friday, June 27, 2025

MODD ( JIVAN )

                      

                                मोड़ 

 

जिंदगी में आए अनेकों मोड़ , 

कोई आया छोटा और कोई बड़ा , 

कोई मोड़ था आसान , और कोई था  मुश्किल ,

मगर पार तो सभी करने थे , चाहे हम कर पाएँ या नहीं  || 

 

किसी मोड़ को पार करके , हम खुश हो गए , 

और किसी मोड़ को पार करके ,

हम दुःखी हुए , मगर क्या करते  ?

सभी मोड़ तो पार करने जरूरी थे ,

जीवन जीना तो जरूरी है दोस्तों  || 

 

जिंदगी के सभी मोड़ , सिखलाते गए हमें  ,

एक - एक नई सीख , हमारी सीखों का ,

पिटारा भरता गया , भरता गया ,

और हमारा जीवन एक - एक ,

सीढ़ी चढ़ता गया , चढ़ता गया दोस्तों   || 

 

Thursday, June 26, 2025

GATHARII APNII ( AADHYAATMIK )

 

                           गठरी अपनी 

 

ऊपर वाले ने हमारे लिए  , तय की हुई है यात्रा  ,

अपने पास बुलाने की , समय भी तय किया हुआ है  ,

सामान तय किया हुआ है , यदि वही सामान हमारा होगा ,

तो उसका वजन तय नहीं है , 

हम जितना चाहें , उतना ले जा सकते हैं  || 

 

यदि सामान वह नहीं है , तो हम नहीं ले जा सकते ,

यहीं पर छोड़ना होगा , हम खाली हाथ जाएँगे ,

तो दोस्तों सामान ले जाने  लिए ,

हमें वही सामान इकठ्ठा करना होगा , जो उसने तय किया है  || 

 

दोस्तों वह सामान है , अच्छे और सुंदर कर्म ,

दूसरों की मदद करना , उनके होठों पर मुस्कान सजाना , 

हमें वही  कर्म करने हैं , उन्हें ही इकठ्ठा करना है ,

तो चलो अपनी गठरी में , वही कर्म एकत्रित करते हैं  || 

 

Wednesday, June 25, 2025

VAADON MEIN ( KSHANIKAA )

 

                                 वादों में 

 

हर कदम आसान नहीं होता , कुछ कठोर होते हैं ,

हर कदम आराम नहीं देता , कुछ बेआराम करते हैं ,

मगर रोको ना कदमों  को , कदम उठाना जरूरी है ,

जीवन की राहों में दोस्तों , चलना जरूरी है  || 

 

कर्मों को तो दोस्तों , करना जरूरी है ,

चाहे उनसे मिले सफलता , या मिले असफलता ,

मगर कर्मों के बिना तो , जीवन अधूरा  है ,

तो किए जाओ कर्म , जीवन जीना तो पूरा है  || 

 

करो ऐसे कर्म , कि निशां बाकी रहें जग में ,

सुकर्मों का खाता तुम्हारा , अधूरा ना रहे जग में ,

उठाओ वो कदम कदम , बस जाओ यादों में  ,

किसी की मुस्कानों में , अपने निभाए वादों में  ,

जी हाँ , निभाए हुए वादों में  ||  

Tuesday, June 24, 2025

GAANTH ( JIVAN )

 

                              गाँठ 

 

हालातों को ऐसा ना होने दो यारों , 

कि तुम संभाल ना सको , और रिश्ते टूट जाएँ  ,

रिश्ते टूटे तो उनमें ,गाँठ पड़ जाएगी ,

गाँठ पड़ने से रिश्तों में दरार आएगी ,

और हिम्मत टूट जाएगी  || 

 

रिश्ते सुंदर बने रहें , हिम्मत टूटे नहीं  ,

इसलिए हालातों का ,स्वास्थ्य अच्छा बनाएँ  ,

खुद को , हिम्मत को , रिश्तों को ,स्वस्थ रखें , मस्त रखें  || 

 

हालातों  से जो समझौता करोगे तो ,

जीवन स्वस्थ रहेगा , मस्त रहेगा ,

मुस्कानों को अपनाओ , तो कुछ भी ना बिगड़ेगा ,

और जीवन सुचारु रूप से चलेगा  || 

 

दुनिया में जीवन को , सुंदर बनाने में जो ,

मदद करे दोस्तों , वही सच्चा दोस्त है ,

जो सलाह ना देकर , अपना समय दे  ,

हाथ बढ़ाकर सहारा दे , वही तो सच्चा दोस्त है  || 

 

Monday, June 23, 2025

JEEVANT ( JIVAN )

 

                             जीवंत 

 

जिन देवों ने अवतार लिया , मानव का स्वरुप लिया ,

जीवन मानव का ही जिया , संघर्ष भी पूरा ही किया ,

तो मानव जीवन पाकर , हम क्यों संघर्ष से डरें  दोस्तों   ?? 

 

कीमत जीवन की जानो तुम , संघर्षों से कुछ सीखो तुम  ,

तभी तो ज्ञान बढ़ेगा दोस्तों  , साथ ही हौसला बढ़ेगा  बंधु  ,

देवों का आशीर्वाद भी , मिलेगा तुमको दोस्तों  || 

 

प्यार को भी जीवंत , बना लो दोस्तों ,

चाहतों में दिल को , डुबा लो दोस्तों ,

मुस्कानों को होठों , पर सजा  दोस्तों  ,

जीवन को हाथों से , फिसलने ना दो दोस्तों  || 

 

Sunday, June 22, 2025

BHAAV - RANG ( KSHANIKAA )

 

                               भाव  -  रंग 

 

 रंगों की इस दुनिया में , सारे ही रंग तो  बिखरे हैं ,

  उन सारे रंगों में , जीवन के सारे भाव छिपे हैं ,

हर रंग के लिए , एक अलग भाव है  || 

 

इन्हीं भावों के साथ , अपने होठों की ,

मुस्कान जोड़ दो दोस्तों , मुस्कुरा दो ,

और कुछ रंगों को , अपना लो  || 

 

रंगों को अपनाओगे , तो भाव खुद ही आ जाएँगे ,

तो दोस्तों भाव और , रंग को साथ जोड़िए  ,

दोनों ही हाथ मिला कर , आपके दिल में , समाएँगे  ,

और आपकी , मुस्कानों को बढ़ा देंगे  || 

 

Saturday, June 21, 2025

NAACHEGAA SANSAAR ( AADHYAATMIK )

 

                            नाचेगा संसार 

 

रंग फूलों  को  मिला  ईश्वर से ,महका चमन ,

चमन के महकने से , महक गया जग वालों का मन ,

मन के महकने से , खिली होठों पे मुस्कान ,

मुस्कान में ही डूबकर , छेड़ी दिल ने तान  || 

 

कलम ने जो बोल लिखे , बने उनसे मीठे गीत ,

तान ने गीत को सहेज कर , रचा दिया संगीत  ,

दिल मचल कर गा उठा , सुर और लय की हुई जीत ,

जिन्हें पसंद आया वो बोले , बहुत ही सुंदर गीत  || 

 

दोस्तों तुम भी साथ दो , छेड़ो दिल के तार ,

गुनगुनाओ मेरे गीत , फैला दो चहुँ ओर प्यार ,

इसी प्यार को इतना बाँटो , नाच उठे संसार ,

प्यार से नाचेगा संसार ,तो मिलेगा हमें ,

ईश्वर का आशीष और , ईश्वर का प्यार   || 

 

Friday, June 20, 2025

MAHAKAA LO ( JIVAN )

 

                              महका लो 

 

जो पल बीत गए यारों , अपनी वो यादें छोड़ गए  ,

जो कल आएँगे यारों , अपने संग क्या वो लाएँगे  ?

बीते पल को बदल नहीं सकते ,

भावी कल को जान नहीं सकते  ,

तो फिर चिंता कैसी  ?  आने दो कल को   || 

 

जैसा भी हो , व्यतीत समय तो होता है ,

ना वो रुकता है , ना रोका जा सकता है ,

ना ही उसको  ,बदला जा सकता है  ,

तो फिर चिंता कैसी  ? उसे तुम स्वीकार करो  || 

 

समय नहीं घड़ियों का  कैदी , ये तो दिल की धड़कन  ,

समय नहीं द्वारों का कैदी  , ये तो खुला झरोखा  ,

समय नहीं काँटों का कैदी , उससे जीवन महका लो  || 

 

GALATII ( KSHANIKAA )

 

                           गलती 

 

गलतियाँ सभी से होती हैं मगर , 

 हर कोई उनसे सीख नहीं लेता , 

जो कोई अपनी गलतियों से सीख लेता है  ,

और अपने ज्ञान को बढ़ा लेता है   || 

 

कुछ लोग अपनी , गलती  को छिपा लेते हैं ,

उनका राज छिपा रहता है , उसे लिए हुए ही ,

वह कोई सीख नहीं लेते , और जीवन पूरा कर लेते हैं  || 

 

अगर हम अपनी गलती से , कुछ सीख लेंगे  ,

तो जीवन सुखी बना सकते हैं , अपने साथ ही  ,

हम अपनों का जीवन भी  , सुखी बना सकते हैं  || 

 

Wednesday, June 18, 2025

BHAAV AUR LAY ( KSHANIKAA )

 

                             भाव और लय 

 

जिंदगी में कुछ रिश्ते , ईश्वर के बनाए होते हैं ,

और कुछ रिश्ते , हम खुद बनाते हैं ,

माता - पिता , भाई - बहिन सब , ईश्वर प्रदत्त हैं  ,

दोस्त ,सखा , सहेली , हम स्वयं  चुन लेते हैं  ||  

 

पति अपने लिए पत्नि , खुद चुनता है ,

पत्नि अपने लिए पति , खुद चुनती है  ,

हम बगिया खुद बना लेते हैं , फूलों के गुच्छे खिलाते हैं ,

मगर महक फैलाना , हमारे हाथ में नहीं है दोस्तों  || 

 

मीठे बोलों से हम , गीत बना लेते हैं ,

मगर उनमें भाव हम नहीं , ईश्वर भरते हैं ,

उन गीतों के लिए , संगीत हम बना लेते हैं  ,

मगर उनकी लय हम नहीं , ईश्वर बनाते हैं  ,

भाव और लय तभी तो , सबके दिलों लो छू जाते हैं  ||  

 

Tuesday, June 17, 2025

MAHAKAAEN ( KSHANIKAA )

 

                           महकाएँ 

 

निंदिया की ओढ़नी ओढ़कर , सपनों की लड़ियाँ जाग गईं ,

मुस्कानों की ओढ़नी ओढ़कर ,फूलों की लड़ियाँ जाग गईं ,

खुश्बुओं की ओढ़नी ओढ़कर , बगिया सारी महक गई  || 

 

जीवन की राहें जोड़कर , जब साथ में हम चलते हैं ,

मंजिल तो दूर नहीं है , पग - पग हम चलते जाते हैं  ,

मंजिल को पाने के लिए , जीवन भर हम चलते जाते हैं  || 

 

राही जब एक मंजिल के हों , तो सारा ही रास्ता ,

एक मुस्कान  के साथ  , बीत जाता है ,

समय भी जल्दी ही , बीत जाता है ,

चलो मुस्कान बनकर ,  अपनी बगिया महकाएँ  || 

 

Monday, June 16, 2025

BHOLAAPAN ( JIVAN )

 

                        भोलापन 

 

किसी के एक शब्द से , दूजों ने वाक्य बनाया  ,

अपने विचारों में , उस शब्द को दूजों ने डुबाया ,

उस शब्द के अर्थ को , उन्होंने अनर्थ है बनाया ,

' राम ' शब्द को उन्होंने , ' मरा ' कह के जलाया  || 

 

दोस्तों ये दुनिया है , यहाँ का है ये जलवा ,

मुफ्त में खाना चाहते हैं खाना , मीठा सा हलवा ,

चाहे किसी को  मिले  ना , खाने को कलेवा ,

मगर खुद चाहते हैं  खाना , मीठा सा जलेबा  || 

 

ध्यान रखो दोस्तों , बचे रहो ऐसों से ,

लुट ना जाओ कहीं तुम , अपने भोलेपन से ,

जिंदगी तुम्हारी है , सोचो जरा समझो ,

खाली ना हो जाओ , कहीं अपने धन से  || 

 

Sunday, June 15, 2025

BADAA - CHHOTAA ( KSHANIKAA )

 

                          बड़ा - छोटा 

 

जिंदगी में और दुनिया में , बदलाव जरूरी है ,

बदलाव ही प्रगति के लिए जरूरी है ,वैसे आएगा बदलाव ,

पहले सब अपनी सोच को बदलें , तभी बदलाव आएगा  || 

 

कुछ लोग अपनों को दर्द देते हैं , गैरों को खुश करते हैं ,

ऐसे लोगों की इस सोच पर , पूर्ण विराम लगाना जरूरी है ,

ऐसे लोगों पर कोई भी , विश्वास नहीं कर सकता है  || 

 

यदि किसी मशीन में जंग लगता है , तो उसके पुर्जे शोर करते हैं ,

मगर यदि किसी की अक्ल में जंग लगे ,

तो उसकी जुबान शोर करती है ,

तो दर्द देने वालों की , अक्ल का इलाज जरूरी है  || 

 

वही लोग दूसरों को छोटा समझ कर , उनका मजाक बनाते हैं  ,

मगर दोस्तों सामने वाले को छोटा समझने वाला ,

खुद ही छोटी सोच रखने वाला हूँ ,

इसलिए वह खुद छोटा है ना कि बड़ा  || 

 

Saturday, June 14, 2025

SAPNON KAA GAANV ( JIVAN )

 

                    सपनों का गाँव 

 

दोस्तों एक बार पहुँच गए हम , सपनों के गाँव में ,

जहाँ फूले थे , हरे - भरे से खेत , और बाग - बगीचे ,

रंग - बिरंगे फूल खिले थे , महके हुए चमन में   || 

 

नदिया की  धार गुजरती थी , गाँव के आँगन से ,

उस नदिया की कल -  कल धारा , बहती  थी उस धार में ,

उसमें सुंदर जीव हैं पलते , सपनों के उस गाँव में  || 

 

पनघट सुंदर सा खिलता है , उस गाँव के बीच में ,

कभी कुछ पनिहारियाँ थीं भरतीं , पानी उस पनघट से ,

आज वो पनघट सूना - सूना , नहीं  पनिहारियाँ  || 

 

पीपल , बरगद ,नीम की छाँव घनेरी , राही बैठें छाँव में ,

उन पेड़ों पर बहुत से पंछी , रहते थे घोंसलों  में ,

उन की मधुर आवाज गूँजती थी , उस गाँव में ,

उसी गाँव में हम तो घूमें , अपनी नींद के सपनों में   || 

 

Friday, June 13, 2025

KAUN HOON ? ( KSHANIKAA )

 

                      कौन हूँ  ? 

 

मैं एक सुईं की तरह हूँ दोस्तों  ,

पूरा जीवन , जो दिल की डोर से जुड़कर ,

अपनों के रिश्तों को सिलती रही ,

सुंदर से नमूनों से सजाकर , सुंदर बनाती रही ,

बताओ दोस्तों  ----  मैं कौन हूँ   ??  

 

मैं एक बीज की तरह हूँ , जो मिट्टी में दबकर ,

एक पौधे को जन्म देकर , फूल खिलाती हूँ ,

और फूलों की खुश्बुओं से , सभी   रिश्तों को महकाती रही ,

बताओ  दोस्तों  ----  मैं कौन हूँ   ?? 

 

मैं जल की एक बूँद की तरह हूँ ,

जो चकोर की प्यास की तरह ,

अपने सभी रिश्तों को सींचती रही ,

ये नदिया , समंदर , सभी मुझसे ही जल पाते हैं ,

मगर फिर भी मेरे अस्तित्व को , कोई नहीं मानता ,

बताओ दोस्तों  ----   मैं कौन हूँ   ?? 

 

Thursday, June 12, 2025

ANTAR YAADON KA ( KSHANIKAA )

                      

                 अंतर यादों का 

 

हमारे अंतर्मन में दबी कुछ यादें , खुशी देती हैं ,

और वहीं कुछ यादें दर्द देती हैं ,

हमें यही तो पता नहीं है , कि हम किसे याद करें  ?? 

 

खुशी देने वाली यादों का ध्यान करें ,

तो बहक जाते हैं हमारे कदम ,

दर्द देने वाली यादों का ध्यान करें ,

तो कुछ सीख ही मिल जाती है  || 

 

बताओ दोस्तों , ऐसा क्यों होता है  ?

अगर आप जानते हो , तो बताना जरूर  || 

 

Wednesday, June 11, 2025

ROSHANII ( KSHANIKAA )

 

                                 रोशनी  

 

हर सोच के लोग दुनिया में , हर रंग के फूल बगिया में ,

सारी दुनिया को नया बनाते हैं , 

सारी दुनिया को महकाते हैं  , 

जैसे आसमां के तारे , दुनिया को जगमगाते हैं    || 

 

तुम भी अपने विचार ,और कला से दुनिया को ,

सुंदरता और जगमगाहट से , भर दो   दोस्तों ,

तभी तो दुनिया जीवंत ,

और अर्थपूर्ण दिखाई देगी दोस्तों  || 

 

दिन हो या रात , सूरज भी निकलेगा ,

चाँद भी चमकेगा , गगन में ,

उनकी रोशनी दुनिया को  चमकाएगी ,

और मानव का जीवन भी , रोशन हो जाएगा दोस्तों  || 

 

हम सब भी तो ,उन्हीं में शामिल हैं दोस्तों ,

हम भी रोशनी में ,नहा जाएँगे दोस्तों ,

और होठों की मुस्कान , भी चमक उठेगी दोस्तों  || 

 

 

 

Tuesday, June 10, 2025

LIBAAS ( KSHANIKAA )

 

                        लिबास  

 

जिंदगी ने जब अपना , बनाया हुआ लिबास हमें पहनाया ,

तो दोस्तों उसमें कुछ टूटे हुए , धागे लटके थे ,

कुछ छेदों पर हुए , रफू के निशान थे ,

ये लोगों के दिए हुए , दर्द के निशान थे ,

और हमारे किए हुए समझौते थे  || 

 

जिंदगी के इस लिबास को , रंगीन बनाने के लिए ,

उसमें अपनी सोच के , सुंदर विचारों के धागे से ,

प्यार के मोती टाँक लो दोस्तों ,

कुछ सुंदर फूलों के , नमूने बना लो दोस्तों  || 

 

बना लिए   ? तो लिबास सज गया ना  ?

चलो अब मुस्कुरा कर , इस लिबास को ,

पहन कर खुश हो जाओ दोस्तों  ,

खिलखिलाओ , और खिलखिलाओ दोस्तों  || 

 

Monday, June 9, 2025

KEEMATII ( KSHANIKAA )

 

                                  कीमती 

 

कल थे वो कुछ अलग रंग के  , आज रंग अलग है ,

कल कौन सा रंग होगा ,कौन जाने  ? ईश्वर ही जाने  || 

 

क्या ऐसे व्यक्तित्व , विश्वास के काबिल हैं  ? ईश्वर ही जाने ,

अविश्वास , संदेह शब्द ही ,उनके व्यक्तित्व पर जँचते हैं ,

विश्वास , भरोसा , ये शब्द , उनके योग्य नहीं हैं दोस्तों  || 

 

कीमत इन शब्दों की कौन जानता है  ? 

क्या वो रंग बदलने वाले  ? नहीं दोस्तों वो नहीं , 

मगर हम जानते हैं , इन शब्दों की कीमत ,

आप  भी जानते हैं ना  , इन शब्दों की कीमत ,

बहुत कीमती शब्द हैं ये सब  || 

 

Sunday, June 8, 2025

UCHIT ( KSHANIKAA )

 

                                       उचित 

 

जो मिल गया है विरासत में , हमको और तुमको दोस्तों ,

उसी में तो गुजारा करना है ,

विरासत में मिले खजाने से ही , हमको और तुमको दोस्तों ,

अपना गुजारा करना है  || 

 

कलम मिलीं हैं , लिखने को डायरी ,यही खजाना है दोस्तों ,

मगर शब्दों का , भंडार तो नहीं मिला है ,

क्या करें कलम और डायरी का हम  ?

जब ज्ञान ही हमें नहीं  मिला है  || 

 

चलो ढूँढते हैं  शब्दों का खजाना ,

कुछ दिल से ,कुछ सोच से ,

कुछ अपनों के और कुछ दूजों के व्यवहार से ,

क्यों दोस्तों ये सब उचित है ना  ?? 

 

Saturday, June 7, 2025

DASTOOR ( KSHANIKAA )

 

                       दस्तूर 

 

ना चाहते हुए भी हम दोस्तों , 

दूजों के किए गलत व्यवहार को ,सहते चले गए ,

कि शायद सब कुछ ठीक हो जाए ,

मगर सब कुछ बिगड़ता चला गया  || 

 

मौसम की गर्मी की तरह , सब कुछ जलता चला गया ,

हमने सोचा मौसम साथ देगा , 

मगर ना  बदरा  छाए , और ना बारिश ही हुई  || 

 

काश कुछ समझ आ जाता , हम बदलते चले जाते ,

मगर अब क्या कर सकते हैं  ?

कुछ भी नहीं बदल सकता है  दोस्तों  || 

 

दस्तूर है दुनिया का , अपने मन की चलाओ ,

चाहे दूसरा परेशान हो , 

और यही रास्ता सब अपनाते हैं , अपने मन की चलाते हैं   || 

 

Friday, June 6, 2025

PYAAR KII SYAAHII ( PREM )

 

                            प्यार की स्याही 

 

कुछ टूटे धागे , जोड़े तो लगीं गाठें , कुछ छेद जिंदगी के ,

उनमें जो रफू की , यही तो जीवन है दोस्तों ,

जिसको हर कोई जी रहा है ,

साथ में ही सच्चे साथी को , बेकल होकर ढूँढ रहा है  || 

 

भावनाओं में बहकर हर  कोई ,

 आँखों में चमक लाने की  कोशिश में है , 

होठों पर खिलने वाली मीठी सी , मुस्कान ढूँढ रहा है  || 

 

दोस्तों क्या आप भी इसी पंक्ति में खड़े  हैं  ?

क्या आपके दोस्त आपके साथ हैं  ?

या आप भी अपने साथी , अपने दोस्त को ढूँढ रहे हैं  ?? 

 

आज दोस्तों मेरी कलम , जिंदगी के प्यार में डूबी ,

शब्दों के भंडार को ढूँढ रही हैं  ,

वो शब्द जो जिंदगी की जान हैं , दिल का अरमान हैं ,

प्यार की स्याही में डूबकर ये कलम , 

जब कागज पर , उन शब्दों को उकेरेगी ,

तो प्यार के फूल मुस्कुराएँगे , दिल को महकाएँगे  ||  

Thursday, June 5, 2025

DONON KINAARE ( KSHANIKAA )

 

                       दोनों किनारे 

 

जिंदगी में कुछ दर्द मिले , और कुछ मुस्कानें  भी ,

मगर पदचाप तो कोई नहीं मिली , दोनों के आने की ,

अचानक से दर्द आया ,तो आँसू छलक पड़े ,

आई मुस्कान तो हम , खिलखिला दिए  || 

 

जब दोस्त सभी मिल गए , तो महफिलें सज गईं ,

जब दोस्त बिछड़ गए , तो मानो जान ही निकल गई  ,

आज सभी दोस्त दूर हैं , मिलना भी मुश्किल है  || 

 

दूर - दूर  , रहते - रहते , राहें बदल गई हैं सबकी  ,

कोई सागर के इस   पार है , कोई सागर के उस  पार है ,

 दोनों किनारों पर ही , उनके साथ दोस्तों की कतारें हैं   || 

 

Wednesday, June 4, 2025

SAANKAL ( CHANDRAMAA )

 

                                    साँकल 

 

खोल दे साँकल , अपने द्वार की चंदा ,

तभी तो तेरी दोस्त , आएगी अंदर चंदा ,

मिलेंगे दोनों  दोस्त , बहुत दिन बाद चंदा ,

होंगी ढेरों बातें , आपस में चंदा  || 

 

तेरा द्वार जब  खुलेगा , हम दोनों मिलेंगे ,

चाय की चुस्की के संग , दोनों बातें करेंगे ,

मुस्कानों में डूब सारे , खुश हम को करेंगे ,

ऐसे ही तो जीवन , व्यतीत हम करेंगे  || 

 

रोज मिलें ना मिलें हम , मगर जल्दी हम मिलेंगे ,

दोस्ती की मुस्कुराहटें , हम साथ में जियेंगे ,

इन्हीं मुस्कुराहटों में तो , हम डूबे रहेंगे  || 

 

अब जाती हूँ मैं , तू  द्वार बंद कर ले चंदा ,

अपने द्वार की तू , साँकल चढ़ा ले चंदा ,

फिर से जब मैं आऊँगी , साँकल खड़काऊँगी चंदा ,

तब आज की तरह , तू खोलना साँकल अपने द्वार की चंदा  || 

 

Tuesday, June 3, 2025

RAASTAA ( KSHANIKAA )

 

                               रास्ता 

 

राहें जीवन की आसान नहीं थीं दोस्तों ,

मगर उन्हीं पर चलते गए , हम चलते गए ,

रुकावटों को पार करते रहे , मगर जीवन जीते रहे ,

आगे की राहें पार कर पाएँगे या नहीं , हम नहीं जानते  || 

 

राहों में काँटे आएँगे या फूल ,हम नहीं जानते ,

राहों के अँधियारे में एक दीपक , भी होगा या नहीं ,

हम नहीं जानते ,

मगर चलना तो हर हाल में है , तो हम चलेंगे , हम चलेंगे || 

 

राहों के काँटे चुन लेंगे अपने हाथों से ,

साफ कर लेंगे अपना रास्ता ,

राहों के अँधियारे में एक दीपक जलाकर ,

उजियारा करेंगे अपना रास्ता ,

और फिर दोस्तों हम चलेंगे ही नहीं ,

दौड़कर करेंगे पूरा अपना रास्ता  ||